यूक्रेन की सदस्यता के लिए नाटो शिखर सम्मेलन विफल

punjabkesari.in Tuesday, Aug 01, 2023 - 06:01 AM (IST)

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के नेता लिथुआनिया की राजधानी विनियस में नाटो शिखर सम्मेलन के पहले दिन के बाद गठबंधन में यूक्रेन की सदस्यता के लिए समय- सारिणी निर्धारित करने में विफल रहे। नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेन बर्ग ने कहा कि सहयोगी ‘यूक्रेन को नाटो के करीब लाने’ के लिए 3 तत्वों के एक पैकेज पर सहमत हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि गठबंधन में शामिल होने के लिए यूक्रेन को निमंत्रण उस समय जारी किया जाएगा जब सहयोगी सहमत होंगे और शर्तें पूरी करेंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट किया, ‘‘यह अभूतपूर्व और बेतुकी बात है कि निमंत्रण के लिए या यूक्रेन की सदस्यता के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है जबकि उसी समय यूूक्रेन को आमंत्रित करने के लिए ‘शर्तों’ के बारे में अस्पष्ट शब्द जोड़े गए हैं। 

नाटो के सदस्यों में इस बात पर मतभेद हैं कि यूक्रेन को अपने गुट के करीब कैसे लाया जाए। कुछ रिपोर्टों के अनुसार कुछ पूर्वी यूरोपीय सदस्य देश इस बात पर स्पष्ट प्रतिबद्धता के लिए दबाव डाल रहे हैं कि यूक्रेन कब इसमें शामिल होगा। अमरीका और जर्मनी स्पष्ट करने के लिए अनिच्छुक हैं। स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो नेताओं ने शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से सबसे व्यापक रक्षा योजनाओं को भी मंजूरी दे दी है और एक नई कार्ययोजना का समर्थन किया है। नई योजनाओं के तहत नाटो का लक्ष्य 3 लाख सैनिकों को कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार करना है। नाटो सहयोगियों ने भी रक्षा में सालाना अपने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) का कम से कम 2 प्रतिशत निवेश करने की ‘स्थायी प्रतिबद्धता’ जताई है। हालांकि 2014 के बाद से लगातार 9 वर्षों तक रक्षा खर्च में वृद्धि के बाद गठबंधन के 31 सदस्यों में से केवल 11 ने ही निवेश किया है। आलोचकों का तर्क है कि सैन्यकरण पर इस तरह का जोर सदस्य देशों के बीच हथियारों की होड़ को बढ़ावा देता है और संस्थानों को सामाजिक तथा आर्थिक विकास से दूर ले जाता है। इससे नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। 

स्वीडिश विशेषज्ञ जॉन ओबर्ग ने कहा कि नाटो की अपने सदस्य देशों से रक्षा पर सालाना सकल घरेलू उत्पाद का न्यूनतम 2 प्रतिशत निवेश करने के लिए कहने की प्रतिज्ञा ‘बेतुकी’ थी। ओबर्ग ने कहा, ‘‘एक सैन्य बजट का निर्णय व्यापक खतरे के विश्लेषण के बाद प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और इसे कभी भी किसी देश के आर्थिक उतार-चढ़ाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’’ ट्रांसनैशनल फाऊंडेशन फॉर पीस एंड फ्यूचर रिसर्च के निदेशक ओबर्ग ने कहा, ‘‘हम जो देख रहे हैं वह एक व्यापक, विशिष्टतावादी सैन्यवाद है जो दूसरे पक्ष या अपनी उत्तेजक नीतियों के परिणामों की परवाह नहीं करता है।’’ विश्लेष्कों ने यह भी चेतावनी दी है कि नाटो के विस्तार और यूक्रेनी मुद्दे पर उसकी प्रतिक्रियाओं से वैश्विक सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। जर्मनी की संसद के निचले सदन के सदस्य सेविम डागडेलन ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि नाटो एक रक्षा गठबंधन नहीं है, हालांकि पश्चिमी नेताओं का लगातार यही कहना है। 

साथ ही सैन्य संधि आक्रामक हथियार अभियान में लगी हुई है और यूक्रेन संकट के संबंध में सभी वार्ता प्रयासों को विफल कर रही है। उन्होंने नाटो पर यूक्रेन को सैन्य सहायता की आपूर्ति करके रूस के खिलाफ छद्म युद्ध लडऩे का आरोप लगाया। क्रेरमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने नाटो पर रूस के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया। दमित्रि  ने कहा कि मास्को ने अपनी सीमाओं की ओर नाटो के विस्तार की बार-बार लहर देखी है और पश्चिम इस विस्तार के जोखिमों को नहीं समझता है। शिखर सम्मेलन से पहले कई यूरोपीय देशों में नाटो के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुआ है, इस बात को रेखांकित करते हुए कि शिखर सम्मेलन यूक्रेन संघर्ष को और बढ़ा देगा। स्टॉप द वार गठबंधन ने पूरे ब्रिटेन में शांति दिवस का आयोजन किया है। इस बीच पैरिस में सैन्य गठबंधन के खिलाफ एक मार्च में सैंकड़ों लोग शामिल हुए जिनमें से कई लोगों ने फ्रांस से नाटो से हटने का आह्वान किया।-सी. आदीकेशवन


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