बाइडेन की ‘मास्टर स्ट्रोक’ हैं कमला हैरिस

punjabkesari.in Tuesday, Aug 25, 2020 - 05:43 AM (IST)

आप कमला हैरिस को क्या कहेंगे? ब्लैक अमेरिकन, एशियन अमेरिकन, इंडो-अमेरिकन या अमेरिकन लैफ्ट? वैसे राय तो बहुत हो सकती हैं। तमाम टिप्पणियां भी आ रही हैं। लेकिन जो बाइडेन के फैसले ने डोनाल्ड ट्रम्प को परेशान किया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने सीधे कमला हैरिस पर अटैक किया है क्योंकि कमला हैरिस ने ट्रम्प को कई बार परेशान किया। ट्रम्प जानते हैं कि अगर हैरिस उप-राष्ट्रपति बनती हैं तो आगे के रास्ते और परेशान करने वाले होंगे। 

डैमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए नामित उम्मीदवार जो बाइडेन ने काफी सोच-समझ कर कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर अमरीका की घरेलू राजनीति और वोट बैंक का खासा ख्याल रखा है। अमरीकी राजनीति को अमरीका की विदेश नीति खासी प्रभावित कर रही है। वहां मौजूद वोटरों को भी अमरीकी विदेश नीति प्रभावित कर रही है। यही कारण है कि बहुत सोच-समझ कर कमला हैरिस को एक रणनीति के तहत जो बाइडेन ने उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। 

जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों हत्या को लेकर अमरीका में अश्वेत आबादी में खासी नाराजगी है। जमैका मूल के पिता और भारतीय मूल की माता की बेटी कमला हैरिस एशियन अमेरिकन और ब्लैक अमेरिकनों के वोट प्रतिशत को बढ़ा सकती हैं। सामान्य रूप से एशियन अमेरिकन और ब्लैक अमेरिकन अमरीकी पॉलिटिक्स में डैमोक्रेटिक पार्टी के साथ ही हैं। लेकिन हैरिस के आने के बाद उनका वोट प्रतिशत बढ़ेगा। इस समय अमरीका में 1 करोड़ 64 लाख ब्लैक वोटर हैं, जबकि एशियन अमेरिकन वोटरों की संख्या 1 करोड़ 10 लाख के करीब है।

2016 के मतदान में ब्लैक अमेरिकन वोटर उदासीन हो गए थे। उनका वोट प्रतिशत 2012 के राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले कम था। 2012 के चुनाव में 66 प्रतिशत योग्य ब्लैक वोटरों ने वोट किया था, लेकिन 2016 में सिर्फ 60 प्रतिशत योग्य ब्लैक वोटरों ने मतदान किया। जो बाइडेन को लगता है कि कमला हैरिस के उम्मीदवार बनने से ब्लैक अमेरिकन वोटरों का मतदान प्रतिशत बढ़ेगा। इसका रिपब्लिकन पार्टी को नुक्सान होगा। बाइडेन चाहते हैं कि जार्ज फ्लॉयड की हत्या से नाराज ब्लैक अच्छी संख्या में निकलकर डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ मतदान करें।

कमला हैरिस की मां के भारतीय मूल की होने से निश्चित तौर पर कमला हैरिस को इसका लाभ मिलेगा। जो बाइडेन चाहते हैं कि ट्रम्प के साथ भारतीय मूल के मतदाता न जाएं। वैसे भारतीय मूल के अमेरिकन वोटर ट्रम्प के साथ नहीं हैं। लेकिन पिछले साल सितम्बर में ह्यूस्टन में आयोजित हाऊडी मोदी में डोनाल्ड ट्रम्प पहुंचे थे। वहां जाना ट्रम्प का राजनीतिक एजैंडा था। वे भारतीय मूल के वोटरों में सेंध लगाना चाहते हैं क्योंकि ट्रम्प को यह मालूम है कि अमरीकी चुनावों में इंडो अमेरिकन आबादी डैमोक्रेट के साथ रही है। 

कमला हैरिस का उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित होना भारत और चीन के लिए फिलहाल थोड़ी कड़वी खबर है क्योंकि कमला हैरिस उइगर और कश्मीर के मसले पर खुलकर विचार रखती रही हैं। हालांकि उम्मीद यही जाहिर की जा रही है कि डैमोक्रेटिक पार्टी अगर अमरीका में सत्ता में आती है तो चीन को लाभ होगा क्योंकि डैमोक्रेट चीन से सीधा टकराव नहीं चाहते हैं। 

उम्मीद की जा रही है कि जो बाइडेन और कमला हैरिस अगर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं तो चीन-अमरीका संबंधों में सुधार होगा क्योंकि डैमोक्रेट उस हद तक चीन से संघर्ष नहीं चाहते जो डोनाल्ड ट्रम्प कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प तो लगातार जो बाइडेन पर हमला कर रहे हैं। उन्हें चीन के साथ घुला-मिला बता रहे हैं। ट्रम्प का यह भी आरोप है कि चीन जो बाइडेन की जीत चाहता है।  लेकिन कमला हैरिस की उम्मीदवारी से चीन की भी परेशानी बढ़ी है क्योंकि हैरिस चीन के अंदर चल रहे उइगर आंदोलन पर खुलकर अपना पक्ष रखती रही हैं। वे उइगरों के मानवाधिकार का समर्थन करती रही हैं।-संजीव पांडेय
 


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