दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी पर ‘एफ.आई.आर.’ : कौन जिम्मेदार

punjabkesari.in Thursday, Apr 09, 2020 - 04:22 AM (IST)

इन्हीं  दिनों दिल्ली पुलिस की ओर से गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब में रुके (फंसे) लगभग 200 व्यक्तियों को निकाल, बसों द्वारा सुरक्षित एक स्कूल में पहुंचाया गया। बताया गया है कि कोरोना वायरस के चलते सरकार द्वारा जारी आदेशों, 20 से अधिक व्यक्तियों के एक जगह इकट्ठा होने और एक से डेढ़ मीटर की (सामाजिक) दूरी बनाए रखने का उल्लंघन किए जाने के आरोप में गुरुद्वारा मजनूं का टीला के प्रबंधकों, अर्थात दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रमुखों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई। 

गुरुद्वारा कमेटी पर इस एफ.आई.आर. के दर्ज होने पर रोष प्रकट करते हुए दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंद्र सिंह सिरसा ने एक ओर तो इसे ‘गैर-कानूनी’ करार देते हुए इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दोषी ठहराया, तो दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल को ही एक पत्र लिखकर कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए संकट के समय लगभग ‘दो लाख’ जरूरतमंदों को गुरुद्वारा कमेटी की ओर से रोजाना लंगर छकाए जाने का हवाला देते हुए, संबंधित एफ.आई.आर. को रद्द किए जाने की मांग की। 

उधर स. सिरसा की ओर से गुरुद्वारा कमेटी के विरुद्ध दर्ज हुई एफ.आई.आर. के लिए अरविंद केजरीवाल को दोषी ठहराए जाने पर ‘आप’ पार्टी के सांसद भगवंत मान और दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह ने स. सिरसा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि स. सिरसा केजरीवाल पर झूठे आरोप लगाने से संकोच करें। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव द्वारा जारी एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यह एफ.आई.आर. उनके आदेश पर दर्ज हुई है न कि केजरीवाल के कहने पर। भगवंत मान और जरनैल सिंह के इस दावे को चुनौती देते हुए स. सिरसा ने कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि यह एफ.आई.आर. केजरीवाल के कहने पर ही दर्ज हुई है न कि केंद्रीय गृह सचिव के कहने पर। 

हरविंद्र सिंह सरना का आरोप
आम आदमी पार्टी के मुखियों और स. सिरसा के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले के बीच शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरविंद्र सिंह सरना ने दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज होने के लिए गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंद्र सिंह सिरसा को ही पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि स. सिरसा ने बिना उचित प्रबंध किए पंजाब से दिल्ली आ फंसे लोगों को गुरुद्वारा मजनूं का टीला से बसों द्वारा पंजाब भेजे जाने का ऐलान किया था। उनके इस आह्वान पर ही पंजाब लौटने के लिए लगभग 400 व्यक्ति गुरुद्वारा मजनूं का टीला पहुंच गए। परन्तु वहां उचित प्रबंध न होने के कारण केवल 100-150 व्यक्ति ही पंजाब के लिए रवाना हो सके और शेष 200 से अधिक वहीं फंसे रह गए, जिन्हें पंजाब भेजे जाने का प्रबंध स. सिरसा न कर सके। 

स. सरना ने कहा कि चाहिए तो यह था कि कोरोना वायरस के चलते सरकार द्वारा जो आदेश जारी किए गए हैं, उनका पालन करते हुए स. सिरसा प्रशासन को इन लोगों के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाते ताकि प्रशासन उनके लिए समय पर उचित प्रबंध कर सकता परन्तु स. सिरसा ने ऐसा नहीं किया। जब प्रशासन को अपने सूत्रों से इनके बारे में जानकारी मिली तो उसने बसों का प्रबंध कर उन्हें सुरक्षित एक स्कूल में पहुंचाया। स. सरना ने कहा कि यह तो अकालपुरख की कृपा रही जो वहां तब्लीगी जमात जैसा कांड नहीं हो सका। इसके साथ ही स. सरना ने कहा कि स. सिरसा ने गुरुद्वारा कमेटी की ओर से दो लाख लोगों को लंगर छकाए जाने की दुहाई देकर दर्ज एफ.आई.आर. रद्द करने की मांग की है, जोकि उचित नहीं। उन्होंने कहा सिख धर्म में लंगर छकाया जाना किसी पर अहसान नहीं, बल्कि एक कत्र्तव्य है, जिसका पालन गुरु साहिब के समय से ही चला आ रहा है, इसलिए स. सिरसा को इसकी दुहाई नहीं देनी चाहिए, अपनी गलती को खुले मन से स्वीकार कर उसे रद्द किए जाने की मांग करनी चाहिए। 

