सुनो ‘आप’ सरकार, ‘लोहा मंडी’ मंडी गोबिंदगढ़ को नई रफ्तार की दरकार
punjabkesari.in Wednesday, Mar 16, 2022 - 04:48 AM (IST)

युवा मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में 16 मार्च को शपथ ले रही आम आदमी पार्टी (आप) की युवा सरकार से प्रदेश को उतनी ही बड़ी उम्मीदें हैं जितनी बड़ी जीत यहां के 3 करोड़ पंजाबियों ने उन्हें दी है। पंजाब की जवानी-किसानी बचाने की प्राथमिकता के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छ पेयजल, 24 घंटे सस्ती बिजली जैसी मूलभूत जरूरतों के साथ बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। रोजगार के अवसरों को धार देने के लिए प्रदेश के लाखों छोटे उद्योगों को नई रफ्तार की दरकरार है।
इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर के तमाम छोटे-बड़े लाखों उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली लोहा मंडी, मंडी गोबिंदगढ़, जो कभी देश के सैकेंडरी स्टील उद्योग का बड़ा केंद्र थी, आज संकट में है। पिछले 8-10 वर्षों में यहां की तकरीबन 400 औद्योगिक इकाइयों में से लगभग एक तिहाई बंद हो चुकी हैं। इनमें इंपोर्टेड स्क्रैप (60 प्रतिशत) को पिघला कर इंगेट ढलाई करने वाली इंडक्शन फर्नेेस से लेकर इंगेट से सरिया, एंगल, चैनल, पत्तरा समेत कई उत्पाद तैयार करने वाली रोलिंग मिलें शामिल हैं। खन्ना और लुधियाना की सैकेंडरी स्टील इंडस्ट्री की बदहाली भी पंजाब के पिछड़ते औद्योगिक हालात बयां कर रही है।
सैकेंडरी स्टील उद्योग के लिए स्क्रैप (कच्चा माल) की उपलब्धता बहुत जरूरी है। देश में स्टील स्क्रैप की भारी कमी के चलते आयात पर निर्भरता स्टील की अनियंत्रित कीमतों का एक बड़ा कारण है। पिछले 20 महीनों में दोगुने हुए स्टील के दाम देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सैक्टर को प्रभावित कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि पंजाब की नवगठित ‘आप’ सरकार दिल्ली व एन.सी.आर. की तर्ज पर ‘व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी’ को कारगर करने के लिए मंडी गोबिंदगढ़, खन्ना और लुधियाना में ‘श्रेङ्क्षडग प्लांट’ (अनफिट वाहन को टुकड़ों में तबदील करने की प्रक्रिया) को तमाम रियायतें देकर प्रोत्साहित करे जिससे यहां की फर्नेेस इकाइयों की ‘इंपोर्टेड स्क्रैप’ पर निर्भरता कम हो और कम दाम पर उन्हें स्थानीय बाजार में ही सस्ता स्क्रैप उपलब्ध हो।
बड़ी कंपनियों के इंटीग्रेटिड स्टील प्लांट अपनी उत्पादन क्षमता का 100 प्रतिशत उपयोग कर रहे हैं, जबकि मंडी गोङ्क्षबदगढ़, खन्ना और लुधियाना की 60 से 70 प्रतिशत फर्नेेस और रोलिंग मिलों ने उत्पादन में साल-दर-साल गिरावट दर्ज की, क्योंकि कच्चे माल पर बड़ी लागत से इनके मार्जिन में भारी सेंध लगी है। स्क्रैप के अलावा अन्य कच्चे माल, जैसे पेलेट और पिग आयरन के दाम आसमान पर हैं। 2 वर्ष से भी कम समय में स्टील की कीमतों में 100 प्रतिशत की बढ़ौतरी ने पंजाब के इंजीनियरिंग गुड्स, कृषि-उपकरण, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, साइकिल पार्ट्स, फॉस्टनर, हैंड-टूल, सिलाई मशीन और मशीन टूल्स जैसे लाखों उद्योगों की कमर तोड़ दी है।
