मोदी और मनमोहन सिंह की तुलना में वाजपेयी को बढिय़ा प्रधानमंत्री मानते हैं नवीन पटनायक

Friday, Dec 29, 2017 - 04:02 AM (IST)

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने पसंदीदा प्रधानमंत्रियों की सूची में अटल बिहारी वाजपेयी को मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी से ऊपर रखा है। अपने चयन को न्यायोचित ठहराते हुए नवीन ने यह कहते हुए वाजपेयी की प्रशंसा की कि उन्होंने एक बहुत मुश्किल गठबंधन  को बहुत काबिलियत से हैंडल किया और इस तरह ‘‘सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया था।’’ 

एक समाचार पत्र से विस्तारपूर्वक बातचीत करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री बनने या राष्ट्रीय स्तर की भूमिका अदा करने की उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं। जब उन्हें वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी में से बेहतरीन प्रधानमंत्री का चयन करने को कहा तो उन्होंने कहा: ‘‘मैं कैबिनेट मंत्री के रूप में वाजपेयी के साथ काम कर चुका हूं। जिस ढंग से उन्होंने एक असम्भव से गठबंधन को सम्भाले रखा वह सचमुच कमाल की उपलब्धि थी।’’ कांग्रेस और भाजपा से बराबर की दूरी रखने वाले नवीन ने इस सवाल को टाल दिया कि दोनों पार्टियों में से कौन अधिक बुरी या कौन अधिक अच्छी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि क्या भविष्य में भाजपा के साथ उनका गठबंधन हो पाएगा या नहीं। कुछ हलकों द्वारा ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि यदि ओडिशा में सत्तासीन बीजद दबाव में आ जाता है तो भाजपा के साथ उसका गठबंधन बनने की सम्भावनाएं हैं। 

जब नवीन पटनायक से पूछा गया कि उनकी सैकुलर पृष्ठभूमि के कारण क्या सैकुलर पाॢटयों द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उतारा जा सकता है तो उन्होंने कहा: ‘‘मैं ओडिशा की जनता की सेवा करके काफी संतुष्ट हूं। अभी भी मेरे करने के लिए बहुत काम शेष पड़ा है। ऐसे में मेरी कोई अन्य महत्वाकांक्षा नहीं है।’’ पार्टी से निकाले हुए नेताओं को बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में फिर से पार्टी में शामिल करने की सम्भावनाओं के बारे में नवीन ने कहा: ‘‘पार्टी सदैव अलग-अलग मामलों के गुण-दोष के आधार पर फैसला लेती है।’’ उल्लेखनीय है कि ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि बिजय महापात्र और दलीप रे जैसे नेता फिर से बीजद में लौट सकते हैं। 

71 वर्षीय नवीन सक्रिय राजनीति में अधिकतम आयु की सीमा निर्धारित करने के सवाल को ही टाल गए। यह सवाल जंगलात मंत्री विजयश्री राऊत्रे के परिप्रेक्ष्य में पूछा गया था जिन्होंने अपनी बढ़ती आयु के मद्देनजर अगला चुनाव न लडऩे की घोषणा कर दी है। नवीन इस सवाल को भी टाल गए कि 7वें वित्त आयोग की सिफारिशों का कार्यान्वयन करने के फलस्वरूप उनकी सरकार वित्तीय संकट का सामना कर रही है। ऊपर से केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों को दिए जाने वाले कोष में भी कटौती कर दी गई है। 

जब उन्हें उडिय़ा भाषा के अल्पज्ञान संबंधी पूछा गया तो उन्होंने इसका उत्तर ही नहीं दिया, हालांकि उनके विरोधी अक्सर इस मुद्दे को उछालते रहते हैं। जब उन्हें पूछा गया कि वह सक्रिय राजनीति के दबावों और मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के बोझ का प्रबंधन कैसे करते हैं तो नवीन पटनायक ने कहा कि मूल रूप में वह शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं और इसी से उन्हें हर तरह के दबाव वाली स्थितियों से निपटने में सहायता मिलती है।-शुभाशिष मोहंती

Advertising