मोदी सरकार की कारगुजारी पर ताजा जनादेश सिद्ध होंगे उपचुनावों के नतीजे

Tuesday, May 29, 2018 - 04:09 AM (IST)

देश भर में 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर मतदान कल हो चुका है और 31 मई को इनके परिणाम आ जाएंगे। ये परिणाम ही 2019 के आम चुनाव के लिए भाजपा और विपक्ष के स्वर और भावभंगिमा को तय करेंगे। सभी नजरें उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा हलके पर जमी हुई हैं जहां संयुक्त विपक्ष भाजपा से टक्कर ले रहा है। विपक्ष गोरखपुर और फूलपुर में मार्च में हुए लोकसभा उपचुनावों को दोहराना चाहता है जिनमें सत्तारूढ़ भाजपा अप्रत्याशित रूप में धराशायी हुई थी। 

लखनऊ से लगभग 630 कि.मी. की दूरी पर स्थित कैराना में 5 विधानसभा क्षेत्र हैं और कुल मिलाकर लगभग 17 लाख मतदाता हैं जिनमें मुस्लिम, जाट और दलित वोटरों की संख्या काफी उल्लेखनीय है। यह सीट भाजपा सांसद हुक्म सिंह के निधन के कारण खाली हुई थी और अब उनकी बेटी मृगांका सिंह भाजपा उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव में उतरी हैं। उनसे टक्कर ले रही हैं राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की उम्मीदवार तबस्सुम हसन जिन्हें कांग्रेस, सपा और बसपा का समर्थन हासिल है। रालोद समर्थक अब्दुल हकीम खान का कहना है कि उसने जिंदगी भर ऐसा चुनाव नहीं देखा जिसमें विपक्ष ने एकजुट होकर सत्तारूढ़ पार्टी को ललकारा हो।  ‘‘यही तो हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है।’’ 

भाजपा इस सीट को हर हालत में बचाए रखने के प्रयास कर रही है और इसने मतदाताओं, पार्टी कार्यकत्र्ताओं के साथ-साथ विपक्षी पाॢटयों को भी यह संदेश भेजा है कि गोरखपुर और फूलपुर की घटनाएं कोई स्थायी नियम नहीं हैं। कैराना शहर 2016 में तब समाचारों में चॢचत हुआ था जब यहां से हिंदुओं के पलायन कर जाने की रिपोर्टें मीडिया में छपी थीं। तबस्सुम हसन का कहना है कि यहां हिंदू और मुस्लिम अमन-चैन से रहते हैं। भाजपा की मृगांका सिंह ने कहा : ‘‘कैराना से हिंदू परिवारों का पलायन अब थम चुका है लेकिन सैंकड़ों हिंदू परिवार 2017 के विधानसभा चुनावों से पूर्व मारे डर के यहां से भाग गए थे।’’ 

कैराना के अलावा नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान हुआ है और वहां के नतीजे भी 31 मई को आ जाएंगे। इसके अलावा राजनीतिक विश्लेषकों और पार्टियों का फोकस महाराष्ट्र के पालघर तथा भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्रों पर भी होगा। पालघर सीट से शिवसेना ने दिवंगत भाजपा सांसद चिंतामन वानगा के बेटे श्रीनिवास वानगा को खड़ा किया है जिससे भाजपा काफी असहज है। वैसे भाजपा ने इस सीट से कांग्रेस छोड़कर आए राजेंद्र गावित को मैदान में उतारा है। गावित पर हल्ला बोलते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने का आह्वान किया है। इसी बीच कांग्रेस प्रवक्ता रत्नाकर महाजन ने कहा है कि इन उपचुनावों के नतीजे मोदी सरकार की कारगुजारी पर ताजा जनादेश होंगे। 

महाजन ने कहा, ‘‘इन उपचुनावों के नतीजे नई कतारबंदियों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। यदि सत्तारूढ़ पार्टी महाराष्ट्र की दोनों लोकसभा सीटों पर हार जाती है तो इससे भाजपा विरोधी खेमे में एक नए जोश का संचार होगा।’’ दूसरी ओर भाजपा दोनों ही सीटों पर जीतने के लिए आश्वस्त है। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और यू.पी. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों क्षेत्रों में चुनाव अभियान चलाया था। भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा, ‘‘भाजपा दोनों ही सीटों पर अपना नियंत्रण पहले की तरह कायम रखेगी, ऐसे में नई राजनीतिक कतारबंदियों का सवाल ही पैदा नहीं होता।’’ 

चौथा लोकसभा उपचुनाव नागालैंड में हुआ है। यह सीट नैशनल डैमोक्रेटिक प्रोग्रैसिव पार्टी (एन.डी.पी.पी.) के नेता नाइफ्यू रायो के इस्तीफे के कारण फरवरी में खाली हुई थी क्योंकि वह अब मुख्यमंत्री बन गए हैं। यह उपचुनाव नागा पीपल्स फ्रंट (एन.पी.एफ.) तथा सत्तारूढ़ गठबंधन पी.डी.ए. के उम्मीदवारों के बीच शक्ति परीक्षण था। पी.डी.ए. में एन.डी.पी.पी. और भाजपा मुख्य घटक हैं। गठबंधन ने पूर्व मंत्री ताखेहो येप्थोमी को चुनाव में उतारा था, जबकि एन.पी.एफ. के उम्मीदवार को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। इसके अलावा पूर्वी राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुआ है। इनमें पश्चिम बंगाल की एक, झारखंड की दो, बिहार की एक तथा मेघालय की एक सीट शामिल है। इन क्षेत्रों के अलावा पंजाब, उत्तराखंड और केरल में भी एक-एक विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ है। 

Pardeep

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