बूढ़ा होना और खुद को जवान महसूस करना

punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 05:45 AM (IST)

आज मैं 70 वर्ष का हो गया हूं और बूढ़ा हो रहा हूं लेकिन अपने आप को जवान महसूस कर रहा हूं! मैं कितनी बार ऐसे लोगों से मिलता हूं जो इस तथ्य से लड़ते हैं कि वे बूढ़े हो रहे हैं। बुढ़ापा एक उपहार है। मैं अब, शायद अपने जीवन में पहली बार, वह व्यक्ति हूं जो मैं हमेशा से बनना चाहता था। ओह, मेरा शरीर अब वैसा नहीं! मैं कभी-कभी अपने शरीर को लेकर निराश हो जाता हूं लेकिन मैं इसके बारे में लंबे समय तक दुखी नहीं रहता।

मैं अपने पुराने दोस्तों, अपने शानदार जीवन, अपनी प्यारी पत्नी और परिवार को कभी भी कम सफेद बालों या सपाट पेट के लिए नहीं बदलूंगा। जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ी है, मैं अपना खुद का दोस्त बन गया हूं। मैं कम खाने के लिए खुद पर गुस्सा नहीं करता, क्योंकि दूसरे लोग आश्चर्य करते हैं कि मेरे पास चिकन का टुकड़ा या पनीर क्यों नहीं है। मुझे लगता है कि मुझे कम खाने या बिल्कुल भी न खाने का अधिकार है। अगर मैं देर रात तक फिल्म देखना चुनता हूं तो इसमें क्या दोष है? मैं 60 और 70 के दशक की उन शानदार धुनों को सुनता हूं और अगर उसी समय मुझे कोई खोया हुआ प्यार याद आता है, तो मैं उस दुखद समय के लिए रोता हूं। मुझे पता है कि मैं कभी-कभी भुलक्कड़ हो जाता  हूं लेकिन फिर भी,जीवन के कुछ हिस्से भूल जाना भी उतना ही अच्छा है और अंतत: मुझे महत्वपूर्ण चीजें याद आती हैं।

पिछले कुछ सालों में मेरा दिल जरूर टूटा है। जब आप किसी दोस्त या माता-पिता को खो देते हैं तो आपका दिल कैसे नहीं टूट सकता? लेकिन टूटे हुए दिल ही हमें ताकत, समझ और करुणा देते हैं। एक दिल जो कभी नहीं टूटा, वह बेदाग और बांझ होता है और कभी भी अपूर्ण होने का आनंद नहीं जान पाता! जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आपको इस बात की परवाह कम होती जाती है कि दूसरे लोग क्या सोचते हैं। मैं अब खुद से सवाल नहीं करता। मैंने गलत होने का अधिकार भी अर्जित कर लिया है। मुझे बूढ़ा होना पसंद है। इसने मुझे आजाद कर दिया है। मैं वह व्यक्ति हूं जो मैं बन गया हूं। मैं हमेशा के लिए नहीं जीने वाला हूं लेकिन जब तक मैं यहां हूं मैं इस बात पर विलाप करने में समय बर्बाद नहीं करूंगा कि क्या हो सकता था, या इस बात की ङ्क्षचता में कि क्या होगा। मेरे जीवन में पहली बार, मुझे उन चीजों को करने के लिए किसी कारण की जरूरत नहीं है जो मैं करना चाहता हूं। 

अगर मैं पूरे दिन पुरानी तस्वीरें देखना चाहता हूं, सोफे पर लेटकर घंटों नैटफ्लिक्स सीरियल देखना चाहता  हूं या मॉल या मूवी नहीं जाना चाहता  हूं तो मैंने यह अधिकार अर्जित किया है। मैं बिना दोषी महसूस किए थोड़ा स्वार्थी हो सकता हूं। कभी-कभी मुझे युवाओं के लिए दुख होता है। वे उस दुनिया से बहुत अलग हैं जिसे मैं बड़ा होते हुए जानता था, जब हम कानून से डरते थे, बुजुर्गों, राष्ट्रीय ध्वज और अपने देश का सम्मान करते थे। मुझे कभी भी खुद को व्यक्त करने के लिए गंदी भाषा का उपयोग करने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई, मैंने आज के अखबार में पढ़ा कि  आजकल यह बात आम हो गई है। मैं आभारी हूं कि मैं उस समय पैदा हुआ था, और अब मैं अपनी बढ़ती उम्र के हर पल का आनंद ले रहा हूं! अब, मैं आज ऐसा कॉलम क्यों पोस्ट करूंगा, जब तक कि मैं बूढ़ा होते हुए भी युवा महसूस न करूं..!-दूर की कौड़ीराबर्ट क्लीमैंट्स
 


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