‘सरकारी कर्मियों का भ्रष्टाचार रोकना है’ ‘तो सख्त कदम उठाने होंगे’

punjabkesari.in Sunday, Feb 14, 2021 - 05:43 AM (IST)

केन्द्र तथा राज्य सरकारें देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के कितने ही दावे क्यों न करें तथ्य यह है कि भ्रष्टाचार पर नकेल कसना आज कठिन प्रतीत होता है और यह बुराई इस कदर बढ़ चुकी है कि नीचे से ऊपर तक अनेक सरकारी कर्मचारी व अधिकारी इसमें संलिप्त पाए जा रहे हैं जो इसी महीने के मात्र तेरह दिनों के निम्र चंद उदाहरणों से स्पष्ट है :

* 1 फरवरी को मौड़ मंडी क्षेत्र में पावरकॉम का एक जूनियर इंजीनियर ट्रांसफार्मर बदलने की एवज में 5,000 रुपए रिश्वत लेता पकड़ा गया। 
* 2 फरवरी को एंटी क्रप्शन ब्यूरो जम्मू ने पूर्व एक्साइज कमिश्नर मोहम्मद जावेद खान के जम्मू, गुरुग्राम एवं नोएडा स्थित परिसरों में एक साथ छापेमारी करके करोड़ों रुपए की सम्पत्ति का पता लगाया। 

* 3 फरवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दौसा (राजस्थान) में एक एस.पी. को जयपुर-आगरा हाईवे बनाने वाली कम्पनियों से 38 लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया। 
* 4 फरवरी को तरनतारन पुलिस ने नशे के धंधे में फंसाने की धमकी देकर एक व्यक्ति से 7 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में नार्कोटिक्स सैल के इंचार्ज तथा उसके 2 साथियों के विरुद्ध केस दर्ज किया। 
* 4 फरवरी को अहमदाबाद में गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सूरत के एक व्यापारी से साढ़े चार लाख रुपए रिश्वत लेते हुए सूरत ग्रामीण पुलिस के एक ए.एस.आई. ‘महादेव सेवाइकर’ को पकड़ा। 
* 4 फरवरी को ही बिहार के ‘गया’ में 253 किलो गांजे से लदी पिकअप के साथ पकड़े गए गांजा तस्करों को छोडऩे के लिए एक्साइज विभाग के ट्रेनी सब-इंस्पैक्टर मुकेश शर्मा और 2 सिपाहियों रंजीत तथा अविनेश को 64,000 रुपए रिश्वत लेते हुए दबोचा। 

* 9 फरवरी को पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने नगर निगम, फगवाड़ा की बिल्डिंग ब्रांच में तैनात इंस्पैक्टर पलपरनीत सिंह को शिकायतकत्र्ता से एक लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा। 
* 9 फरवरी को ही पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने एक पार्टी के विरुद्ध जारी जांच रुकवाने का बहाना बनाकर 3 लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में पंजाब पुलिस के इंटैलीजैंस विंग के सीनियर इंटैलीजैंस सहायक सतपाल को गिरफ्तार किया। 

* 9 फरवरी वाले दिन ही 5,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए घरोटा (पठानकोट) पुलिस चौकी के पूर्व इंचार्ज ए.एस.आई. गोविंद प्रसाद को जब्री रिटायर करने के आदेश विजीलैंस विभाग ने जारी किए।
* 12 फरवरी को विजीलैंस ब्यूरो ने लोक निर्माण विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर द्वारा कथित रूप से भ्रष्टï तरीकों से बनाई गई लगभग 80 करोड़ रुपए की 39 सम्पत्तियों का पता लगाने का दावा किया। इनमें चंडीगढ़ के सैक्टर-20 में 2 कनाल का एक मकान भी शामिल है। 

* 12 फरवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जयपुर में सार्वजनिक निर्माण विभाग के एक जूनियर इंजीनियर को शिकायतकत्र्ता का बिल मंजूर करने की एवज में 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
* 12 फरवरी को ही पलामू (झारखंड) में ‘हरिहरगंज’ ब्लाक के बी.डी.ओ. ‘जागो महतो’ को एक किसान से कुआं बनाने के लिए माप पुस्तिका देने की एवज में 7000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू किया।
* 12 फरवरी को भीलवाड़ा में अधिकारियों ने खनन विभाग के एक क्लर्क को शिकायतकत्र्ता का जब्त किया हुआ ट्रैक्टर छोड़ने के बदले में 2,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।   
* 13 फरवरी को बरेली के नवाबगंज तहसील के गांव ‘बीजामऊ’ में खेत की पैमाइश के लिए एक किसान से 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए एकाऊंटैंट जैनेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया। 

उक्त उदाहरणों से स्पष्ï है कि सरकारी कर्मचारियों में भ्रष्टाचार आज देश के ओर-छोर तक फैल चुका है और इस पर नियंत्रण पाने के संबंध में किए जाने वाले दावों के विपरीत यह बढ़ता ही जा रहा है। रिश्वत का यह महारोग सरकारी विभागों में किस कदर जड़ें जमा चुका है यह गत 4 जनवरी को यू.पी. के मुरादनगर में एक श्मशान भूमि की नई बनी छत गिरने से हुई 25 लोगों की मृत्यु की दर्दनाक घटना से स्पष्ट है। इसे बनाने वाले ठेकेदार अजय त्यागी ने पुलिस द्वारा पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने यह ठेका लेने के लिए संबंधित अधिकारियों को 16 लाख रुपए रिश्वत दी थी और उसने यह भी स्वीकार किया कि छत के निर्माण में न सिर्फ घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई बल्कि सीमैंट का प्रयोग नाममात्र ही किया गया था और सीमैंट की बजाय रेत भरा गया। 

हालांकि मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में 312 भ्रष्ट्र व नाकारा वरिष्ठ अफसरों को जब्री रिटायर करके अफसरशाही के भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ा संदेश देने की कोशिश की थी परंतु इसके बावजूद अब भी बड़े पदों पर मौजूद अफसरों के भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार के विरुद्ध पहले से लागू कानूनों के सख्ती से पालन के अलावा इन्हें और कड़ा करने की जरूरत है ताकि देश को भ्रष्टाचार के इस घुन से कुछ मुक्ति मिल सके।—विजय कुमार


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