कितनी सफल होंगी चुनाव जीतने के लिए ट्रम्प की कोशिशें

Friday, Sep 25, 2020 - 12:59 AM (IST)

अमेरिकी चुनावों की सरगर्मी अब जोरों पर है जिनमें रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को डैमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन से कड़ी टक्कर मिल रही है। दोनों ही दल मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। कुछ समय पहले तक अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर लोगों में व्याप्त नाराजगी को भुनाते हुए जो बाइडेन उनके विरुद्ध जम कर प्रचार कर रहे थे जिसका लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा था। परंतु हाल के दिनों में कई चीजों का लाभ ट्रम्प को मिलता नजर आ रहा है जिससे उनका पलड़ा भारी लगने लगा है। पहले तो एक के बाद एक अरब देशों के साथ इसराईल के ऐतिहासिक समझौतों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा जिसका श्रेय डोनाल्ड ट्रम्प को मिलता नजर आ रहा है। 

दूसरी ओर अमेरिका में जजों की नियुक्ति को लेकर भी ट्रम्प ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना डाला है। ट्रम्प अपने कार्यकाल में 200 से अधिक कंजर्वेटिव जजों की नियुक्ति कर चुके हैं जो उनसे पहले किसी राष्ट्रपति के कार्यकाल में नहीं हुईं। यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कंजर्वेटिव जजों की नियुक्ति ट्रम्प के लिए केवल एक राजनीतिक सफलता ही नहीं अमेरिका के लिए एक अलग तरह की विरासत भी मानी जा रही है। हाल ही में नॉर्थ कैरोलिना में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने घोषणा की कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस रूथ बेडर ङ्क्षगसबर्ग के निधन से खाली हुए पद पर वह किसी महिला उम्मीदवार को नामित करेंगे। अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित और महिला अधिकारों के हितों में काम करने के लिए प्रसिद्ध ङ्क्षगसबर्ग का गत सप्ताह 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। 
रैली के दौरान ट्रम्प ने कहा, ‘‘मैं अगले सप्ताह किसी को नामित करूंगा जो एक महिला होगी।’’ 

खास बात यह रही कि ट्रम्प ने रैली में मौजूद लोगों से पुरुष या महिला जज के बारे में राय ली। जब भीड़ ने जोर से चिल्लाकर महिला को नामित करने की बात कही तो उन्होंने कहा कि इससे बेहतर सर्वे नहीं हो सकता है। दरअसल ङ्क्षगसबर्ग के निधन से रिक्त हुए पद को लेकर एक बार फिर रिपब्लिकन और डैमोक्रेट्स में ठनी हुई है। जो बाइडेन का कहना है कि जज की नियुक्ति नए राष्ट्रपति पर छोड़ देनी चाहिए जबकि ट्रम्प के करीबी और सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिक मैक्कोनल का कहना है कि सदन राष्ट्रपति द्वारा नामित किसी भी व्यक्ति का समर्थन करेगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए सीनेट की मंजूरी जरूरी होती है और ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में बहुमत है। 100 सीटों वाले सीनेट में उनकी पार्टी के 53 सदस्य हैं। ट्रम्प वर्ष 2017 में नील गोरसच और वर्ष 2018 में ब्रेट कवनुघ को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त कर चुके हैं। 

अपने कार्यकाल के दौरान 280 जजों को नियुक्त करने का ट्रम्प का दावा बेशक बढ़ा-चढ़ा कर किया गया हो परंतु वास्तव में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट तथा सर्किट-कोर्ट बैंच और सर्वोच्च न्यायालय के कुल 214 न्यायाधीशों (कुल 865 में से) की नियुक्ति की है। गिंसबर्ग की मृत्यु से रिक्त हुए स्थान पर महिला जज की नियुक्ति से यह आंकड़ा 215 हो जाएगा। कोरोना की महामारी में जहां सर्वाधिक हानि ट्रम्प की नीतियों ने की, साथ ही साथ उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि अर्थात आॢथक मजबूती तथा सर्वाधिक नौकरियां पैदा करने की उपलब्धियां भी शून्य हो गई हैं। जहां ट्रम्प को नस्लवादी और महिला विरोधी समझा जाता है ऐसे में किसी महिला जज की नियुक्ति उनके चुनाव प्रचार को एक नया जीवन दे सकती है। ट्रम्प का मकसद आने वाले चुनावों में अधिक से अधिक रिपब्लिकन मतदाताओं को लुभाना है। हालांकि, उनका यह प्रयास कितना सफल हो पाता है, यह तो कुछ महीनों में सम्पन्न होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से ही स्पष्ट हो सकेगा।

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