सैक्स वर्कर एरिया
जहां समाज के ठेकेदार रात के अंधेरे में सिर उठा कर जाते हैं और दिन के उजाले में उसी रास्ते से सिर झुका कर निकलते हैं, लॉकडाऊन लागू होने के बाद वहां भूख ने अपना साम्राज्य कायम कर लिया, उस भूख के साम्राज्य को मिटाने के लिए समाज का कोई ठेकेदार आगे नहीं आ रहा था, ऐसे में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी की वरिष्ठ उपाध्यक्षा रणजीत कौर अपनी टीम के साथ आगे आईं और उन्होंने इस क्षेत्र में फैले भूख के साम्राज्य को तहस-नहस करने की जिम्मेदारी संभाल ली। सुबह-शाम खाने के पैकेटों के साथ वहां पहुंचने लगीं। 

उन्हें ऐसा करते हुए देख कुछ लोगों ने उनसे पूछा कि क्या ऐसे बदनाम क्षेत्र में आकर सेवा करते हुए उन्हें शर्म महसूस नहीं होती? इस पर उन्होंने कहा कि हमारे गुरु साहिबान ने सेवा करने की जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे निभाते हुए शर्म कैसी? ऐसा करते हुए तो हमें संतुष्टि होती है कि हम गुरु साहिब द्वारा सौंपी जिम्मेदारी को अपने सामथ्र्य के अनुसार पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही यह पूछे जाने पर कि वह यह सेवा कब तक करेंगी? उन्होंने जवाब दिया कि जब तक गुरु साहिब सामथ्र्य देंगे, वह और उनकी टीम यह सेवा करती रहेगी। 

मानव सेवा के मैदान में
कोरोना त्रासदी के शिकार गरीब मजदूरों की मदद करने के लिए जहां अन्य कई संस्थाएं मैदान में हैं, वहीं दिल्ली की सिख संस्थाएं भी अपने सामथ्र्य के अनुसार योगदान कर रही हैं, जिनमें शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना अपने सहयोगी साथियों और दल के युवा प्रकोष्ठ के साथ रोजाना लगभग 5 हजार लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचाने के लिए यत्नशील हैं। उनके अलावा ‘जागो’ पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ग्रेटर कैलाश पहाड़ी वाली सिंह सभा, दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व महासचिव गुरमीत सिंह शंटी कर्मपुरा के वासी साथियों, नैशनल अकाली दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा सदर बाजार के साथी व्यापारियों के साथ मिल कर और राजौरी गार्डन सिंह सभा के अध्यक्ष हरमनजीत सिंह आदि सिंह सभा के साथियों के साथ मिलकर जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए आगे-आगे चल रहे  हैं। 

इंटरनैशनल पंजाबी आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने दस हजार परिवारों तक कच्चे राशन, जिसमें आटा, दालें, कुकिंग आयल, मसाले आदि शामिल हैं, के पैकेट पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाई है। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंद्र सिंह सरना ने भी दावा किया है कि उनके नेतृत्व में गुरुद्वारा कमेटी रोजाना ‘दो लाख’ जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रही है। 

...और अंत में
सेवामुक्त जस्टिस आर.एस. सोढी ने कहा है कि आज जबकि कोरोना का भयावह कहर अपना भयंकर रूप दिखा रहा है, तो देश के विभिन्न क्षेत्रों के वासियों को अपने-अपने पार्षदों, विधायकों और सांसदों से पूछना चाहिए कि आज जबकि उनके मतदाताओं को उनकी मदद की जरूरत है, वे किस गुफा में छुपे बैठे हैं। जब चुनाव आते हैं तो वे कई-कई बार आकर उनका दरवाजा खटखटाते हैं और अपना समर्थन करने की दुहाई देते हैं।-न काहू से दोस्ती न काहू से बैर जसवंत सिंह ‘अजीत’  
 


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