50 दिनों की उपलब्धियों में दिखती मोदी 2.0 की ‘दूरदर्शिता’

Saturday, Jul 27, 2019 - 02:09 AM (IST)

मोदी 2.0 सरकार के पहले 50 दिनों में पूरे किए गए और शुरू किए गए कार्य भारत को अगले सोपान तक ले जाने के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा तथा दूरदर्शिता को दिखाते हैं। निर्णय लेने की रफ्तार तथा काम करने का परिमाण अतुलनीय है क्योंकि 50 दिनों में केन्द्रीय मंत्रिमंडल एवं सरकार द्वारा सैंकड़ों निर्णय लिए गए।

अत: संदेश ऊंचा तथा स्पष्ट है कि यह एक ‘व्यावहारिक’ सरकार है जो ‘कम सरकार, अधिक प्रशासन’ के सिद्धांत पर चलती है। यह सरकार के 2022 के लिए निर्धारित निश्चित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दूरदर्शिता को भी दिखाता है और साथ ही 2024 के लिए भी, जो दो अत्यंत महत्वपूर्ण वर्ष हैं। वर्ष 2022 स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ है जबकि 2024 उन पांच वर्षों का अंतिम वर्ष है, जिनके लिए सरकार को जनादेश मिला है। अभी तक लिए गए निर्णय तथा शुरू किए गए कार्य भाजपा के संकल्प पत्र की भी पुष्टि करते हैं, जो समाज के प्रत्येक वर्ग को विकास तथा अवसरों में सांझीदार बनने की परिकल्पना करता है। 

सरकार का मुख्य उद्देश्य
अत: इन 50 दिनों ने दिखाया है कि सरकार का मुख्य उद्देश्य गरीबों, किसानों, मजदूरों का सशक्तिकरण करना तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के अतिरिक्त युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनाना है। वर्तमान सरकार का लक्ष्य शानदार कानून व्यवस्था, मध्यम वर्ग, व्यापारियों के लिए जीवन के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाना, निवेश पर अधिक ध्यान देना, भारत को 5 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नए लक्ष्य प्राप्त करना तथा विश्व राजनीति में अपनी अधिक छाप छोड़ना है। 

अब सभी 14 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लाया जाएगा, जिसमें प्रत्येक किसान को इनपुट्स के लिए सहायता के तौर पर प्रति वर्ष 6000 रुपए प्राप्त होंगे। सभी किसान पैंशन योजना के लिए पात्र होंगे। किसानों की मुख्य मांग, जो 40 वर्षों तक रही, यह कि उन्हें उनके उत्पादों के लिए लाभकारी कीमतें अवश्य मिलनी चाहिएं। लाभकारी कीमतों को एम.एस. स्वामीनाथन कमेटी द्वारा उत्पाद की लागत जमा 50 प्रतिशत के तौर पर परिभाषित किया गया है। 

मोदी सरकार ने गत 2 वर्षों में इसे सुनिश्चित किया है और अब 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) दिया जा रहा है, जो लागत से 50 प्रतिशत अधिक है। अब किसानों को उनके उत्पाद की लागत पर प्रतिशत प्रतिदान बाजरा के लिए 85 प्रतिशत, उड़द के लिए 64 प्रतिशत तथा तूर के लिए 60 प्रतिशत है। किसानों के लाभार्थ अगले 5 वर्षों में 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त मछली पालन क्षेत्र पर भी और अधिक ध्यान दिया गया है। इन सभी उपायों से किसानों को 2022 तक अपनी आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। 

इस सरकार के लिए अगले 5 वर्षों में ध्यान देने वाला एक अन्य मुख्य क्षेत्र होगा ‘जल शक्ति’, जिसमें प्रत्येक घर के लिए पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। यह एक विशाल चुनौती है जिसके लिए बड़े निवेश की जरूरत है। सरकार के दृष्टिकोण को लागू करने के लिए एक अलग जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना की गई है। अंतर्राज्यीय जल विवादों को सुलझाने के लिए मैकेनिज्म की पुनर्समीक्षा की गई है। एक नए अधिकरण का गठन किया जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘जल शक्ति’ को एक सामाजिक तथा जनांदोलन बनाना चाहते हैं। 

वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा
असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ कर्मचारियों के लिए मजदूरों संबंधी बहुत से कानूनों को सम्मिलित कर 4 कोड बनाए जा रहे हैं। इस सुधार पर जोर देने का कारण वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाना है। इससे असंगठित क्षेत्र में प्रत्येक कर्मचारी के लिए नियुक्ति पत्र तथा वेतन के समय पर भुगतान जैसे मुद्दों का समाधान सुनिश्चित होगा। राहत देने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा (ई.एस.आई.) योजना के लिए कर्मचारियों तथा नियोक्ताओं के योगदान में कमी की गई है। 

