सैनिकों के लिए ट्रेन में सवार हो जम्मू-कश्मीर चले ‘गणपति’

punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2019 - 04:09 AM (IST)

बांद्रा -जम्मू तवी स्वराज एक्सप्रैस में सोमवार को एक असामान्य यात्री सवार था और वह थी गणपति की 6 फुट ऊंची मूर्ति। विश्वास और देशभक्ति के प्रदर्शन के तौर पर घाटकोपर की एक महिला ने नियंत्रण रेखा के पास गणेशोत्सव मनाने के लिए मूर्ति को मुंबई से जम्मू-कश्मीर के पुंछ में ले जाने का फैसला किया। जैसे ही उन्होंने अपने ‘भारत-पाकिस्तान बॉर्डर राजा’ के साथ 36 घंटे की यात्रा शुरू की, किरण बाला सोमराज ईशर ने बताया कि उन्हें दोस्तों और सेना के जवानों की मदद से जम्मू रेलवे स्टेशन से अपने गांव पुंछ जिले (350 किलोमीटर की दूरी) में मूर्ति को ले जाने की उम्मीद है। 

जम्मू-कश्मीर में सैनिकों और शहीदों के लिए एक एन.जी.ओ. चलाने वाली ईशर ने कहा कि उनका परिवार हर साल जम्मू में भगवान का स्वागत करता है। हालांकि वे जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा हटाने के बाद इस बार रसद का समन्वय नहीं कर पाए हैं। ईशर ने कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ सम्पर्क स्थापित नहीं कर सकीं। इसलिए उसने मुंबई से अपने कुछ दोस्तों के साथ ‘सीमा राजा’ को लेने का फैसला किया। उसने कहा कि उसे विश्वास है कि सैनिक मूर्ति को अपने गांव ले जाने में उसकी मदद करेंगे। सैनिक ‘भारत-पाकिस्तान बॉर्डर राजा’ के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि यह उनका वार्षिक अभ्यास है। 

2016 में ईशर के भतीजे राजेंद्र कुमार शर्मा ने जम्मू-कश्मीर में शहीद होने से पहले 4 आतंकवादियों को मार गिराया और 250 लोगों की जान बचाई। उनके चाचा सुखराज भी लद्दाख में शहीद हुए थे। वह पिछले 9 वर्षों से कश्मीर में गणपति उत्सव मना रही हैं और 2015 से मुम्बई से एक मूर्ति ले जा रही हैं। शारीरिक रूप से विकलांग कलाकार श्री पंड्रे मूर्ति बनाते हैं।-एस. वकटानिया


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