‘एन.आर.सी.’ पर ममता-भाजपा आमने-सामने

Monday, Sep 09, 2019 - 02:12 AM (IST)

असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर प्रकाशित हो चुका है और यहां के 19.07 लाख लोग इसमें स्थान नहीं पा सके हैं। अधिकतर पाॢटयों का कहना है कि इनमें से 12 लाख लोग बंगाली हिन्दू हैं। ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि गलत तरीके से लोगों को एन.आर.सी. से बाहर रखने से इसकी अपडेशन प्रक्रिया में कमियां पाई गई हैं। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला करेगा। उधर पश्चिम बंगाल में भाजपा नेतृत्व ने घोषणा की है कि यदि विधानसभा चुनावों में उनकी जीत होती है तो पश्चिम बंगाल में एन.आर.सी. लागू किया जाएगा, जिसके बाद इस राज्य में सियासी गर्मी बढ़ गई है। 

इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में एन.आर.सी. किसी भी हालत में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने केन्द्र सरकार पर असम में एन.आर.सी. प्रकाशित करने का आरोप लगाया तथा दावा किया कि असम के वैध नागरिकों को भी इसमें शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि लगभग एक लाख गोरखा लोगों को भी इस सूची से बाहर रखा गया है। उन्होंने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता फरहाद हकीम और सुखेंदू सेखर राय को एन.आर.सी. के खिलाफ विरोध रैलियां आयोजित करने और पूर्वी राज्यों के नेताओं से इस मुद्दे पर सम्पर्क करने के लिए नियुक्त किया है। उन्होंने टी.एम.सी. नेता और सांसद सुदीप बंधोपाध्याय को एन.आर.सी. के खिलाफ विभिन्न दलों और राज्यों के नेताओं से सम्पर्क कर उन्हें एक मंच पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

दिल्ली कांग्रेस के लिए अध्यक्ष की तलाश
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं से मुलाकात कर रही हैं ताकि पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद को भरा जा सके। यह पद शीला दीक्षित के निधन से खाली हुआ था। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की दिल्ली इकाई के इंचार्ज पी.सी. चाको जो बैठक में उपस्थित थे, ने कहा कि श्रीमती गांधी को नेताओं ने भरोसा दिलाया है कि उनका निर्णय पूरी दिल्ली कांग्रेस को स्वीकार होगा। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सुभाष चोपड़ा और जय प्रकाश अग्रवाल के नाम सबसे आगे चल रहे हैं। हालांकि अजय माकन स्वास्थ्य कारणों से इस पद के लिए इच्छुक नहीं हैं। कांग्रेस के लिए दिल्ली विधानसभा के चुनाव अहम हैं क्योंकि सबसे पुरानी पार्टी के लिए दिल्ली में वापसी का यह एक बड़ा अवसर होगा। 

एक्टिव मोड में सोनिया गांधी
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी उन राज्यों के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं से मुलाकात कर रही हैं जहां शीघ्र चुनाव होने वाले हैं। इस क्रम में सोनिया गांधी ने हरियाणा में पार्टी का मसला सुलझा लिया है और अब शीघ्र ही कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष की घोषणा करेंगी। इसी प्रकार उन्होंने नेतृत्व संबंधी तथा गठबंधन सहयोगियों का मसला सुलझाने के लिए महाराष्ट्र और झारखंड के बड़े नेताओं को बुलाया है।

हरियाणा में कुमारी शैलजा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है, जहां पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और किरण चौधरी गैरहाजिर रहे, जबकि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, गुलाम नबी आजाद तथा कुमारी शैलजा ने उपस्थित लोगों को भरोसा दिलाया कि वे हरियाणा में भाजपा के खिलाफ लडऩे के लिए एकजुट हैं। कुमारी शैलजा ने घोषणा की है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार जिन राज्यों में शीघ्र चुनाव होने जा रहे हैं वहां के नेताओं को सोनिया गांधी ने एकजुट होकर काम करने के लिए कहा है। सोनिया गांधी का निर्देश है कि शीघ्र चुनाव को देखते हुए वे अंतर्कलह से बचें और इन राज्यों में अच्छा परिणाम लाएं।-राहिल नोरा चोपड़ा
 

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