पावरकॉम का गौरव: गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत

punjabkesari.in Thursday, Jul 13, 2023 - 04:59 AM (IST)

बिजली की पैदावार कई साधनों, जैसे कि कोयला, पानी, सूर्य की ऊर्जा तथा अन्य पारम्परिक माध्यमों से की जाती है। पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के 3 थर्मल प्लांट जिनमें से गुरु नानक देव थर्मल प्लांट, बठिंडा, गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट, रोपड़ तथा गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत शामिल हैं। इनमें से 2018 में गुरु नानक देव थर्मल प्लांट बठिंडा को केंद्रीय बिजली अथॉरिटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार 25 वर्षों से अधिक समय से कार्यशील तथा आर्थिक तौर पर गैर-व्यावहारिक अंतर्गत होने के कारण बंद किया गया तथा इसके अतिरिक्त गुरु गोबिंद सुपर थर्मल प्लांट रोपड़ के 2 यूनिट भी बंद कर दिए गए थे।

गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट, रोपड़ के 210 मैगावाट के 4 यूनिट हैं। इसी तरह गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत 920 मैगावाट बिजली की पैदावार करके पिछले लगभग 25 वर्षों से पंजाब की मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान डाल रहा है। गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत के दो चरण हैं। पहले चरण के 2 यूनिट हैं तथा प्रति यूनिट बिजली उत्पादन क्षमता 210 मैगावाट है जबकि दूसरे चरण के 2 यूनिट हैं तथा प्रतिदिन की क्षमता 250 मैगावाट है।

गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट के चरण 1 यूनिट का नींव-पत्थर तत्कालीन मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह द्वारा 3 मार्च 1994 को रखा गया तथा चरण 2 यूनिट का तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा 28 फरवरी 2005 को रखा गया। गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत के पहले चरण के पहले यूनिट में 29 दिसम्बर 1997 तथा दूसरे यूनिट में 16 अक्तूबर 1998 को बिजली उत्पादन शुरू किया गया था जबकि चरण 2 के यूनिट नं. 3 व 4 ने 3 जनवरी 2008 तथा 31 जुलाई 2008 को बिजली उत्पादन शुरू कर दिया था।

गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत के मुख्य इंजी. मंगत राय बांसल ने बताया कि इस प्लांट की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 920 मैगावाट है जिसका वितरण डिस्ट्रीब्यूशन विंग के माध्यम से करके पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं तक आपूर्ति दी जाती है। इस थर्मल प्लांट में वर्ष 2023-24 (जून 2023) तक 92907 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन करके बिजली की मांग तथा आपूर्ति के बीच का फासला घटाया गया। इस थर्मल प्लांट का एक दिन का बिजली उत्पादन 22.08 मिलियन यूनिट है।

यदि प्लांट के 4 यूनिट पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन करते हैं तो कोयले की एक दिन की खपत 14000 मीट्रिक टन (अनुमानित) होती है। इस थर्मल प्लांट का वर्ष 2011-12 में एक दिन का सर्वाधिक बिजली उत्पादन 23.30 मिलियन यूनिट रहा जिसका प्लांट लोड फैक्टर 106 प्रतिशत रहा। इस थर्मल प्लांट द्वारा वर्ष 2011-12 में सर्वाधिक बिजली उत्पादन 7621.26 मिलियन यूनिट हुआ जिसका प्लांट लोड फैक्टर 95 प्रतिशत रहा है।

पंजाब स्टेट बिजली रैगुलेटरी कमिशन तथा सैंट्रल इलैक्ट्रिसिटी अथॉरिटी द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्यों की पूर्ति बाखूबी प्राप्त करते हुए इस थर्मल प्लांट का प्रदर्शन बहुत बढिय़ा रहा जिसका उदाहरण है कि इस प्लांट को पहला सम्मान नैशनल एनर्जी  कंजर्वेशन द्वारा 14.12.2010 को मिला था। फिर दूसरा अवार्ड राज्य स्तर के एनर्जी कंजर्वेशन मुकाबले में 2 नवम्बर 2018 को पैडा के माध्यम से पंजाब के बिजली मंत्री द्वारा देकर सम्मानित किया गया।

इंजी. मंगत राय बांसल के अनुसार थर्मल प्लांट की समय-समय पर प्राप्त उपलब्धियों के कारण मिले अवार्ड का मुख्य सेहरा अधिकारियों/ कर्मचारियों की मेहनत को है। इस प्लांट को नैशनल लैवल क्वालिटी कान्सैप्ट में उत्तमता ईनाम वर्ष 2014, 2015, 2016 तथा 2017 में प्राप्त हुए। नैशनल कन्वैंशन ऑन क्वालिटी कान्सैप्ट, जोकि मैसूर में 1-4 दिसम्बर 2017 और ग्वालियर में 21-24 दिसम्बर 2018 को आयोजित हुई में उत्तमता अवार्ड मिले। वित्तीय वर्ष 2023-24 (जून 2023) में अब तक का बिजली उत्पादन 955.700 मिलियन यूनिट है जिसका प्लांट लोड फैक्टर 48 प्रतिशत है तथा प्लांट को चालू रखने के लिए कोयले का 30 दिन का भंडार उपलब्ध है।

प्लांट में बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहीं सीनियर कार्यकारी इंजीनियर (सी व ई) पारुल गर्ग ने बताया कि इस थर्मल प्लांट के सभी अधिकारी तथा कर्मचारी पंजाब के बिजली खपतकारों को निॢवघ्न तथा गुणवत्तापूर्ण  आपूर्ति के लिए तथा पंजाब के विकास में महत्वपूर्ण योगदान डालने हेतु हमेशा कड़ी मेहनत, ईमानदारी तथा लग्र से काम कर रहे हैं। -मनमोहन सिंह (उपसचिव लोकसंपर्क, पी.एस.पी.सी.एल.)


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