परिवार व प्यार का प्रतिनिधित्व करती हैं यादें

Wednesday, Feb 22, 2023 - 05:21 AM (IST)

‘‘तुम्हारा बैडरूम बहुत अव्यवस्थित है।’’
‘‘ऐसे नहीं है।’’ मैंने अपने मित्रों से कहा, ‘‘यह तो यादों का एक जमघट है।’’
‘‘किस चीज का जमघट?’’ उन्होंने हैरान होते हुए पूछा, ‘‘जरा एयर कूलर पर नजर डालो, जिस पर तुमने अपनी सभी पुस्तकें रख छोड़ी हैं। तुम्हारा कमरा तो एयर कंडीशंड है, तुम्हें इसकी क्या जरूरत है?’’

‘‘आह...’’ मैंने उन्हें बताया, ‘‘वह कूलर मुझे उन दिनों की याद दिलाता है, जब मेरे बीमार पिता मेरे पास रहने के लिए आते थे तथा मेरी छोटी बेटी प्रत्येक रात को कूलर में पानी भरती थी और फिर चुपचाप फ्रिज में से कुछ बर्फ लेकर उसमें डाल देती थी, ताकि पिता जी रात में ठंडी हवा ले सकें। वह ये सब बिना उससे कहे करती थी और एक के बाद एक रात को उसके इस काम ने मेरे दिल को छू लिया।’’

यहां किसी व्यक्ति के अनुभव बारे बताता हूं, जिसे आग के एक आसन्न खतरे के कारण अचानक उसका घर खाली करने के लिए कह दिया गया :
‘‘हमने सूटकेसों में कुछ कपड़े और टॉयलैटरीज भर लीं तथा उन्हें लेकर दरवाजे की ओर लपके। फिर हमने बाकी बचे सामान पर दुखी मन से एक नजर डाली। वहां एक लैम्प पड़ा था, जो मेरी पड़दादी का था। यह मेरे परिवार को जोड़े रखने वाली एक चीज थी।

फिर वहां एक प्यानो था, जिसे मेरी पत्नी बजाना सीखती थी, जब वह एक छोटी बच्ची थी। अपने आप में उसकी बहुत अधिक कीमत नहीं थी, मगर उसका भी परिवार के साथ एक संबंध था।हम एक पुरानी रॉकिंग चेयर भी छोड़कर जा रहे थे, जो उसकी दादी से संबंधित थी और उसके साथ मित्रों व परिवार से तोहफे में मिली हाथ से बनी रजाइयां व उपहार थे। वे सभी लोगों के साथ हमारे संबंधों तथा उन यादों का प्रतिनिधित्व करते थे जिनकी हम कीमत समझते थे, लेकिन चूंकि हमें तुरंत घर को खाली करना था, हमारे पास उन चीजों को साथ ले जाने का कोई रास्ता न था।

मैं कभी भी उन चीजों से उतना जुड़ा नहीं था लेकिन अतीत के सुंदर घटनाक्रमों से जुड़ी उन कडिय़ों को पीछे छोड़कर जाने के विचार ने मुझे अत्यंत दुखी कर दिया। यह उस बारे में है, जिसका वे प्रतिनिधित्व करते थे- परिवार व प्यार। प्रत्येक की अपनी एक कहानी थी तथा उनमें से कुछ हमारे माता-पिता और हमारे बुजुर्गों तथा कुछ उन मित्रों की आवाज में बात करते थे, जो परिवार की ही तरह हमारे करीब थे। हम भाग्यशाली थे।

आग कभी भी हमारे घर तक नहीं पहुंची। यद्यपि मैं कृतज्ञ महसूस कर रहा था कि हम बच गए, मुझे यह भी अहसास हुआ कि एक अन्य तरीके से मैं कितना भाग्यशाली था। मैंने देखा कि उन चीजों के मामले में मैं कितना अमीर था, जो मेरी यादें मुझ तक वापस ले आईं।’’और ठीक वैसा ही मुझे महसूस हुआ, जब मैंने अपने आसपास बिखरे सामान को देखा, यह यादों का एक बिखराव था जिसने मुझे प्यार के धागों से बांध रखा था। मुझे नहीं पता कि मेरे मित्र इससे प्रभावित हुए कि नहीं, लेकिन फिर कभी उन्होंने इसे अव्यवस्था नहीं कहा।

उन्होंने दीवार पर लगी एक तख्ती को देखा, जिस पर लिखा था, ‘‘यदि परमात्मा हमारे साथ है, तो कौन हमारे खिलाफ हो सकता है।’’ मैं मुस्कुराया और उन्हें बताया कि जब मैं अकेला होता हूं तो कई बार अपने विचारों से लड़ा हूं और फिर एहसास हुआ कि मेरा परमात्मा मेरे साथ खड़ा है। ‘‘क्या मैं उस तख्ती को कभी बाहर फैंक सकता था?’’ मैंने पूछा। वे मुस्कुराए और मेरे सिटिंग रूम में पहुंच गए तथा मेरी रॉकिंग चेयर की आलोचना नहीं की, जिसकी अपनी ही यादें हैं...! -राबर्ट क्लीमैंट्स, दूर की कौड़ी

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