ऐसे कानून बनें कि पहलवानों का शारीरिक शोषण न हो सके

punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2023 - 06:53 AM (IST)

भारत के उच्च स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती पहलवानों में शामिल बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, दीपक पूनिया, सुमित मलिक, संगीता फोगाट, अंशु मलिक, सोनम मलिक और कोचों में शामिल कुलदीप सिंह, सुरजीत मान इत्यादि ने नई दिल्ली में 23 अप्रैल 2023 को सरकार की पैनल रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए बृजभूषण शरण सिंह तत्कालीन अध्यक्ष, भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ  भारतीय महिला पहलवानों के शारीरिक शोषण के आरोपों पर जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन शुरू किया। 

वर्णनीय है कि 7 महिला पहलवानों द्वारा नई दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध शारीरिक शोषण के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस धरने-प्रदर्शन को हरियाणा की खाप पंचायतों, किसान नेताओं तथा उनकी यूनियनों द्वारा भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है। भारत सरकार ने पहलवानों की मुख्य मांगों में से कुछ को मानते हुए सकारात्मक निर्णय लिए हैं, जैसे- बृजभूषण के खिलाफ महिला पहलवानों के शारीरिक शोषण के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करना और 164 सी.आर.पी.सी. के तहत उसके बयान दर्ज करना तथा 12 मई, 2023 को भारतीय कुश्ती संघ को भंग करना, जिसके परिणामस्वरूप बृजभूषण की अध्यक्ष के रूप में सभी शक्तियां समाप्त हो गई हैं। 

ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त मांगों को मानने के पश्चात धरने की गति मंद पड़ रही है और लोगों के इक_े होने का रुझान व समर्थन भी कम मिल रहा है। पहलवानों को भी चाहिए कि उनकी मुख्य मांगों को मानने के पश्चात उन्हें अपना धरना-प्रदर्शन समाप्त कर देना चाहिए और ऐसे में कानून को अपना काम करने देना चाहिए, ताकि बृजभूषण के विरुद्ध आरोपों की निष्पक्ष रूप से जांच हो सके और दोषी पाए जाने पर उसके विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई की जा सके। 

भारत सरकार को भी ऐसे नियम-कानून बनाने चाहिएं, जिससे कि भविष्य में पहलवानों का शारीरिक शोषण न हो सके। खेल मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार को ऐसी समिति का गठन करना चाहिए, जिससे महिला पहलवानों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो सके और इस समिति में कुछ पूर्व महिला पहलवानों को भी शामिल किया जा सकता है। 


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