झामुमो गठबंधन झारखंड में सबसे सशक्त

Tuesday, Nov 19, 2019 - 03:28 AM (IST)

झारखंड में आगामी चुनावों के बारे में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)प्रमुख हेमंत सोरेन का कहना है कि उनका गठबंधन कांग्रेस तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से है। सोरेन का मानना है कि उनका गठबंधन काफी सशक्त है तथा सीटों का बंटवारा भी बड़े शांतिपूर्ण ढंग से किया गया है। इस बारे में उन्होंने अपने सारे मुद्दों पर राजद के तेजस्वी यादव से चर्चा कर ली है। सोरेन का कहना है कि तेजस्वी सीटों के बंटवारे के पीछे के तथ्य को अच्छी तरह समझते हैं। जे.वी.एम. का अध्याय समाप्त हो चुका है, अब वह झामुमो के संंग गठबंधन का हिस्सा नहीं रही। 

चुनावी मुहिम के दौरान किन मुद्दों पर जनता के बीच में जाकर आप बात करेंगे तो सोरेन का कहना था कि स्थानीय मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण हैं जिनमें छोटा नागपुर टेनैंसी एक्ट-1908 तथा संथाल परगना टेनैंसी एक्ट-1876 जोकि भूमि से संबंधित हैं, शामिल होंगे। सरकार द्वारा इन्हें संशोधित करने का प्रयास किया जा रहा है। ये दोनों एक्ट भूमि पर लोगों के अधिकारों की रक्षा करते हैं। मुख्यमंत्री रघुबर दास  की सरकार इन अधिकारों पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा वन अधिकार एक्ट को समाप्त करना तथा बेरोजगारी के मुद्दे भी प्रभावी ढंग से हम चुनावी मुहिम के दौरान लोगों के बीच जाकर रखेंगे। 

जब उनसे पूछा गया कि महाराष्ट्र तथा हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा ने एन.आर.सी. तथा अनुच्छेद 370 के मुद्दों पर चुनाव लड़ा तो आपका गठबंधन चुनावों में कैसी रणनीति अपनाएगा तो उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के नतीजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय मुद्दों की गूंज लोकसभा चुनावों में थी। वे चुनाव तो खत्म हो गए और लोगों ने उन लोगों को चुना जिनको वे दिल्ली में देखना चाहते थे। अब चुनाव झारखंड में हैं तो झारखंड में अनुच्छेद 370 का मुद्दा ज्यादा महत्व नहीं रखता। झारखंड में चुनाव 5 चरणों में होंगे। इसके बारे में अपनी राय देते हुए सोरेन ने कहा कि रघुबर दास तथा केंद्र सरकार दावा करते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था पर उनकी पकड़ है। इसके अलावा लैफ्ट विंग आतंक पर भी उन्होंने पकड़ बनाई हुई है। 

यदि महाराष्ट्र में भी जहां पर लैफ्ट विंग आतंक से लोग प्रभावित थे, वहां पर एक चरण में हरियाणा विधानसभा के साथ कैसे चुनाव करवा लिए। सोरेन का मानना है कि झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी आर.पी.एन. सिंह ने पहले से ही यह घोषणा की है कि नेतृत्व का मुद्दा स्पष्ट है तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा ही गठबंधन का नेतृत्व करेगा।      

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