नव वर्ष पर मंत्री ने अपने लिए ‘बुके’ नहीं मांगा छात्रों के लिए कापियों-पैनों का उपहार

punjabkesari.in Sunday, Jan 05, 2020 - 02:28 AM (IST)

आमतौर पर सार्वजनिक जीवन से जुड़ी हस्तियों को विभिन्न लोगों द्वारा नव वर्ष या पर्व त्यौहारों आदि विभिन्न खुशी के मौकों पर गुलदस्ते, मिठाई, शाल, फल आदि भेंट करने का रिवाज है परंतु वर्ष 2020 के दस्तक देने से कुछ दिन पूर्व आंध्र प्रदेश के शिक्षा मंत्री श्री अदीमुलापी सुरेश के मन में एक अद्भुत विचार कौंधा और उन्होंने नव वर्ष को एक अर्थपूर्ण तथा कल्याणकारी अवसर बनाने का निर्णय लिया। 

नव वर्ष से कुछ दिन पूर्व उन्होंने यह घोषणा कर दी कि उन्हें बधाई देने के लिए आने के इच्छुक लोग फूल, फल या मिठाइयां आदि लाने की बजाय स्कूल के बच्चों को दी जाने वाली कापियां, पैन और पैंसिलें आदि लेकर आएं। श्री सुरेश ने यह भी कहा कि ‘‘कापी-पैन और पैंसिलों आदि के बिना पढ़ाई संभव नहीं है परंतु प्रत्येक बच्चे को यह उपलब्ध नहीं हो पाती लिहाजा मेरी पार्टी वाई.एस.आर. कांग्रेस के कार्यकत्र्ता और ऐसे अवसरों पर बधाई देने आने वाले अन्य लोग फूलों, फलों और मिठाइयों आदि पर फिजूलखर्ची न करें।’’उनके इस आह्वान का उनकी पार्टी के सदस्यों तथा अन्य लोगों पर बहुत ही अच्छा असर पड़ा और 31 दिसम्बर तथा 1 जनवरी की मध्य रात्रि से ही उनके गांव में जहां वे नया साल मनाने के लिए गए हुए थे, उनके निवास के बाहर पढ़ाई में काम आने वाले सामान के साथ बधाई देने के लिए आने वालों की लम्बी कतार लग गई। 

श्री सुरेश के सूत्रों के अनुसार इस अवसर पर लगभग एक ही दिन में 25,000 से अधिक कापियों के अलावा बड़ी संख्या में पैन, पैंसिलें इकट्ठी हो गईं और उसके बाद के दिनों में भी यह सिलसिला जारी है। श्री सुरेश ने जमा हुई सारी स्टेशनरी जरूरतमंद छात्रों में बांटने के लिए शिक्षा अधिकारियों को सौंप दी। नव वर्ष के अवसर पर पारंपरिक उपहारों की बजाय छात्रोपयोगी वस्तुएं उपहार स्वरूप मांग कर और जरूरतमंद बच्चों में उनका वितरण कर श्री अदीमुलापी सुरेश ने राजनीतिज्ञों को एक नई राह दिखाई है। यदि सभी राजनीतिज्ञ इस प्रकार की सकारात्मक सोच अपना लें तो समाज में कुछ बेहतर बदलाव लाने में सहायता अवश्य मिल सकती है।—विजय कुमार 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News