पेपर लीक से कम होता युवाओं का उत्साह
punjabkesari.in Monday, Jan 02, 2023 - 04:26 AM (IST)

कोरोना महामारी के बाद देश मेंं बेरोजगारी की समस्या और भी ज्यादा बढ़ी है। वर्तमान में विभिन्न नौकरियों के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक करवाने और अनुचित तरीकों से उम्मीदवारों को पास करवाना अवैध व्यापार के रूप में दुर्भाग्यपूर्ण रूप से उभर रहा है। अनेक माफिया गिरोह इसमें संलिप्त हैं। सैंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सी.एम.आई.ई.) की एक रिपोर्ट के अनुसार देश मेंं बेरोजगारी दर अगस्त, 2022 मेंं बढ़कर 8.28 प्रतिशत पर पहुंच गई।
ग्रामीण क्षेत्रों मेंं यह आंकड़ा 7.68 प्रतिशत पर और शहरी क्षेत्र मेंं 9.57 प्रतिशत पर दर्ज किया गया। जबकि मई 2022 मेंं बेरोजगारी दर 7.14 प्रतिशत थी, जिसमेंं शहरी क्षेत्र मेंं यह आंकड़ा 8.24 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र मेंं 6.63 प्रतिशत पर दर्ज किया गया था। वहीं अक्तूबर माह मेंं बेरोजगारी दर 7.77 प्रतिशत थी, जिसमेंं शहरी क्षेत्र मेंं यह दर 7.21 प्रतिशत आंकी गई, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों मेंं यह दर 8.04 प्रतिशत थी।
27 मार्च को जम्मू-कश्मीर सर्विसिज सिलैक्शन बोर्ड की ओर से लेखा सहायकों के विभिन्न पदों की नियुक्ति के लिए ली जाने वाली परीक्षा में अनियमितता तथा प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में दोषियों की तलाश में विभिन्न स्थानों पर छापामारी की गई। 26 और 27 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक इंजीनियर (सिविल) परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले मेंं सी.बी.आई. ने 9 नवम्बर को आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी।
28 नवम्बर को पश्चिम बंगाल में होने वाली डिप्लोमा इन एलिमैंट्री एजुकेशन परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले मेंं जांच सी.आई.डी. को करने के आदेश दिए गए। 23 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश के जूनियर ऑफिसर असिस्टैंट के लिए 25 दिसम्बर को ली जाने वाली परीक्षा लीक करने के मामले में हमीरपुर मेंं हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की कर्मचारी, उसके बेटे, 2 अभ्यर्थियों व दलाल सहित 5 लोगों को 5 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप मेंं गिरफ्तार किया गया। 24 दिसम्बर को राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से सैकेंड ग्रेड अध्यापक भर्ती के लिए ली जाने वाली सामान्य ज्ञान परीक्षा लीक होने के कारण रद्द हो गई।
दिल्ली मेंं पढ़ रही अनुष्का के अनुसार, ‘‘हम इस धांधलेबाजी से परेशान हैं। हम मेहनत करके पेपर देते हैं और फिर वह लीक हो जाता है। हमारी सारी मेहनत खराब हो जाती है।’’ मोहाली जिले के रहने वाले सुखदेव सिंह पिछले 3 वर्षों से सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे लेकिन भॢतयां न आने से हताश होकर उन्होंने हाल ही मेंं एक प्राइवेट संस्था मेंं नौकरी कर ली है।
प्राइवेट संस्था मेंं नौकरी कर रहे 29 वर्षीय अमन बताते हैं, ‘‘मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूं। मेरे घर मेंं मम्मी, पापा और दो बहनें हैं। पापा की गांव मेंं ही परचून की एक दुकान है। मैंने बी.एससी. की है और ग्रैजुएशन के बाद ही स्टाफ सिलैक्शन कमीशन (एस.एस.सी.) और रेलवे की तैयारी के लिए देहरादून आ गया था। लेकिन अब कब तक घर वालों से पैसा लेता। दूसरे शहर मेंं रहने पर हजारों खर्च होते हैं। अंत मेंं हारकर मैंने प्राइवेट नौकरी ही कर ली। अब मुझे 12,000 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं।’’
सवाल उठना स्वाभाविक है, क्या सरकारी सेवाओं व शिक्षण संस्थानों मेंं नकल के मार्फत सफल होने वाले अयोग्य व्यक्ति अपने पद की गरिमा का महत्व समझेंगे? क्या इन अयोग्य व्यक्तियों के चुने जाने से मेहनतकश छात्रों व प्रतियोगियों का मनोबल नहीं गिरेगा? ऐसे ही और भी कई सवाल हैं जिनके संतोषजनक जवाब तभी मिलेंगे जब यह सब बंद होगा। धूर्त मानसिकता के लोगों के द्वारा प्रश्न पत्र लीक कर और परीक्षा में नकल करवा कर काबिल उम्मीदवारों का अधिकार छीना जा रहा है। पारंपरिक तरीकों को छोड़ कर नए तरीके ढूंढने के साथ-साथ शिक्षा के पैट्रन मेंं बड़े बदलाव की जरूरत है। पेपर लीक की समस्या युवाओं के नए भारत के निर्माण के प्रति उत्साह को कुंद कर रही है।-सुखदेव वशिष्ठ