राष्ट्रीय आतंकवाद एक विश्वव्यापी गम्भीर समस्या

Monday, May 08, 2023 - 04:31 AM (IST)

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एस.सी.ओ.) की मेजबानी करते हुए सभी सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ मिल-जुलकर लडऩे का न्यौता दिया। एस.सी.ओ. के रक्षा मंत्रियों को संबोधन करते हुए उन्होंने कहा कि हर किस्म के आतंकवाद को खत्म करने के लिए आतंकी गतिविधियों को फंड उपलब्ध करवाने वाले लोगों की जवाबदेही तय करने के लिए सामूहिक कार्रवाई के साथ-साथ सभी के हितों को पूरा करने की मानसिकता से आगे बढऩा पड़ेगा।

इस मीटिंग में पाकिस्तान के  रक्षा मंत्री के. आसिफ पहले घोषणा करने के बावजूद मीटिंग में शामिल नहीं हुए। मगर उनके स्थान पर पी.एम. शाहबाज शरीफ के रक्षा मामलों के विशेष सलाहकार मलिक अहमद खान ने हिस्सा लिया। चीन के रक्षा मंत्री जनरल नी शांग फू, रूस के रक्षा मंत्री जनरल सरगोई सोइगू के अलावा ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किॢगस्तान, तजाकिस्तान के रक्षा मंत्रियों ने भी भाग लिया।

सभी सदस्य देशों ने इस बात पर सहमति व्यक्त करते हुए हर प्रकार के आतंकवाद को मिटाने के लिए आपसी सहयोग करने पर जोर दिया। काश कि ऐसा हो जाए? अफसोस की बात यह है कि पाकिस्तान तो चीन के सहयोग से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के कई पहलुओं और फंड के साथ ही नहीं बल्कि हथियारों, गोला-बारूद, प्रशिक्षण, सैन्य तथा कूटनीतिक मदद से छद्म युद्ध जारी किए हुए है। उसने भारत के अंदर भी आतंकियों की घुसपैठ को जारी रखा है। इस संदर्भ में हाल ही में पुंछ जिले में भारतीय सेना की टुकड़ी के ऊपर कायरतापूर्ण किए गए आतंकी हमले का अध्ययन करना जरूरी है।

यह वाक्या 21 अप्रैल दोपहर के समय का है जबकि राष्ट्रीय राइफल्स (आर.आर.) की एक गार्ड, गाड़ी में सवार होकर जम्मू-पुंछ हाईवे पर बिम्बर गली (बी.जी.)-सुरनकोट के रास्ते जैसे ही सुनसान मोड़ पर पहुंची तो आतंकियों ने गाड़ी को तीनों ओर से घेरा डाल कर चीन में निर्मित  7.62 एम.एम. राइफल्स से स्टील की गोलियों का इस्तेमाल कर गाड़ी के एक टैंक को निशाना बनाया। सैनिकों के ऊपर हथगोले फैंके गए जिसके कारण 5 जवान शहीद हो गए तथा एक जख्मी हुआ।

ये सब बातें सिद्ध करती हैं कि आतंकी हमले की साजिश बड़ी बारीकी से पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर के आतंकियों से मेल-मिलाप कर रची गई हो। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे कि हमलावरों को यह जानकारी होगी कि सैन्य गाड़ी किस स्थान से किस मिशन की ओर किस समय गुजरेगी तथा इसमें कितने सैनिक सवार हो सकते हैं। फिर ये आतंकी तयशुदा वाहन में सवार होकर किन ठिकानों तथा कितने समय के लिए घने जंगलों में रहें और उस वारदात के बाद आलोप हो जाएं? इस घटना के बाद बड़े स्तर पर तलाशी मुहिम चलाई गई।

जम्मू-कश्मीर के डी.जी.पी. दिलबाग सिंह ने 28 अप्रैल को राजौरी के बुद्धक नारी क्षेत्र में गुनाहगारों को पकडऩे के लिए चलाई जा रही तलाशी मुहिम का जायजा लेने के उपरांत पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि स्थानीय समर्थन के बगैर ऐसे हमले नहीं किए जा सकते। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों को शरण देने के साथ ट्रांसपोर्ट भी मुहैया करवाया गया। पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के माध्यम से फैंके गए हथियारों को उठाकर आतंकियों तक पहुंचाने के लिए लश्कर के ओवर ग्राऊंड वर्कर निसार अहमद को गिरफ्तार तो कर लिया गया है मगर आगे क्या होगा?

बाज वाली नजर : राष्ट्रीय आतंकवाद एक विश्वव्यापी गम्भीर समस्या बनती जा रही है। एस.सी.ओ. जैसी बैठकों के दौरान आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए आपसी तालमेल तथा सहयोग देने के बारे में अमली जामा तभी पहनाया जा सकता है यदि सदस्य देशों के इरादे नेक हों। जब अमरीका जल्दबाजी में अफगानिस्तान में हथियारों के भंडार छोड़ कर भागा तो बहुत से हथियार और गोला-बारूद अंतर्राष्ट्रीय स्तर वाले आतंकवादियों के हाथ आ गए। उनमें से कुछ तो वहां की तालिबान सरकार के खिलाफ भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं और कुछ भारत के खिलाफ।   पाकिस्तान इस समय आॢथक तौर पर ढेर होता जा रहा है। यदि कभी परमाणु शक्ति वाले भंडार आतंकियों के हाथ लग गए तो उसका सेंक निश्चित तौर पर एस.सी.ओ. के समस्त देशों तक पहुंचेगा। -ब्रिगे. कुलदीप सिंह काहलों (रिटा.)

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