मैं तो बस एक ‘जेबकतरा’ हूं

punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2024 - 05:43 AM (IST)

यह एक लेख है जो मैंने कालेज में जेबकतरे का शिकार होने और 10 रुपए की बड़ी रकम खोने के बाद लिखा था। मैंने बाद में इस लेख को 15 रुपए में बेचा और मुझे याद है कि मैंने एक आपदा से लाभ कमाया था। स्टेशन प्लेटफॉर्म के दूसरे छोर पर भीड़ चिल्लाई, ‘जेबकतरा!’ मैंने देखा कि एक दुबला-पतला, बिना दाढ़ी वाला आदमी जान बचाने के लिए मेरी ओर भागा और उसके पीछे भीड़ थी। मैंने देखा कि वह जल्दी से मेरे पास एक खंभे के पीछे छिप गया। उसने हताश होकर मेरी ओर देखते हुए कहा,‘‘कृपया मुझे बचाओ। मुझे उन चोरों और लुटेरों से बचाओ।’’‘‘चोर और लुटेरे?’’ मैंने पूछा, ‘‘तुम ही चोर हो। मुझे उन्हें बताना चाहिए कि तुम कहां हो। तुम एक जेबकतरे हो।’’‘‘मैं तो बस एक जेबकतरा हूं’’ उस आदमी ने कहा। ‘‘लेकिन वे और भी बुरे हैं। मैं सिर्फ जेबें काटता हूं, वे जान चुराते हैं।’’ मैंने गंभीरता से कहा, ‘‘बहाने मत बनाओ’’  और भीड़ को करीब आते देख मुझे वे लोग ठीक लगे। ‘‘देखो, सामने मोटी औरत है,’’ जेबकतरे ने मेरा कंधा पकड़ते हुए कहा।

मैंने उसका हाथ दूर धकेलते हुए कहा, ‘‘तुमने उसका पैसा चुराया है।’’ ‘‘मैंने सिर्फ चोरी का पैसा लूटा है,’’ जेबकतरे ने कहा। मैंने पूछा, ‘‘चोरी का पैसा?’’  ‘‘हां’’ जेबकतरे ने कहा। ‘‘वह वही है जो स्टेशन के बाहर बटाटा वड़ा बनाती और बेचती है।’’ मैंने कहा, ‘‘बहुत स्वादिष्ट चीज है इसमें क्या बुराई है।’’जेबकतरे ने कहा, ‘‘सब कुछ। वह कारों और स्कूटरों से निकाले गए पुराने इंजन ऑयल का इस्तेमाल करती है, जो धातु और सीसे से भरा होता है। इसी में वह वड़ा तलती है।’’ ‘‘हे भगवान।’’ मैं चिल्लाया। जेबकतरे ने कहा, ‘‘मैं लोगों की जेबें काटता हूं, वह अपने ग्राहकों की जान लेती है। क्या आप उस आदमी को देख सकते हैं जो ब्रीफकेस लेकर उसके बगल में दौड़ रहा है?’’मैंने कहा,  ‘‘वह जाना-पहचाना लग रहा है।’’ जेबकतरे ने कहा, ‘‘वह स्थानीय पठान है, साहूकार है। वह हम गरीब लोगों को 10 प्रतिशत मासिक ब्याज पर पैसे उधार देता है। आज वेतन का दिन है। वह जो ब्रीफकेस ले जा रहा है, उसमें उन गरीब लोगों के वेतन भरे हुए हैं जिन्होंने उससे उधार लिया है।’’

मैंने धीरे से कहा, ‘‘लेकिन वह जेबें नहीं काटता।’’  जेबकतरे ने धीरे से कहा, ‘‘नहीं, वह जेबें नहीं काटता, वह तो सिर्फ गरीबों के भूखे मुंह से खाना चुराता है।’’ मैंने कहा, ‘‘रेलवे पुलिसवाला हमारी तरफ आ रहा है।’’ आदमी ने आत्मविश्वास से कहा, ‘‘वह कुछ नहीं करेगा। मुझे हर शाम अपनी आधी कमाई उसके साथ बांटनी पड़ती है। वह एक अमीर आदमी है।’’‘‘क्या हमारे आस-पास सिर्फ बदमाश और लुटेरे ही हैं?’’ मैंने पूछा।
जेबकतरे ने कहा, ‘‘देखो, उस आदमी को देखो जो उस मोटी औरत को पकड़े हुए है जिसका पैसा चुराया गया था।’’

 मैंने कहा,  ‘‘एक अच्छा आदमी, एक संकट में फंसी औरत की मदद कर रहा है।’’ जेबकतरे ने कहा, ‘‘नहीं,  उसे औरतों को छूना, उन्हें पकडऩा और भीड़ में उनसे हाथ मिलाना बहुत पसंद है। तुम उसे हर दिन स्टेशन पर यही करते हुए पाओगे।’’
मैंने कहा, ‘‘लेकिन वह जेबकतरे का काम नहीं करता।’’ जेबकतरे ने कहा, ‘‘नहीं, वह सिर्फ कालेज की कम उम्र की लड़कियों और कामकाजी औरतों का मांस चुराता है।’’इतने में मैंने भीड़ को देखा, जो मेरे पास आ रही थी। वे सब चिल्ला रहे थे, ‘‘क्या तुमने जेबकतरे को देखा है?’’मैंने जेबकतरे को अचंभित होते हुए सुना, ‘‘लेकिन वहां बहुत सारे जेबकतरे हैं और मुझे नहीं पता कि तुम किसकी तलाश कर रहे हो।’’मैं भीड़ से दूर चला गया। जब लोग प्लेटफॉर्म से नीचे भाग रहे थे तब मैंने जेबकतरे को बदमाशों से दूर जाते हुए देखा...!- दूर की कौड़ीराबर्ट क्लीमैंट्स
 


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