इश्क में अपना सब कुछ लुटा दिया

punjabkesari.in Sunday, Dec 11, 2022 - 06:00 AM (IST)

इश्क मोहब्बत से इक युवा की आर्थिक तबाही को लेकर एक वायरल खबर चर्चा में है यू.पी. के लखीमपुर खीरी जिले में थाना सदर कोतवाल के रहने वाले एक लड़के ने एक लड़की से इश्क और मोहब्बत में अपना सब कुछ लुटा दिया। अब वह लखीमपुर की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाता है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वह अपनी तरह बेवफाई के शिकार हुए लोगों से सिर्फ आधा किराया लेता है। इतना ही नहीं उसने अपने ई-रिक्शे के शीशे पर लिखा है : 

‘पहले थे दीवाने अब लगे कमाने’ और अंदर लिखा ‘हम भी कभी रईस थे, दिल की दुनिया लुटा बैठे,‘वक्त ऐसा पलटा ऑटो चला बैठे’। प्यार मोहब्बत के नशे में आॢथक तबाही का यह कोई पहला किस्सा नहीं है, इतिहास मजनुंओं की ऐसी हालत की कहानियों से लबालब है लेकिन लैला सरीखी लड़कियों की तबाही के किस्से कम नहीं मिलेंगे। मनोविज्ञान के जानकार, प्यार मोहब्बत के भावनात्मक नशे से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य बताते हैं जो इसमें फंसे शख्स को खुद भी पता नहीं होते। आइए इनके बारे मेें जानें। 

सबसे पहले, कुछ लोगों को प्यार में पडऩे से डर लगता है और इसे मनोविज्ञान की भाषा में फिलोफोबिया (Philophobia) कहते हैं। एक रिसर्च बेस्ड रिलेशनशिप फैक्ट यह भी है कि केवल 10 प्रतिशत महिलाएं ही प्यार के इजहार की पहल करती हैं, जबकि 90 प्रतिशत पहल पुरुष करते हैं। मनोविज्ञान , प्यार के बारे में कहा जाता है कि आप जितना इसे छिपाने की या रोकने की कोशिश करते हैं, प्यार उतना ही बढ़ता जाता है। प्यार के बारे में एक मजेदार तथ्य यह है कि जब किसी लड़के को लड़की के साथ सिर्फ मेल-जोल बढ़ाना होता है, तो वह उसके बॉडी-लैंग्वेज पर ज्यादा ध्यान देता है। परन्तु यह आकर्षण होता है प्यार नहीं। 

प्यार, मोहब्बत के इजहार के लिए आज कपल्स के बीच हार्ट सिंबल का इस्तेमाल खूब किया जाता है लेकिन, क्या आप जानते हैं कि  यह प्रचलन 1250 से चला आ रहा है। लव मैरिज यानी प्रेम विवाह का प्रचलन हजारों वर्षों से चला आ रहा है। प्यार शब्द के बारे में अंग्रेजी में इसके लिए एक रिसर्च में पाया गया है कि जिन कपल्स का रिलेशनशिप पॉजिटिव होता है उन लोगों को रक्तचाप की समस्या होने की संभावना दूसरों की तुलना में बहुत कम होती है। प्यार में पडऩे वाले लोग अपने मन की बात एक-दूसरे से शेयर करते  हैं जिसके कारण तनाव का लैवल कम हो जाता है। 

स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क के स्टोनी ब्रुक के शोधकत्र्ताओं ने ऐसे लोगों पर रिसर्च की जो लोग एक पॉजिटिव रिलेशनशिप में थे। ब्रेन स्कैन में पाया गया कि  जो जोड़े एक लंबे समय से अच्छे रिलेशनशिप में थे उनमें दिमाग की सक्रियता अच्छी दिखी। एफ.एम.आर.आई. रिसर्च के अनुसार लंबे समय तक जो जोड़े एक अच्छे रिलेशनशिप में थे उनमें सिरदर्द और पीठ दर्द की शिकायत की संभावना भी कम थी। जर्नल ऑफ फैमिली साइकोलॉजी के एक शोध से पता चलता है कि खुशी आय के स्तर की तुलना में मधुर पारिवारिक रिश्तों पर अधिक निर्भर करती है। इसलिए, जब आपसी रिश्तों में प्यार होता है तो लोग खुश रहते हैं और एक हैप्पी लाइफ जीते हैं। अगर आप लाइफ में किसी बुरी स्थिति का सामना कर रहे हैं तो ऐसे में यदि किसी ऐसे व्यक्ति का सपोर्ट मिल जाए जो आपसे प्यार करता है, तो व्यक्ति सिचुएशन का सामना बेहतर तरीके से कर पाता है। 

तमाम फायदों  के बावजूद प्यार मोहब्बत में फंसे शख्स, तर्क की ताकत खो बैठते हैं। लखीमपुर खीरी के लड़के की  तरह आॢथक दोहन करा लेते है। इस मनोवैज्ञानिक स्थिति का  शायद ही कोई इलाज हो, शायद ही कोई परहेज हो क्योंकि  यह एक मनोवैज्ञानिक भावनात्मक द्वंद्व है।अंत में इश्क मोहब्बत करने वालों  के पक्ष में बात को विराम देते कहना न होगा कि इश्क पर जोर नहींं है ये वो आतिश ‘गालिब’ कि लगाए न लगे और बुझाए न बने।-डा. वरिन्द्र भाटिया
 


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