‘हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक आंदोलन नोबेल पुरस्कार हेतु नामांकित’

punjabkesari.in Friday, Feb 12, 2021 - 03:45 AM (IST)

अमरीकी सांसदों के एक समूह जिसमें डैमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों शामिल हैं, ने इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को नामांकित किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ उनके संघर्ष को सम्मानित करने के लिए चीन सरकार बुरी तरह तिलमिला गई है। 

रिपब्लिकन सीनेटर मार्को रुबियो, प्रतिनिधि जेम्स मैकगवर्न समेत सात अन्य सांसदों ने नोबेल शांति पुरस्कार समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडर्सन को लिखा कि ‘‘हम एक ऐसे आंदोलन को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित कर रहे हैं, जिसने 1997 से हांगकांग में मानव अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए शांति से पैरवी की है और इन अधिकारों के हनन के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखा है।’’ 

कई लोकतंत्र अधिवक्ता पहले से ही जेल में हैं, कुछ निर्वासन में हैं और ढेरों लोग निर्वासित जीवन जी रहे हैं, जहां उन्हें इस बात का डर है कि आने वाले समय में उन्हें उनके भाषणों, प्रकाशन, चुनाव के माध्यम से अपने राजनीतिक विचारों को शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त करने के लिए दोषी ठहरा कर सजा सुनाई जाएगी। अमरीकी कांग्रेस के कार्यकारी आयोग के सभी सदस्यों ने इन लोकतंत्र समर्थकों के पक्ष में रविवार को चीन के कड़े रुख के खिलाफ पत्र लिखकर बताया कि लोकतंत्र समर्थकों की हांगकांग में बड़े पैमाने पर चीन सरकार द्वारा गिरफ्तारी हो रही है। 

हाल के वर्षों में मानवाधिकारों को लेकर चीन पर दबाव बनाने के लिए अमरीकी सांसदों ने लियू शियाओबो वाली घटना की पृष्ठभूमि में बहुत सख्त कदम उठाए हैं। असंतुष्ट चीनी लियू शियाओबो, जिनकी वर्ष 2017 में चीन में कैद के दौरान मौत हो गई थी, को चीन में मानवाधिकारों की आवाज उठाने के लिए वर्ष 2010 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। 

उस साल लियू को लंदन के साहित्यिक और मानवाधिकार संघ ‘पेन इंटरनैशनल’ के तत्कालीन अध्यक्ष क्वामे एंथोनी अप्पिया द्वारा नामित किया गया था। चीन के सरकारी अखबार पीपुल्स डेली ने बौखलाहट में लियू के नोबेल पुरस्कार की आलोचना कर कहा था कि नोबेल कमेटी ने जानबूझकर लियू शियाओबो को एक हीरो की तरह दिखाने की कोशिश की है और इसके पीछे पश्चिमी देशों का राजनीतिक एजैंडा छिपा हुआ है। साइरॉकाज यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विभाग के प्रोफैसर दिमित्र गुइयोरगुईव ने कहा सिर्फ पांच डैमोक्रेट और चार रिपब्लिकन ने नामांकन में मदद की है, जिससे चीन पर अमरीकी दबाव नहीं बनेगा, इसके लिए अभी और काम करने की जरूरत है। इसके बाद जो परिवर्तन हुए उनमें चीन ने उन अमरीकी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था जिन्होंने चीन के मानवाधिकारों की आलोचना की थी। 

लाखों की तादाद में हांगकांग के लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रत्यर्पण बिल 2019 का विरोध किया लेकिन कुछ प्रदर्शनकारी ङ्क्षहसक हो गए थे, जिसे लेकर हांगकांग की प्रशासनिक मुख्य कार्यकारी कैली लैम ने प्रदर्शनकारियों की मांगों को मानने से इंकार कर दिया था। इसके बाद पेइचिंग के शीर्ष विधायी निकाय ने पिछले वर्ष जून में हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पास कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए विदेशी ताकतों के साथ मिलकर अलगाववादी कार्य, तोडफ़ोड़, आतंकवाद और मिलीभगत का समर्थन करने वाले कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख का कहना है कि हांगकांग के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की स्वतंत्रता पर प्रहार का तुरंत असर होगा। 

हांगकांग के प्रदर्शनों के जवाब में चीन सरकार ने बिना लोगों की राय लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया, जो हांगकांग में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की आवाज को दबाने में अहम भूमिका निभाएगा और इसका असर दूरगामी होगा। अमरीकी सीनेटर मार्को रूबियो, उन नौ अमरीकी सांसदों में से एक हैं, जिन्होंने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए हांगकांग समर्थक लोकतंत्र आंदोलन को नामांकित किया है। एक अन्य हस्ताक्षरकत्र्ता, जेफ मर्कले, ओरेगन का एक डैमोक्रेट जो सीनेट की विदेश संबंध समिति में बैठता है, ने पिछले हफ्ते अपने उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम को फिर से प्रस्तुत किया, जिसके लिए यह सुनिश्चित करने के लिए चीनी सामानों के अमरीकी आयातकों को आवश्यकता होगी कि निर्माण में कोई मजबूर श्रम शामिल न हो। 

2018 में, रूबियो, प्रतिनिधि क्रिस्टोफर स्मिथ और सीनेटर स्टीव डाइन्स, नए पत्र के दो अन्य हस्ताक्षरकत्र्ताओं के नेतृत्व में सांसदों के एक समूह ने इन सभी कार्यकत्र्ताओं को, जिनके नाम जोशुआ वोंग ची-फंग, नाथन लॉ क्वान-चुंग और इनके पूरे समूह को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया, जिन्होंने 2014 के  लोकतंत्र समर्थक  ‘छतरी आंदोलन’ में हिस्सा लिया था। 

हांगकांग में पिछले सप्ताह वांग को सिविल अनरैस्ट के दौरान कानून व्यवस्था को भंग करने का दोषी ठहराया गया। वे पिछले 6 महीने से लंदन में हैं और वहां पर शरण लेने के लिए ब्रिटिश सरकार से शरण मांगी है। वांग ने पिछले हफ्ते हांगकांग में एक अनधिकृत विधानसभा में भाग लेने और नागरिक अशांति के दौरान सरकार के मुखौटा प्रतिबंध का उल्लंघन करने के आरोपों के लिए दोषी ठहराया। लंदन में आत्म- निर्वासन में जाने के छह महीने बाद दिसम्बर में ब्रिटेन में राजनीतिक शरण के लिए कानून लागू हुआ।


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