‘मिलावट करने वाले व्यापारियों को’‘कठोरतम दंड दिया जाए’

Tuesday, Jan 05, 2021 - 04:47 AM (IST)

एक ओर देश को अंदरूनी और बाहरी अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी ओर निजी स्वार्थों से प्रेरित समाज विरोधी तत्व भ्रष्टाचारी और मिलावटखोर अपने दुष्कृत्यों से देश को घुन की तरह खा रहे हैं। इनका दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि आए दिन उनकी करतूतों के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं जिसकी कीमत आम लोगों को अपने प्राण देकर चुकानी पड़ रही है। 

गत 16 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश की हाथरस पुलिस ने गधे की लीद, भूसा, एसिड व हानिकारक रंग मिला कर नकली मसाले बनाने की फैक्टरी पकड़ी थी और इसके अगले ही दिन 17 दिसम्बर को आगरा के ‘खंदौली’ में नकली घी बनाने की फैक्टरी और 17 दिसम्बर को ही ग्वालियर में कोरोना रोगियों के उपचार में काम आने वाले ‘असली प्लाज्मा’ की ओट में ‘मिलावटी प्लाज्मा’ और खून बेचने का स्कैंडल पकड़ा गया था। और अब इसी शृंखला में भ्रष्टाचार और मिलावटखोरी के दो गंभीर मामले सामने आए हैं। पहली घटना में 3 जनवरी को उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद में मुरादनगर के ‘उखलारसी’ में 55 लाख रुपए की लागत से मात्र अढ़ाई मास पूर्व घटिया सामग्री से निर्मित श्मशानघाट की छत गिरने से 25 लोग मारे गए जबकि 20 से अधिक लोग घायल हो गए। 

घटना उस समय हुई जब अपने एक परिजन का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशानघाट में जमा लोग वर्षा से बचने के लिए छत के नीचे बैठे थे। तभी अचानक श्मशान की छत भरभरा कर गिर जाने से यह हादसा हो गया। प्रशासन की लापरवाही के विरुद्ध रोषस्वरूप उक्त दुर्घटना में मारे गए 3 लोगों की लाशें उनके परिवार वालों ने गाजियाबाद-मेरठ हाईवे पर रख कर जाम लगा दिया। मृतकों के परिजनों का कहना है कि इनके बच्चों की देखभाल अब कौन करेगा। इस संबंध में थाना मुरादनगर में नगरपालिका की ई.ओ. निहारिका सिंह, जे.ई. चंद्रपाल और सुपरवाइजर सहित 3 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है परंतु इमारत का निर्माण करने वाला ठेकेदार अजय त्यागी अभी फरार बताया जाता है। 

3 जनवरी को ही पंजाब में पटियाला के ‘कुलारां’ गांव में ‘मुर्गीदाना’ (पोल्ट्री फीड) की मिलावट से नकली दूध बना कर सप्लाई करके  लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने के आरोप में हरप्रीत सिंह और गुरप्रीत सिंह नामक 2 युवकों को 200 लीटर दूध, 25 किलो व्हाइट पाऊडर और 125 किलो पोल्ट्री फीड के साथ गिरफ्तार किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ये दोनों 100 लीटर पानी में 10 किलो मुर्गीदाना मिलाकर उसमें इतनी ही मात्रा में दूध मिलाकर इसे दोगुना कर लेते थे। अभी तक ये इस प्रकार का कितना मिलावटी दूध बेच चुके हैं इसका पता लगाया जा रहा है परंतु इस बीच इनके द्वारा लुधियाना की एक डेयरी को 500 लीटर मिलावटी दूध सप्लाई किए जाने का पता लगा लिया गया है और अधिकारी उसके मालिकों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। 

अधिकारियों के अनुसार मुर्गीदाना मिलाकर नकली दूध बनाने का यह पहला मामला सामने आया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वे कब से यह धंधा कर रहे थे। ऐसा दूध स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा इसके इस्तेमाल से कैंसर भी हो सकता है। श्मशानघाट की छत का गिरना जहां इसके निर्माण में घटिया सामग्री की मिलावट का परिणाम है वहीं दूध की मात्रा दोगुनी करने के लिए मुर्गीदाना का इस्तेमाल भी उतना ही गंभीर अपराध और लोगों की सेहत से खेलने के अनुरूप है। चूंकि मिलावट किसी भी तरह की हो खतरनाक ही होती है अत: दोनों ही अक्षम्य अपराध हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कठोरतम दंड दिया ही जाना चाहिए। 

इस सिलसिले में गत 29 दिसम्बर को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खाद्य वस्तुओं में मिलावट को रोकने के लिए एक अध्यादेश पारित करके उम्रकैद का प्रावधान सराहनीय कदम है बल्कि यदि इसके लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया जा सके तो और भी अच्छा होगा। अन्य राज्यों में भी इस तरह के अध्यादेश और कानून लागू किए जाने चाहिएं ताकि इस लाहनत पर नकेल डालकर इसके दुष्परिणामस्वरूप होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।—विजय कुमार 

Advertising