बढ़ते हुए ‘रोबोट’ से बढ़ रही है ‘रोजगार’ चुनौती

Thursday, Aug 06, 2020 - 03:45 AM (IST)

जैसे -जैसे दुनिया में रोबोट बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे भारत सहित दुनिया के अधिक जनसंख्या वाले विकासशील देशों में रोजगार की ङ्क्षचताएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में दुनियाभर के लोगों द्वारा विख्यात लेखक मार्टिन फोर्ड की किताब ‘रोबोट्स का उदय : टैक्नोलॉजी और रोजगार विहीन भविष्य के खतरे’ को बड़ी गंभीरता के साथ पढ़ा जा रहा है। इस चॢचत किताब में माॢटन फोर्ड ने कहा है कि टैक्नोलॉजी के प्रतीक रोबोट आगे जाकर सामान्य तरह के रोजगार हथिया लेंगे। स्थिति यह है कि रोबोट के कारण 21वीं सदी में वैश्वीकरण और यंत्रीकरण के विस्तार के साथ शताब्दियों से चली आ रही मनुष्य की बल और बुद्धि की श्रेष्ठता खत्म हो जाने का खतरा मंडराने लगा है। 

दुनिया की अर्थव्यवस्था में रोबोट की अहमियत कितनी बढ़ गई है, इसका अंदाजा अमरीका के बोस्टन कंसल्टिन ग्रुप की रिपोर्ट 2019 से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार रोबोट का वैश्विक बाजार छलांगें लगाकर बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2010 में दुनिया में रोबोट का बाजार करीब 15 अरब डॉलर मूल्य का था। यह 2020 में करीब 43 अरब डॉलर का हो गया है और अनुमान है कि 2025 तक 67 अरब डॉलर का हो जाएगा। इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा कार्यरत रोबोट जिन देशों के पास हैं उनमें चीन, जापान, अमरीका, दक्षिण कोरिया तथा जर्मनी प्रमुख हैं। 

दुनिया में विभिन्न प्रकार के रोबोटों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। सामान्यतया रोबोट दो तरह के होते हैं- इंडस्ट्रियल रोबोट और सॢवस रोबोट। इंडस्ट्रियल रोबोट औद्योगिक एवं कारोबार इकाइयों में काम करते हैं, जबकि सर्विस रोबोट सर्विस से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। सॢवस रोबोट के तहत प्रोफैशनल्स रोबोट, डोमैस्टिक सॢवस रोबोट, एंटरटेनमैंट रोबोट शामिल होते हैं। इन दिनों कोविड-19 की चुनौतियों का सामना कर रही पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से निपटने और अधिक से अधिक लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए रोबोट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जापान की सॉफ्ट बैंक कॉर्प जैसी दुनिया की कई कम्पनियां मानवीय मस्तिष्क की तरह काम करने वाले रोबोट विकसित कर रही हैं। 

दुनिया में रोबोटों की बढ़ती हुई संख्या के मद्देनजर प्रसिद्ध वल्र्ड रोबोटिक्स 2019 की एग्जीक्यूटिव समरी महत्वपूर्ण है। इसके अनुसार दुनिया में आप्रेशनल स्टॉक में यानी कार्यरत इंडस्ट्रियल रोबोट की संख्या जो 2018 में करीब 24 लाख थी, ये 2022 में बढ़कर करीब 40 लाख होने का अनुमान है। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि इंडस्ट्रियल रोबोट चीन में सर्वाधिक हैं। वर्ष 2018 में चीन में करीब 6.5 लाख इंडस्ट्रियल रोबोट्स का स्टॉक था। चीन में प्रत्येक 10,000 कर्मचारियों पर 732 रोबोट काम कर रहे हैं। दुनिया में वर्ष 2018 में 4.20 लाख इंडस्ट्रियल रोबोट बिके थे, यह संख्या वर्ष 2022 तक बढ़कर करीब 5.83 लाख होने का अनुमान लगाया गया है। सबसे अधिक इंडस्ट्रियल रोबोट ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में है। इसके बाद इलैक्ट्रिक एवं इलैक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के क्रम हैं। 

हमारे देश में रोबोटों की संख्या के मद्देनजर इंटरनैशनल फैडरेशन ऑफ रोबोटिक्स 2019 की रिपोर्ट उल्लेखनीय है। इसके मुताबिक भारत में 2018 में करीब 23 हजार इंडस्ट्रियल रोबोट कार्यरत थे। पूरी दुनिया में इंडस्ट्रियल रोबोट्स के मामले में भारत 11वें स्थान पर है। भारत में वर्ष 2018 में करीब 4771 नए इंडस्ट्रियल रोबोट लगाए गए थे। यह संख्या 2020 के अंत तक 6 हजार होने की संभावना बताई गई है। भारत में रोबोट का बाजार वर्ष 2012 के बाद तेजी से बढ़ा है। भारत में औद्योगिक सैक्टर में हर 10,000 कर्मचारियों पर 4 रोबोट काम कर रहे हैं। यदि हम भारत में रोबोट तैनाती का परिदृश्य देखें तो पाते हैं कि देश में वाहन उद्योग में रोबोटों की संख्या सबसे अधिक है। 

निश्चित रूप से कोविड-19 के बाद दुनिया में उपभोक्ताओं की प्राथमिकता में रोबोट की अहमियत और बढ़ेगी। जहां एक ओर रोबोट वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा हो जाएंगे और जिन देशों में कार्यशील युवाओं की कमी है उन देशों में रोबोट अत्यधिक लाभप्रद होंगे। लेकिन वहीं दूसरी ओर जिन देशों में आबादी अधिक है और कार्यशील युवाओं की अधिकता है, उन देशों में रोबोट के बढ़ने से रोजगार व नौकरियां जाने की चिंताएं बढ़ेंगी। 

आर्थिक मामलों में शोध करने वाली दुनिया की प्रसिद्ध फर्म ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2030 तक रोबोट 2 करोड़ लोगों की नौकरियां छीन सकते हैं। रोबोट के बढ़ने से डाटा एंट्री क्लर्क, फैक्टरी मजदूर, बिजनैस सॢवस एंड एडमिनिस्ट्रेशन मैनेजर, अकाऊंटैंट, जनरल आप्रेशन मैनेजर, स्टॉक कीपिंग क्लर्क, डाक सेवा क्लर्क, वित्तीय समीक्षक, कैशियर व टिकट क्लर्क, मैकेनिक, बिजली व टैलीकॉम रिपेयर सेवा, बैंक क्लर्क, कार, वैन और मोटरसाइकिल चालक, एजैंट व ब्रोकर, घर-घर सामान बेचने का काम, वकील, बीमा क्लर्क और वैंडर सॢवस जैसे सैक्टर में नौकरियां कम होंगी। 

जहां मनुष्य की जगह रोबोट को अत्यधिक प्राथमिकता दी जा रही है, वहां मानवीय संवेदनाएं कम होती जा रही हैं और चिंताएं और निराशाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में रोबोट बनाम मानव की नई लड़ाई का विनाशकारी परिदृश्य भी उभरकर सामने आ सकता है। इतना ही नहीं कोई बुद्धिमान रोबोट यदि किसी परिस्थितिवश मनुष्य को अपना शत्रु मानने लग जाएगा, तो इससे सम्पूर्ण मानवता के लिए खतरा पैदा हो सकता है। ऐसे में हमेशा यह ध्यान रखा जाना होगा कि रोबोट पर मनुष्य का नियंत्रण हरसंभव तरीके से बना रहे।-डा. जयंतीलाल भंडारी

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