पी.एम. मोदी स्वतंत्र भारत के सबसे ‘परिवर्तनकारी’ नेता

Thursday, Sep 17, 2020 - 04:45 AM (IST)

विश्व के सबसे अधिक जनसमर्थन वाले प्रधानमंत्री, महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि गुजरात के लाल, नरेंद्र मोदी के दर्शन और कत्र्तव्यपरायणता महात्मा गांधी के निकट है। गांधी जी द्वारा प्रतिपादित मानवता, समानता और समावेशी विकास के सिद्धांतों पर चलकर उन्होंने भारत के अब तक के सबसे जनप्रिय प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त किया है। जन सेवा और राष्ट्र धर्म का उन्होंने अनुपालन कर जो आदर्श स्थापित किया है, एक सुनहरे भारत का निर्माण तो करेगा ही, विश्व के लिए भी कल्याणकारी होगा। नव भारत और आत्मनिर्भर भारत के सपनों को लेकर एक श्रेष्ठ और समर्थ भारत के निर्माण को संकल्पित व समॢपत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 70 वर्ष के हो गए। 

17 सितम्बर 1950 को दामोदरदास मोदी और हीरा बा के घर जन्मे नरेंद्र मोदी का बचपन राष्ट्र सेवा की एक ऐसी विनम्र शुरूआत है, जो यात्रा अध्ययन और आध्यात्मिकता के जीवंत केंद्र गुजरात के मेहसाणा जिले के वडऩगर की गलियों से शुरू होती है। 7 अक्तूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 12 वर्षों में गुजरात में हुए अभूतपूर्व एवं समग्र विकास के आधार पर, यू.पी.ए. सरकार के भ्रष्टाचार और नीतिगत पंगुता से त्रस्त पूरे देश ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के एकमात्र विकल्प के रूप में स्वीकार्यता दिलाई। 26  मई 2014 को उनके नेतृत्व में पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत मिला और वे देश के 15वें प्रधानमंत्री बने। 

‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ’ के मूल मंत्र से उन्होंने देश का जो अभूतपूर्व सर्वांगीण विकास किया, इससे उन्होंने जन-जन के हृदय में अपनी जगह बनाई। जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से 2019 के आम चुनाव में उन्हें ऐतिहासिक समर्थन मिला और 30 मई 2019 को दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है। ऊर्जावान, समॢपत एवं दृढ़ निश्चयी नरेन्द्र मोदी प्रत्येक भारतीय की आकांक्षाओं और आशाओं के द्योतक हैं। नव भारत के निर्माण की नींव रखने वाले नरेन्द्र मोदी करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों का चेहरा हैं। 

एक प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की अंतर्दृष्टि, संवेदना, कर्मठता, राष्ट्रदर्शन व सामाजिक सरोकार स्वतंत्र भारत के अब तक के इतिहास में अद्वितीय है। मई 2014 से लेकर आज सितम्बर 2020 के छह साल साढ़े तीन महीने के अपने रिकॉर्ड प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में उन्होंने जन सेवा और राष्ट्र धर्म के जो आदर्श स्थापित किए हैं, भारतीय राष्ट्र के बेहतर भविष्य के लिए  अनुकरणीय हैं। आज यह पूरे राष्ट्र का,जन-जीवन का संकल्प बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक और राष्ट्र के प्रति सेवा धर्म का जो कत्र्तव्यपथ तैयार किया है, सम्पूर्ण भारत का उनको साथ प्राप्त है। 

पी.एम. केयर्स फंड का उपयोग कोरोना से और भविष्य में इस प्रकार की गंभीर चुनौतियों से शीघ्रता और तत्परता से निपटने के लिए चिकित्सीय ढांचागत सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। भारत का यह सशक्त होता सामथ्र्य, नरेंद्र मोदी का जन और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण तथा उनके नेतृत्व में जन आस्था का परिणाम है। 5 अगस्त को भारतीय जन आस्था के केंद्र और राष्ट्र की सांस्कृतिक नगरी अयोध्या में भगवान् श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के अवसर पर पधारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ‘राम काज किन्हें बिनु, मोहि कहां विश्राम’। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे, कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हम सबकी, हमारी वर्तमान और भावी पीढिय़ों की जिम्मेदारी है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत के सबसे परिवर्तनकारी नेता हैं। उनके नेतृत्व में, भारत ने सबसे बड़ा सत्ता परिवर्तन देखा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी का उदय सत्ताधारी दल के रूप में एक नई राजनीतिक सोच तथा शैली के रूप में हुआ, जिसने कांग्रेस की 6 दशकों की श्रेष्ठता को अप्रासंगिक बना दिया। नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी एवं प्रभावी नेतृत्व में आधुनिक, डिजीटल, भ्रष्टाचार-मुक्त, जवाबदेह  और विश्वसनीय सरकार का आविर्भाव हुआ है तथा जनता को भी अभूतपूर्व रूप से भागीदार बना दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल राजनीतिक कार्यकत्र्ता हैं, बल्कि एक कविहृदय साहित्यकार भी हैं। अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद उन्होंने दर्जनभर पुस्तकें लिखी हैं। 

मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने गुजराती भाषा में 67 कविताएं लिखी थीं। मोदी के राजनीतिक दर्शन का मूलमंत्र अंत्योदय है। प्रत्येक निर्णय के केंद्र में वंचित, गरीब, मजदूर, किसान हैं। मोदी के योग्य और निर्णायक नेतृत्व में कश्मीर से कन्याकुमारी तक और कच्छ से किबिथू तक ‘एक राष्ट्र, एक कर’, ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार हो रहा है।-प्रभात झा भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद 

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