प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश मंत्री अपने रिश्तेदारों को सलाहकार न बनाएं और समय की पाबंदी का

Sunday, Sep 01, 2019 - 12:15 AM (IST)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर अपनी पार्टी के नेताओं, कार्यकत्र्ताओं तथा सरकार के मंत्रियों आदि को नसीहतें देते रहते हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने 12 जून को अपनी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से कहा कि वे अपने मंत्रालय के राज्यमंत्रियों को भी काम दें, पार्टी कार्यकत्र्ताओं और सांसदों से नियमित रूप से मिलें भी। 

और अब एक बार फिर श्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त को केंद्रीय मंत्रि-परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, ‘‘मंत्रियों को सुबह साढ़े 9 बजे तक दफ्तर पहुंच जाना चाहिए। कुछ मंत्रियों को उनके निर्देश पर ध्यान देने की जरूरत है और उन्हें यह करना चाहिए।’’ ‘‘यदि शीर्ष मंत्री समय की पाबंदी का पालन करेंगे तो इसका सकारात्मक प्रभाव उनके संबंधित मंत्रालयों की रचनात्मकता और दक्षता पर तथा समूची सरकार के कामकाज पर भी पड़ेगा।’’ इसके साथ ही उन्होंने मंत्रिपरिषद के सदस्यों को वही दावे करने की नसीहत दी जो पूरे किए जा सकें और वही तथ्य पेश करने के लिए कहा जो सिद्ध किए जा सकें। 

उन्होंने कहा ‘‘मंत्रालयों या विभिन्न विभागों में मंत्री अपने रिश्तेदारों को सलाहकार नियुक्त न करें। वे अपना संवाद मंत्रालय के सचिवों जैसे शीर्ष अधिकारियों तक ही सीमित न रखें बल्कि अपेक्षाकृत निचले स्तर के अधिकारियों, संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उपसचिवों से भी बनाए रखें ताकि उन्हें लगे कि वे भी टीम का हिस्सा हैं।’’ ‘‘शासन की गति और दिशा सुधारने के लिए कैबिनेट मंत्रियों और राज्यमंत्रियों में बेहतर तालमेल होना चाहिए।’’ 

प्रधानमंत्री की उक्त बातेेंं सही और व्यावहारिक हैं। यदि मंत्रिमंडल के सभी सदस्य समय की पाबंदी और काम के प्रति प्रतिबद्धता के साथ आपस में मिल कर काम करें और अपने सलाहकारों के रूप में रिश्तेदारों को नियुक्त न करें तो निश्चय ही सरकार के कामकाज में पारदर्शिता आएगी, सुधार होगा व जनता को राहत मिलेगी।—विजय कुमार  

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