विमान दुर्घटना और हनीमून हत्या

punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 05:11 AM (IST)

इस सप्ताह दो घटनाएं समाचारों की सुर्खियां बनीं। मैं दोनों पर टिप्पणी करूंगा पहले अहमदाबाद में विमान दुर्घटना पर और फिर मेघालय में हनीमून मर्डर पर। अहमदाबाद में बोइंग कम्पनी के ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। आज के युग में हवाई यात्राएं उतनी ही पैदल यात्रा वाली हैं जितनी मेरे बचपन के दिनों में समुद्री यात्राएं हुआ करती थीं। बेशक, रेलगाड़ी या यात्री बस से यात्रा करना अधिक आम था क्योंकि पैर जमीन पर होते थे और इससे मानसिक आराम मिलता था। मेरी पहली हवाई यात्रा मार्च 1973 में हुई थी। मुझे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) में डी.आई.जी. के पद पर नियुक्त किया गया था। मैं पुलिस विभाग में कार्यरत था ,जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है। 1 मार्च ,1973 को मैं इंडियन एयरलाइंस से बम्बई से हैदराबाद गया। वह मेरी पहली उड़ान थी लेकिन निश्चित रूप से आखिरी नहीं। दरअसल सी.आर.पी.एफ. में मुझे हर महीने एक बार या अधिकतर दो बार हवाई यात्रा करनी पड़ती थी, ताकि मैं अपने प्रभार में सौंपी गई 8 बटालियनों में से किसी एक से संपर्क कर सकूं।

बाद में 1979 में जब मैं केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से अपने मूल राज्य महाराष्ट्र लौटा तो मुझे जापानी सरकार के अतिथि के रूप में जापान में 7 सप्ताह की कार्यशाला में भाग लेने के लिए चुना गया। और इसके लिए जनवरी 1980 में जापानी एयरलाइन जे.ए.एल. द्वारा टोक्यो के लिए उड़ान भरना आवश्यक हो गया। यह विदेश की कई यात्राओं में से पहली थी। अहमदाबाद विमान दुर्घटना के कारणों का पता विशेषज्ञों द्वारा ‘ब्लैक बॉक्स’ के डाटा का विश्लेषण करने के बाद लगाया जाएगा। लेकिन जो नागरिक थोड़ी-सी भी सामान्य बुद्धि से संपन्न हैं,वे मुझसे सहमत होंगे कि सत्ता में बैठी सरकारों को मुख्य रूप से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हवाई अड्डों के पास मानव  बस्तियों की अनुमति नहीं देनी चाहिए लेकिन पक्षियों को आकर्षित होने से बचाने और मानव जीवन की हानि से बचने के लिए भी ऐसा करना चाहिए जैसा कि अहमदाबाद में हुआ था, जब विमान मैडीकल इंटर्न और छात्रों के छात्रावास भवन पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। मुझे आश्चर्य है कि हवाई अड्डे के पास इन निर्माणों को बनने की अनुमति किसने दी।

दूसरा खतरा तब उत्पन्न होता है जब सरकार  समुद्र तट पर 20 और 40 मंजिला इमारतें बनाने की अनुमति दे देती है। भले ही निर्माण कार्य विमानों के उड़ान भरने या उतरने की दिशा में न हो, लेकिन ये इमारतें शहर में पानी की बढ़ती मांग और घटती आपूर्ति के कारण जलापूर्ति की समस्या उत्पन्न करेंगी। आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अग्निशमन कर्मियों के सामने अन्य प्रकार की कठिनाइयां आएंगी। अहमदाबाद हमारे प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री का सुखद प्रवास स्थल था। मोदी को कनाडा में एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेना था, जहां उनकी मुलाकात कनाडा के नए प्रधानमंत्री से होनी थी। एक महत्वपूर्ण राष्ट्रमंडल देश के साथ संबंध सुधारने के लिए तैयारी की आवश्यकता थी। विमान दुर्घटना के कारण मोदी को अपने गृह राज्य की यात्रा के लिए समय निकालना पड़ा। यदि वह घटना के तुरंत बाद वहां नहीं पहुंचते तो गुजरात में उनके असंख्य समर्थक निराश हो जाते। वह इस बात से अवगत थे। छोटे से राज्य मेघालय की राजधानी शिलांग के उपनगरीय क्षेत्र में हुआ ‘हनीमून मर्डर’ अब मेरा ध्यान आकॢषत कर रहा है। यह कहना जरूरी है कि इस छोटे से राज्य की पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने वाले अपराधों की जांच करने का अनुभव न होने के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया है।

मेघालय के निवासी, खासी और गारो दोनों, कानून का पालन करने वाले हैं। मुंबई जैसे बड़े, महानगरीय शहर में भी दुल्हन द्वारा दूल्हे की ‘हनीमून’ हत्या पर सभी की भौंहें तन जातीं। शिलांग में यह बात कई वर्षों तक चर्चा का विषय बनी रहेगी। लेकिन जिस बात ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया, वह थी जिस गति से तुलनात्मक रूप से अनुभवहीन पुलिस जांचकत्र्ताओं ने युवा दुल्हन की घिनौनी साजिश का पर्दाफाश किया और हत्यारों को सजा दिलाई। जिस दिन यह अपराध हुआ, उसी दिन दो अन्य घटनाएं भी हुईं जिनमें पत्नियों द्वारा पतियों की हत्या की खबरें अंग्रेजी दैनिकों के भीतर के पन्नों में छपी थीं। एक मामला तो ऐसा था जिसमें एक पत्नी किसी अन्य व्यक्ति से प्रेम करती थी  जो असामान्य बात नहीं है। उसने अपने पति से छुटकारा पाने के लिए अपने प्रेमी की मदद ली जो उनकी योजना में बाधा बन रहा था।
महिलाएं हमारी रक्षा सेवाओं की लड़ाकू शाखाओं में शामिल होने के लिए भी तैयार हैं। हमारे प्रधानमंत्री लगातार हमारी बहनों और बेटियों को आगे बढऩे और अपनी गिनती में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं। हालांकि किसी ने भी उन्हें हिंसा का सहारा लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया है लेकिन हनीमून मर्डर का अध्ययन करने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि कुछ युवतियां अपने पुरुषों की नकल करते हुए ऐसी गतिविधियां कर रही हैं जो महिला सशक्तिकरण के दायरे से बाहर हैं।-जूलियो रिबैरो(पूर्व डी.जी.पी. पंजाब व पूर्व आई.पी.एस. अधिकारी) 
 


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