महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विवाद और बढ़ गया
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 05:45 AM (IST)

मराठा आरक्षण विवाद ओ.बी.सी. नेताओं द्वारा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की धमकी के साथ और बढ़ गया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एन.सी.पी.)के वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए और घोषणा की कि वह पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे। वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस ने गुरुवार को मांग की कि राज्य कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार की तर्ज पर ओ.बी.सी. आरक्षण कोटा 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करें। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का यही एकमात्र तरीका है। हालांकि, कार्यकत्र्ता मनोज जरांगे पाटिल ने मुंबई में 5 दिनों तक भूख हड़ताल की, जिसे राज्य सरकार द्वारा उनकी 8 में से 6 मांगें मान लेने के बाद समाप्त किया गया। सरकार ने पात्र मराठों को कुनबी (ओ.बी.सी.) जाति प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में एक सरकारी आदेश भी जारी किया।
टी.टी.वी. दिनाकरन पन्नीरसेल्वम के नक्शेकदम पर : एडप्पादी पलानीस्वामी (ई.पी.एस.) के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (ए.आई.ए.डी.एम.के.) की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.)में वापसी और राज्य भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन के साथ, अम्मा मक्कल मुनेत्र कडग़म (ए.एम.एम.के.) के नेता टी.टी.वी. दिनाकरन बुधवार को ओ. पन्नीरसेल्वम (ओ.पी.एस.) के नक्शेकदम पर चलते हुए, तमिलनाडु में एन.डी.ए. गठबंधन से बाहर चले गए। उनके बाहर निकलने से सवाल उठे हैं कि क्या पलानीस्वामी चुनावों में डी.एम.के. से लडऩे को लेकर गंभीर थे या केवल ए.आई.ए.डी.एम.के. में अपना वर्चस्व सुनिश्चित करने में रुचि रखते थे। यह एक खुला रहस्य है कि पलानीस्वामी ओ.पी.एस. और टी.टी.वी. के एन.डी.ए. का हिस्सा होने का विरोध कर रहे हैं, खासकर ऐसे समय में जब ए.आई.ए.डी.एम.के. के एकीकरण की आवाजें तेज हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा कि विजयकांत ने 2006 में प्रभाव डाला था, 2026 में भी ऐसा प्रभाव पडऩे की संभावना है। जब विजयकांत राजनीति में आए तो सभी पाॢटयां प्रभावित हुईं और आगे भी ऐसा ही प्रभाव पड़ेगा।’’
बिहार में जद-यू 50-50 के फार्मूले पर जोर दे रही : बिहार में जैसे-जैसे उच्च दांव वाली लड़ाई करीब आ रही है, केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के प्रमुख चुनावी रणनीतिकार अमित शाह रणनीति बनाने के लिए पार्टी की राज्य इकाई के साथ बैठक कर रहे हैं।
शाह ने कोर कमेटी के नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और विनोद तावड़े शामिल थे। टिकट बंटवारे पर चर्चा तो हुई लेकिन कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका क्योंकि कुछ सीटों का बंटवारा एन.डी.ए. के सहयोगियों के बीच हो सकता है।
दूसरी ओर ‘हम’ (सैक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने सार्वजनिक रूप से कम से कम 20 सीटों पर दावा पेश किया और एन.डी.ए. नेताओं को उनकी पार्टी के प्रति सहानुभूति दिखाने की आवश्यकता पर बल दिया। ‘हम’ को मुख्य रूप से मध्य बिहार के जिलों में मुसहर जाति के दलितों से ताकत मिलती है। चिराग पासवान की पार्टी ने लोकसभा चुनावों में सभी 5 सीटें जीतकर 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट हासिल किया था लेकिन अब उसने लगभग 30 से 35 सीटों की मांग की है। लोजपा (आर.वी.) मुख्य रूप से दलितों के बीच पासवानों की पार्टी के रूप में जानी जाती है। इस बीच, बिहार में भाजपा द्वारा बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश उसके इस आकलन पर आधारित है कि मुस्लिम, अति पिछड़े और महादलितों के बीच जद-यू का वोट बैंक उसकी संगठनात्मक ताकत के साथ-साथ कम होता जा रहा है। एन.डी.ए. सूत्रों के अनुसार, जद-यू 50-50 के फॉर्मूले पर जोर दे रही है।
तेजस्वी ने भी दांव खेला : इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ रही है। राजनीतिक दल कल्याणकारी वादों के साथ महिला मतदाताओं तक सक्रिय रूप से पहुंच रहे हैं। नीतीश कुमार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, योग्य महिलाओं को आय सृजन में सहायता के लिए 10,000 रुपए प्रदान करती है साथ ही राज्य सरकार की नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षित सीटों की घोषणा भी की गई है। सरकार ने महिलाओं के लिए पैंशन योजना भी शुरू की है। वहीं मुख्य विपक्षी दल राजद ने भी दांव खेला है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने महिलाओं को 2,500 रुपए मासिक देने वाली ‘माई-बहन’ योजना, विधवा माताओं और बहनों की पैंशन बढ़ाकर 1,500 रुपए करने, हर रसोई में 500 रुपए में सबसिडी वाले गैस सिलैंडर, 200 यूनिट मुफ्त बिजली और बेटियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले आवासीय कोचिंग संस्थान, विश्व स्तरीय खेल प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर, मुफ्त परीक्षा फार्म और यात्रा सुविधाओं सहित कई योजनाओं का वादा किया।
राहुल गांधी ने कहा-वोट चोरी केवल सत्ता हथियाने का एक साधन : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा को जल्द ही एक बड़े वोट चोरी के खुलासे की धमकी दी। महागठबंधन के नेता खुली एस.यू.वी. में यात्रा कर रहे थे और लोग सड़कों पर खड़े होकर झंडे लहरा रहे थे और उनका उत्साहवर्धन कर रहे थे। सैंकड़ों युवा सैल्फी लेते देखे गए। पार्टी कार्यकत्र्ताओं ने ‘वोट चोर-गद्दी छोड़ो’ के नारे लगाए। राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ पार्टी पर लोकतंत्र को कमजोर करने और नागरिकों के अधिकारों पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया। वोट चोरी को न केवल सत्ता हथियाने का एक साधन बताया बल्कि लोकतंत्र की चोरी भी बताया।-राहिल नोरा चोपड़ा