पंजाब में जब पर्याप्त संख्या में पंजीकृत व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत सुविधाएं होंगी, तो इंपोर्टेड स्क्रैप बिल कम करने का रास्ता साफ होगा। पंजाब में 15.30 लाख वाहन 20 साल से अधिक पुराने हैं जिनमें से अनफिट वाहनों को व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत नए वाहनों से तबदील किया जा सकता है। कई अंतनिर्हित लाभों के कारण पंजाब इस पॉलिसी का फायदा उठा सकता है। मौजूदा औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर इसकी उपयोगिता के लिए तैयार है।
5 अक्तूबर, 2021 को केंद्र सरकार द्वारा नोटिफाई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत 15 वर्ष व इससे अधिक पुराने कमॢशयल वाहनों और 20 वर्ष व इससे अधिक पुराने यात्री वाहनों, जो ‘फिटनैस’ और ‘एमिशन’ टैस्ट पास नहीं कर पाते, उन्हें स्क्रैप मेंं तबदील किया जाएगा। एक अप्रैल, 2022 से सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वाहनों के लिए और 1 अप्रैल, 2023 से ट्रक व बस जैसे भारी कमर्शियल वाहनों के फिटनैस टैस्ट शुरू किए जाएंगे जबकि अन्य श्रेणियों के वाहनों के लिए यह प्रक्रिया 1 जून, 2024 से लागू होगी।
चुनौतियां : विकसित देशों के मुकाबले हमारे देश में वाहन स्क्रैपिंग उद्योग बहुत असंगठित है। कुछ छोटे उद्यमी पुराने वाहनों को बगैर किसी आधुनिक मशीनरी के ‘मैन्युअली’ स्क्रैप में तबदील कर रहे हैं। इसलिए स्क्रैप किए गए वाहनों से रबड़, प्लास्टिक, एल्युमिनियम और स्टील की रीसाइकलिंग, रिकवरी और पुन: उपयोग बहुत सीमित है। व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को सफल बनाने के लिए सबसे बड़ा कदम पूरे पंजाब में फिटनैस और स्क्रैपिंग केंद्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना है, जिसकी कमी के कारण स्क्रैपेज पॉलिसी का कार्यान्वयन चुनौतीपूर्ण होगा। वर्तमान में पंजाब में एक भी व्हीकल आटोमेटिड फिटनैस टैस्ट सैंटर और ऑथोराइज्ड स्क्रैपेज सैंटर नहीं है।
आगे का रास्ता : व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी को कारगर बनाने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को पंजीकरण शुल्क की भरपाई कर सकती है। राज्य सरकारें कमॢशयल और पर्सनल वाहनों को रोड टैक्स में 15 से 25 प्रतिशत तक छूट दे सकती हैं। वाहन निर्माता कंपनियां भी पुराने वाहन मालिकों को नए वाहन खरीदने पर एक्स-शोरूम कीमत का 8 से 10 प्रतिशत के बराबर स्क्रैप मूल्य दे सकती हैं।
मोटे तौर पर, जहां वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी इंपोर्टेड स्क्रैप बिल पर विदेशी मुद्रा भंडार बचाने में मददगार होगी, वहीं सैकेंडरी स्टील उद्योग के लिए पर्याप्त स्क्रैप की उपलब्धता से पंजाब के एम.एस.एम.ई. सैक्टर को कारोबार बढ़ाने के अधिक अवसर मिलेंगे। नए वाहनों की बिक्री में बढ़ौतरी से जहां वाहन निर्माताओं और उनसे जुड़े लाखों एंसेलरीज कारोबारों को रफ्तार से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, वहीं स्वच्छ पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा मिलेगा।(सोनालीका ग्रुप के वाइस चेयरमैन, कैबिनेट मंत्री रैंक में पंजाब प्लानिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन एंव एसोचैम नॉर्दर्न कौंसिल के चेयरमैन)-अमृत सागर मित्तल