पहली बार मोदी सरकार ने एक नई योजना स्वीकृत की है, जिसके अंतर्गत छोटे दुकानदारों तथा व्यापारियों को पैंशन दी जाएगी। मध्यम वर्ग के लिए अंतरिम बजट में बड़ी कर राहत दी गई है, जिसके अंतर्गत 5 लाख रुपए तक की आय के लिए व्यक्तिगत करदाताओं को कोई कर नहीं देना पड़ेगा। घर निर्माण के लिए भी वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में कमी की गई है और घर खरीदने वालों के लिए बजट में ऋण के पुनर्भुगतान तथा ब्याज में अनुदान पर कई छूटों की घोषणा की गई है। 

विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो एक सामान्य प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ तथा एक एग्जिट परीक्षा की व्यवस्था करता है और शुल्कों में नियमितीकरण भी सुनिश्चित करता है, यहां तक कि निजी कालेजों में भी। भारत को एक 5 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए निवेशों की जरूरत है। विदेशी तथा घरेलू निवेशों के प्रवाह को बढ़ाने के लिए पहले 50 दिनों में सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए हैं; दिवालियापन कानून में सुधार किया गया है; सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली गई है तथा कुछ बीमार इकाइयों का विनिवेश अथवा उन्हें बंद किया गया है। मोदी सरकार ने सभी तरह की ढांचागत व्यवस्थाओं-सड़कों, रेलों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, औद्योगिक गलियारों, माल ढुलाई गलियारों, जलमार्ग विकास, उड़ान तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चरण-3 में 5 वर्षों में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का निर्णय किया है, जिससे अंतिम गंतव्य तक अच्छी सड़कें बिछाने में मदद मिलेगी।

विश्व में भारत की स्थिति मजबूत हुई
मोदी शासनकाल के दौरान भारत की विश्व में स्थिति उल्लेखनीय रूप से मजबूत हुई है। उनके दूसरे शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर बिम्सटेक के सभी नेता उपस्थित थे। जी-20 कथानक में मोदी ने प्रमुख भूमिका निभाई है। मालदीव तथा श्रीलंका के उनके दौरों ने उनके साथ भारत के मजबूत संबंधों को और बल प्रदान किया है। चन्द्रयान-2 की सफलता तथा 2022 में गगनयान की योजना ने भारत को विश्व में चौथा ऐसा देश बना दिया है जिसके पास यह अंतरिक्ष क्षमता है।

आतंकवाद तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ तेजी से तथा प्रभावपूर्ण कार्रवाइयां की जा रही हैं। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को धन उपलब्ध करवाने के संबंधों को प्रभावपूर्ण तरीके से तोड़ा गया है। अलगाववादियों को जेल में डाला गया है और आतंकवाद के खिलाफ कड़े उपाय किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिलों को जीतना एजैंडे में है। पहली बार पंचायत चुनावों में 40,000 स्थानीय प्रतिनिधि चुने गए थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में 27 वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते तुरंत सेवा से हटा दिया गया और उनकी बेनामी संपत्ति के खिलाफ भी एक कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है। भगौड़ों को वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं; विदेशों में शरण लिए कुछ  भगौड़ों के लिए जेल सुनिश्चित की गई है तथा कई अन्य भगौड़ों का प्रत्यर्पण शीघ्र सम्भावित है। 

मध्यम वर्ग के लिए, एल.पी.जी. की कीमतों में प्रति सिलैंडर 100 रुपए की कमी की गई है तथा उपभोक्ता अधिकार विधेयक संसद में पारित करवाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन अच्छे से काम कर रहा है तथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का पांचवां संस्करण विश्व में आयोजित किया गया। लगभग 58 अप्रचलित कानूनों को निरस्त कर दिया गया, जिससे निरस्त किए जाने वाले कानूनों की संख्या 1000 से अधिक हो गई। राष्ट्रीय रक्षा कोष के अंतर्गत प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना का घेरा राज्य पुलिस कर्मियों, जिन्होंने आतंकी अथवा नक्सल हमलों के दौरान शहादत पाई, के बच्चों तक बढ़ाया गया है। इसके साथ ही सशस्त्र बलों के बहुत से अधिकारियों को नॉन-फंक्शनल फाइनैंशियल अपग्रेडेशन दी गई है। इस तरह से पहले 50 दिनों ने लोगों को एक नया वायदा दिखाया है कि यह सरकार अधिक तत्परता के साथ कार्य करेगी और इन 5 वर्षों में नई ऊंचाइयां प्राप्त करेगी।-प्रकाश जावड़ेकर

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