‘अकीता’ नस्ल के जापानी कुत्तों की विदेशों में बढ़ती मांग

Friday, May 11, 2018 - 03:13 AM (IST)

हालीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर, फ्रांसीसी फिल्म स्टार एलेन देलोन और रूस के स्केटिंग जगत की सनसनी एलिना जागीतोवा में एक बात सांझी है: ये तीनों ही जापान के अकीता नस्ल के कुत्तों के दीवाने हैं। और ऐसी दीवानगी दिखाने वाले ये कोई अकेले लोग नहीं हैं। हाल ही के वर्षों में जापान की इस देसी नस्ल के विदेशी मालिकों की संख्या में इतनी तेजी से वृद्धि हुई है कि जापान में इन कुत्तों की मांग का आंकड़ा भी इससे पीछे रह गया है। 

इस वर्ष के प्रारम्भ में यह रुझान उस समय मीडिया की सुर्खियों में आया जब सुश्री जागीतोवा ने जापान में अपने प्रशिक्षण के दौरान अकीता नस्ल के कुत्तों को देखा तो वह इनके प्रति अपने लगाव की घोषणा करने से खुद को रोक नहीं पाई। उनकी भावनाओं की कद्र करते हुए स्थानीय जापानी अधिकारियों ने वायदा किया कि वे उनकी खातिर एक कुत्ते की व्यवस्था अवश्य करेंगे। इस बहुत ही समझदार नस्ल के लिए जागीतोवा का स्नेह 64 वर्षीय यमागुची के लिए किसी भी तरह कोई हैरानी की बात नहीं। वह बहुत लंबे समय से इन कुत्तों की ब्रीडिंग करते आ रहे हैं और कम से कम 2 दशकों से विदेशों में भी इनकी आपूर्ति करते आ रहे हैं। 

यमागुची ने बताया : ‘‘हाल ही तक मेरे आधे ग्राहक जापानी तथा आधे विदेशी हुआ करते थे लेकिन अब विदेशियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।’’ अकीता नस्ल के कुत्तों के संरक्षकों के संघ का कहना है कि 2005 में विदेशों से केवल 33 कुत्तों की मांग आई थी जोकि 2013 तक बढ़कर 359 हो गई और 2017 में 3967 तक पहुंच गई। वास्तव में यह शिकारी कुत्तों की नस्ल है जिसका उद्भव जापान के उत्तरी इलाकों में हुआ था। तब ये कुत्ते काफी बड़े आकार के होते थे। इनकी ऊंचाई 60-70 सैंटीमीटर और वजन 40-50 किलोग्राम होता था। इनके कान बड़े आकार के और सीधे होते थे और आंखें बहुत गहरी और चेहरा लगभग भालू जैसा होता था। 

जापान में कुत्तों की जिन 6 नस्लों को सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय धरोहर’ करार दिया था उनमें से एक अकीता थी। फिर भी इस नस्ल के कुत्तों की स्थानीय मांग लगातार घटती जा रही है। 1970 के वर्षों में जहां जापान के अंदर इनकी मांग 40 हजार के आसपास होती थी, वहीं आजकल मुश्किल से 3000 पिल्ले ही पंजीकृत करवाए जाते हैं। अकीता कुत्ता संरक्षक संघ की टोक्यो शाखा प्रमुख कोसूके कावाकीटा का कहना है कि जापान में आवासीय समस्या गंभीर होती जा रही है जिसके चलते अकीता नस्ल के बड़े आकार के कुत्ते रखना मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कुत्ते को रखना तो बहुत से लोग चाहते हैं लेकिन उनकी आवासीय कालोनियों में जगह की कमी के कारण पालतू जानवर रखने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

Pardeep

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