सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही एयरपोर्ट पर धोते हैं हाथ

punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2020 - 03:43 AM (IST)

स्कूल की टीचर्स से लेकर डॉक्टर्स तक किसी भी कार्य के बाद हाथों को अच्छे से धोने के लिए कहते हैं। इसके पीछे का कारण बिल्कुल आईने की तरफ साफ है। हमारे हाथों में ही महामारी का राज छिपा हुआ है।

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस और बैक्टीरिया के फैलने का सबसे बड़ा कारण है गंदे हाथ। न जाने दिनभर में हम कई ऐसी वस्तुओं को छूते हैं, खासकर सार्वजनिक स्थलों पर फिर चाहे वह बस स्टैंड हो, रेलवे स्टेशन हो या फिर हवाई अड्डा। ऐसे में एक व्यक्ति के हाथ के जीवाणु उस वस्तु में लग जाते हैं। जब जितने लोग उसे छुएंगे, उनके हाथ भी उन जीवाणुओं या बैक्टीरिया के संपर्क में आ जाएंगे। हाल ही में एम.आई.टी. (अमरीका) द्वारा किए गए एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि केवल 20 फीसदी लोग ही एयरपोर्ट पर हाथ धोते हैं।

अब मान लीजिए कोई व्यक्ति कोरोना वायरस या किसी अन्य भयंकर बीमारी से संक्रमित है और वह एयरपोर्ट पर खांसता या छींकता है फिर वह अपने मुंह को ढकने के लिए हाथ का इस्तेमाल करता है। फिर उसी हाथ से न जाने कितनी वस्तुओं को छूता है। अब जब अन्य व्यक्ति उन दूषित वस्तुओं के संपर्क में आता है तो यह लाजिमी है कि वह भी इस बीमारी की चपेट में आ जाएगा। इस अध्ययन में यह भी दावा किया गया है कि एक से दूसरे में बीमारी फैलने का सबसे प्रमुख कारण है, लोगों का हाथ न धोना। इस अध्ययन में यह भी कहा गया कि यदि कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाना है तो विश्व के 10 प्रमुख एयरपोर्ट्स पर हाथ की सफाई पर जोर देने की जरूरत है। 

मुंबई मनपा के प्रमुख अस्पताल व मैडीकल कॉलेज के संचालक व नायर अस्पताल के डीन डॉ. रमेश भारमल ने कहा कि जब भी हम एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं तो हम एक-दूसरे को अनजाने में लाखों जीव-जंतुओं का आदान-प्रदान करते हैं। इससे वायरल इन्फैक्शन, पैरासाइट इन्फैक्शन, बैक्टीरियल इन्फैक्शन और फंगल इन्फैक्शन होने का खतरा बना रहता है। इसलिए हमारी जो प्राचीन संस्कृति है हमें उसका पालन करना चाहिए। हम जब भी किसी से मिलें तो उससे हाथ मिलाने की बजाय नमस्ते करें।     


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