पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा मारे जा रहे ‘लापता बलूच’

Thursday, Jul 21, 2022 - 06:31 AM (IST)

एक मानवाधिकार कार्यकत्र्ता ने मंगलवार को कहा कि लापता बलूच लोगों की पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में हत्या की जा रही है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि बलूच मानवाधिकार कार्यकत्र्ता मामा कदीरोच द्वारा बलूच लोगों के नरसंहार के खिलाफ एक बयान जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि लापता लोग पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की हिरासत में मारे जा रहे हैं। 

जैसा कि कनाडा स्थित एक थिंक टैंक, इंटरनैशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने इस महीने की शुरुआत में बताया कि पिछले कुछ महीनों में बलूचिस्तान में लोगों के गायब होने की संख्या में वृद्धि के साथ, प्रांत में एक भी परिवार ऐसा नहीं है, जिसके किसी सदस्य या रिश्तेदार को जबरन गायब न किया गया हो। पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा जबरन गायब करने का एक औजार के तौर पर इस्तेमाल उन लोगों को आतंकित करने के लिए किया जाता है, जो देश की सर्वशक्तिमान सेना अधिष्ठान पर सवाल उठाते हैं या व्यक्तिगत या सामाजिक अधिकारों की तलाश करते हैं। 

रिपोर्ट बताती है कि यह एक ऐसा अपराध है, जिसका इस्तेमाल अक्सर अधिकारियों द्वारा बिना किसी गिरफ्तारी वारंट, आरोप या अभियोजन के ‘बाधा या सिरदर्द’ माने जाने वाले लोगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। बलूचिस्तान में 2000 के दशक की शुरूआत से ही जबरदस्ती अपहरण किए जा रहे हैं। अक्सर इन अपहरणों का सबसे अधिक लक्षित वर्ग छात्र होते हैं। पीड़ितों में कई राजनीतिक कार्यकत्र्ता, पत्रकार, शिक्षक, डॉक्टर, कवि और वकील भी शामिल हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 20 वर्षों में इंटर-सर्विसेज इंटैलीजैंस (आई.एस.आई.) और पाकिस्तानी सेना के जवानों द्वारा हजारों बलूच लोगों का अपहरण किया गया है। कई पीड़ितों को मार कर फैंक दिया गया और ऐसा माना जाता है कि उनमें से कई अभी भी पाकिस्तानी यातना कक्षों में बंद हैं। अधिकांश छात्रों को घरों और छात्रावासों पर छापे के दौरान उठाए जाने के बाद न्यायेत्तर हिरासत में रखा जाता है। 

इस कुकर्म को सामने लाने के लिए बलूचिस्तान में तगातार विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। जबरन गायब हुए व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों ने लापता लोगों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स (वी.बी.एम.पी.) नामक एक संगठन का गठन किया है। वी.बी.एम.पी. द्वारा भूख हड़ताल की गई, जो 4,670 दिनों से अधिक समय से जारी है। संगठन ने दावा किया है कि पाकिस्तानी अधिकारी इस ङ्क्षनदनीय कार्रवाई में शामिल हैं। 

बलूचिस्तान की मानवाधिकार परिषद, एक ऐसा संगठन है, जो प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन को दस्तावेज करता है, की एक वाॢषक रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र इन अपहरणों का मुख्य लक्ष्य बने रहे, बलूचिस्तान में और साथ ही पाकिस्तान के अन्य प्रांतों में भी।

Advertising