इबादतगाह बनी तालीमगाह

Sunday, Feb 24, 2019 - 04:56 AM (IST)

जगह-बिजली की सुविधा के अभाव में अक्सर स्लम में रहने वाले बच्चे अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए रेलवे स्टेशनों या स्ट्रीट लाइटों का सहारा लेते हैं। सुविधाओं से वंचित इन बच्चों की तालीम (शिक्षा) और पढ़ाई के लिए अब मुंबई में भी एक इबादतगाह को खोल दिया गया है। इस इबादतगाह के मैदान में बच्चों के लिए स्टडी सैंटर शुरू किया गया है। 

12वीं की परीक्षा शुरू हो चुकी है जबकि मार्च में 10वीं की परीक्षा होगी। ऐसे में झोंपड़पट्टी में रहने वाले विद्यार्थी  घर में जगह के अभाव व बिजली की असुविधा के कारण अपनी परीक्षा की तैयारी अक्सर रेलवे स्टेशनों और सड़क की स्ट्रीट लाइट के नीचे करते देखे जा सकते हैं। झोंपड़पट्टी में रहने वाले 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए दक्षिण मुंबई के ग्रांट रोड स्थित ईदगाह मैदान में पढ़ाई केंद्र शुरू किया गया है। सुन्नी मुस्लिम छोटा कब्रिस्तान ट्रस्ट के माध्यम से यह पढ़ाई केंद्र शुरू किया गया है। सुन्नी जामा मस्जिद के मुखिया मौलाना सैयद मोइनुद्दीन अशरफी ने बताया कि इस ईदगाह मैदान का इस्तेमाल इबादत यानी नमाज के लिए किया जाता था। 

इसके अलावा यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम यानी मदरसे में पढऩे वाले बच्चों का सालाना कार्यक्रम होता रहा है। नमाज के बाद उक्त जगह हमेशा खाली रही है इसलिए इसका इस्तेमाल अब स्टडी सैंटर के रूप में किया जा रहा है। बच्चों को पढऩे के लिए बैंच आदि सुविधाएं उपलब्ध की गई हैं। इसके साथ ही कुछ शिक्षक भी यहां उपलब्ध किए गए जो 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को परीक्षा के समय मुफ्त में मार्गदर्शन देंगे। मौलाना मोइन मियां ने बताया कि यहां जल्द ही एक लाइब्रेरी भी शुरू की जाएगी।

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