अब मूल बातों पर वापस जाने की तैयारी में मायावती

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2024 - 05:30 AM (IST)

जैसा कि स्पष्ट है कि बसपा 2024 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई और उसके मूल दलित वोटों के अन्य दलों में चले जाने की खबरें सामने आईं। अब बसपा सुप्रीमो मायावती मूल बातों पर वापस जाने और पार्टी की बहुजन रणनीति को फिर से तैयार करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने अतीत से हटकर उत्तर प्रदेश (यू.पी.) की 9  सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव लडऩे का भी फैसला किया, लेकिन पार्टी न तो एक भी सीट जीत सकी और न ही मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकी। इस हार के बाद मायावती ने चुनावी धांधली को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जब तक चुनाव आयोग इन मुद्दों को नहीं सुलझाता, तब तक बसपा देश में कोई भी उप-चुनाव नहीं लड़ेगी।

बसपा 15 जनवरी 2025 को अपना विस्तार अभियान शुरू करने जा रही है और उसने पूर्व नेताओं के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। पार्टी ने अखिल भारतीय पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ को भी अपने साथ जोडऩे का फैसला किया है। हालांकि, पार्टी के सामने चुनौती न केवल ब्राह्मण, मुस्लिम और गैर-यादव पिछड़े वर्ग के वोटों को वापस जीतना है बल्कि लगभग 21 प्रतिशत दलित वोटों को भी वापस जीतना है, जिसमें से 12 प्रतिशत जाटव हैं, जो मायावती की जाति है।

नीतीश कुमार को मिले भारत रतन : बिहार में अगले साल अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में जद (यू) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग दोहराते हुए कहा है कि वह इस सर्वोच्च सम्मान के हकदार हैं। इससे पहले अक्तूबर 2024 में पार्टी ने पटना में जद (यू) कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाकर सी.एम. नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग की थी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सैक्युलर) के जीतन राम मांझी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान समेत सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने पूरा भरोसा दिखाया था और मांग का समर्थन किया था। अब पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने हाल ही में मांग का समर्थन करते हुए कहा कि नीतीश कुमार इस सम्मान के पूरी तरह हकदार हैं।

वहीं विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जद (यू) नेताओं द्वारा अक्सर नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की बात दोहराए जाने और पोस्टर लगाने पर चुटकी ली है। लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि अगर नीतीश कुमार को भारत रत्न मिलता है, तो क्या वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे और अपनी पार्टी और सरकार को भाजपा को सौंप देंगे? हालांकि इसकी संभावना कम ही लगती है। हालांकि, भाजपा नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार को भारत रत्न दिए जाने के बाद उन्हें सक्रिय राजनीति से हटाना, उनके समर्थकों में सद्भावना और विश्वास पैदा करना और भाजपा के हाथों में राजनीतिक सत्ता सौंपना आसान हो सकता है।

विधानसभा चुनावों पर ‘आप’ की नजर: विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए, ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जमीनी स्तर के स्वयंसेवकों को जुटाने के अपने प्रयासों को मजबूत किया, उनसे दिल्ली सरकार की मुफ्त योजनाओं के बारे में जनता को सूचित करने का आग्रह किया। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को दिल्ली में महिलाओं को 1,000 की मासिक सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री ‘महिला सम्मान योजना’ शुरू करने की घोषणा की और वादा किया कि चुनाव के बाद यह राशि बढ़ाकर 2,100 कर दी जाएगी। दिल्ली की सभी महिलाएं आवेदन करने की हकदार हैं यदि वे कुछ शर्तों को पूरा करती हैं जैसे कि वे आयकर दाता, सरकारी कर्मचारी या पैंशनभोगी नहीं हैं।

इस योजना की घोषणा शुरू में 2024-25 के बजट में 2,000 करोड़ के आबंटन के साथ की गई थी। आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनाव अकेले लड़ रही है। केजरीवाल ने एक बार फिर ‘इंडिया’ ब्लॉक सहयोगी कांग्रेस के साथ गठबंधन को खारिज कर दिया। दूसरी ओर कांग्रेस ने 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की। कांग्रेस ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप, जो पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद भी हैं, को आगामी विधानसभा चुनावों में ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उनके गृह क्षेत्र नई दिल्ली से मैदान में उतारा है। सूची के अनुसार, देवेंद्र यादव को बादली से, चांदनी चौक के पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित को चांदनी चौक से, हारून यूसुफ को बल्लीमारान से, रागिनी नायक को वजीरपुर से टिकट दिया गया है।

ममता बनर्जी को ‘इंडिया’ ब्लॉक का नेतृत्व करना चाहिए:राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए गठित विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ममता को गठबंधन का नेतृत्व करने का अवसर दिया जाना चाहिए। अब ए.आई.सी.सी. के महासचिव और बिहार के सह-प्रभारी शाहनवाज आलम ने कहा कि अगर गठबंधन बिहार में अगली सरकार बनाता है तो उनकी पार्टी 2 उप-मुख्यमंत्री चाहेगी, जिसमें एक मुस्लिम भी शामिल होगा। उनके बयान का जोर उनकी पार्टी के पारंपरिक समर्थन आधार तक पहुंचने पर है, जिसमें मुस्लिम, उच्च जातियां और दलित शामिल हैं।-राहिल नोरा चोपड़ा


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