कैसी है फिनलैंड की स्कूल शिक्षा प्रणाली

punjabkesari.in Thursday, Jan 19, 2023 - 05:12 AM (IST)

स्कूल शिक्षा से जुड़ी एक बड़ी खबर चर्चा में है। दिल्ली सरकार अपने टीचरों को फिनलैंड की स्कूल शिक्षा व्यवस्था को समझने के लिए वहां भेजना चाहती है इस कारण देश के लोगों में फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली की खासियत को लेकर जानने की उत्सुकता बढ़ गई है आखिरकार फिनलैंड का एजुकेशन सिस्टम कैसा है? इससे हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था क्या कुछ सीख सकती है इसके मूल विश्लेषण की जरूरत है। 

एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक फिनलैंड, शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में पहले स्थान पर आता है। यहां का एजुकेशन सिस्टम बाकी देशों की तुलना में एकदम अलग है। यहां दुनिया के सबसे बेहतरीन स्कूल हैं। दरअसल फिनलैंड एक बहुत छोटा-सा मुल्क है जिसने पिछले 50 सालों में प्राइमरी शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। फिनलैंड की कामयाबी वहां की स्कूल शिक्षा व्यवस्था बनी है। फिनलैंड एक ऐसा मुल्क है जिसने अपने छात्रों के लिए 16 साल तक शिक्षा सौ फीसदी मुफ्त कर दी है। अगर आप छात्र हैं तो इस मुल्क में पैसों की तंगी आपकी शिक्षा में रुकावट नहीं बन सकती। यहां छात्रों पर सुबह जबरदस्ती स्कूल जाने का दबाव नहीं होता है बल्कि वो अपनी मर्जी से खुशी-खुशी स्कूल जाते हैं। 

दूसरी बड़ी बात यह है कि यहां स्कूलों में कोई इम्तिहान नहीं लिया जाता है। छात्रों को क्लास 6 से पहले किसी भी तरह का कोई इम्तिहान नहीं देना पड़ता है। सिर्फ एक स्टैन्डर्ड देश व्यापी इम्तिहान होता है जो 16 साल की उम्र में स्कूल पास करने के बाद ही लिया जाता है। फिनलैंड में शिक्षा में असमानता देखने को नहीं मिलती। यहां के गांव और शहरों की शिक्षा व्यवस्था एक जैसी होती है। फिनलैंड में प्राइमरी शिक्षा प्राइवेट स्कूलों और सरकारी स्कूलों दोनों में एक समान ही है। कमाल की बात है कि मुल्क के 99 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। दूसरी तरफ कोई प्राइवेट ट्यूशन इंडस्ट्री भी नहीं है क्योंकि छात्रों को इसकी जरूरत ही नहीं है। 

ट्यूशन की बजाय 30 फीसदी छात्रों को नौवीं क्लास तक टीचरों के द्वारा अलग से पढ़ाई में मदद दी जाती है। यहां सरकार की तरफ से स्कूलों को निर्देश हैं कि वो अपने स्कूल के हर छात्र की तालीम पर ध्यान दें बजाय इसके कि सिर्फ चंद टॉपर छात्र पैदा करके स्कूल शिक्षा की मार्कीटिंग करें। शिक्षक किसी भी शिक्षा व्यवस्था की सबसे अहम कड़ी होते हैं। इसीलिए फिनलैंड में टीचर बनना सबसे सम्मानित प्रोफैशन माना जाता है। यहां लोग डाक्टर या इंजीनियर नहीं बल्कि टीचर बनना सबसे शान की बात समझते हैं सभी शिक्षकों के लिए मास्टर डिग्री होना अनिवार्य है। सिर्फ 10 प्रतिशत लोंगों को शिक्षक के तौर पर चुना जाता है जो टॉप ग्रैजुएट रहे हैं। वहीं टीचर एक दिन में सिर्फ 4 घंटे के एक क्लास में पढ़ाते हैं। 

यहां टीचरों के पास दिन में इतना समय होता है कि वो आपस में मिल बैठकर सिलेबस से जुड़ी बातों पर नई रणनीति तैयार कर सकें। शिक्षकों को सिलेबस का केवल एक मोटा-मोटा खाका ही दिया जाता है और शिक्षक अपने हिसाब से ही तय करते हैं कि वह छात्रों को किस ढंग से पढ़ाएंगे। फिनलैंड की शिक्षा व्यवस्था में परीक्षाएं आयोजित नहीं की जातीं। इस उत्तरी यूरोपीय देश में ‘फिनॉमिना लर्निंग का तरीका शुरू किया गया था। इसमें पारंपरिक विषयों की जगह थीम आधारित प्रोजैक्ट की शिक्षण पद्धति अपनाई गई। यहां के छात्रों को ऊंचे नंबर या क्लास में नंबर 1 आने के लिए नहीं कहा जाता है। इस कारण वहां का छात्र तनाव मुक्त है वहां के अध्यापक कम्पीटिटिव दौड़ के खिलाफ हैं। फिनलैंड में बच्चों को कभी होमवर्क नहीं दिया जाता है। यहां बच्चों को उनके हिसाब से पढऩे की छूट है। यहां गरीब बच्चों से कोई फीस नहीं ली जाती है और स्कूल से जुड़ी सारी सामग्रियां उन्हें मुफ्त मिल जाती है। 

फिनलैंड में बच्चों को अपने बचपन का आनंद लेने और स्कूलों में अत्यधिक समय बिताने की बजाय अपने परिवार के साथ सीखने की शुरूआत करने का मौका मिलता है। फिनिश शिक्षक कक्षा परीक्षाओं और स्टैंडर्डाइज्ड ट्रेनिंग पर निर्भर होने के बजाय छात्रों के लिए अपनी खुद की ग्रेडिंग सिस्टम तैयार करते हैं। 16 वर्ष की आयु में फिनिश छात्र अनिवार्य परीक्षा देते हैं। फिनिश शिक्षक हर दिन केवल 4 घंटे कक्षा में पढ़ाते हैं जबकि वे प्रोफैशनल विकास के लिए हर सप्ताह 2 घंटे समर्पित करते हैं। फिनलैंड में स्कूल सिस्टम पूरी तरह से 100 प्रतिशत स्टेट-फंडेड है। 
टॉप 10 पर्सेंटाइल से ग्रैजुएट केवल फिनलैंड में शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

फिनलैंड की एजुकेशन पॉलिसी का सबसे महत्वपूर्ण फोकस क्वालिटी, एफिशिएंसी और इंटरनैशनलाइजेशन पर है। क्या फिनलैंड की स्कूल शिक्षा व्यवस्था को लेकर ऊपर बताई गई किन बातों को देश में अपनाए जाने की जरूरत है इसका जवाब नकारात्मक नहीं लग रहा है कुल मिला कर हमारी स्कूल शिक्षा के लिए फिनलैंड जैसे देश के तनाव मुक्त शिक्षा मॉडल से सीखने के लिए कुछ तो है इसके लिए हमें शिक्षा से जुड़ी ट्रेङ्क्षनग डिवैल्पमैंट और एजुकेशन सिस्टम को छात्रों, शिक्षकों और इससे जुड़े तंत्र को प्रभावशाली बनाना होगा।-डा. वरिन्द्र भाटिया


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