पंजाब का पतन : खराब शासन का परिणाम

punjabkesari.in Thursday, May 04, 2023 - 05:06 AM (IST)

जालंधर की हालिया यात्राओं ने मुझे विश्वास दिलाया है कि पंजाब में गंभीर अव्यवस्था का शासन चल रहा है। आगामी लोकसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए मैं इंद्र इकबाल सिंह अटवाल जी को समर्थन देना जारी रखता हूं। विभिन्न नेताओं तथा प्रतिनिधियों के साथ हुई मेरी बातचीत ने मुझे पंजाब की गिरावट के प्रति चिंतित कर दिया है। 

पंजाब में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद की संस्कृति ने एक बार फिर से जीवंत राज्य के पतन का नेतृत्व किया है। एक ऐसा भी समय था जब पंजाब की उपजाऊ भूमि देश का खजाना हुआ करती थी लेकिन आज यह नशीले पदार्थों के लिए अपूर्ति का एक मार्ग है। हरित क्रांति का दिल कहा जाने वाला पंजाब जोकि एक समय भारत की सोने की चिडिय़ा था अब कृषि संकट में फंसा हुआ एक राज्य है। भारत की ब्रैड बास्केट के नाम से मशहूर पंजाब की प्रति व्यक्ति आय 1980 के दशक में सबसे अधिक थी। 2021-22 में यह 16वें स्थान पर थी। एक बार आर्थिक विकास के मामलों में भारतीय राज्यों ने इसका अनुकरण करने का लक्ष्य रखा था। आज पंजाब उच्च सार्वजनिक ऋण की ओर देख रहा है। 

मार्च 2024 तक पंजाब का कर्ज बढ़कर 3.47 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। वेतन, पैंशन के रूप में अत्यधिक उच्च प्रतिबद्ध देनदारियों से पंजाब विवश है। 2023-24 में राज्य का बजट मात्र 11,727 करोड़ रुपए होगा जोकि जी.एस.डी.पी. के मामले में देश में सबसे निम्न स्तर पर है। 2022 के अंत में प्रति व्यक्ति ऋण का अनुमान 1.08 लाख रुपए था। आम आदमी पार्टी की रेवड़ी सरकार सबक सीखने से इंकार करती है क्योंकि वह अपने लोक लुभावन लोगों को वित्त देने के लिए उधार लेती है। 

सत्ता में आने के एक साल के भीतर ‘आप’ सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है। ‘आप’ के वायदों का पाखंड इसके नाश के केंद्र में है। पंजाब को एक नशामुक्त लक्ष्य हासिल करने वाला राज्य कहना हास्यास्पद लगता है। दिल्ली की हर गली में शराब की दुकान खोलने की एक ऐसी नीति थी जिसने दिल्ली में भ्रष्टाचार के घोटाले को जन्म दिया है। ‘आप’ अब इसमें फंस कर रह गई है। नशीली दवाओं के संकट से निपटने में ‘आप’ सरकार अक्षम नजर आती है। राज्य में ड्रग्स, शराब का कारोबार और माफिया जैसे असंख्य मुद्दे हैं जिस पर नियंत्रण करने में सरकार विफल रही है। राज्य में उग्रवाद का उदय अनियंत्रित हो गया है? शायद राज्य सरकार को यह स्वीकार करने की जरूरत है कि उसके द्वारा रिमोट से इसे नियंत्रित किया जा रहा है। 

प्रमुख नीतिगत और परियोजना संबंधी निर्णय दिल्ली में लिए जाते हैं। ‘आप’ ने पराली जलाने और पर्यावरण के मुद्दे से निपटने के लिए कुछ नहीं किया। सर्दियों के महीनों में प्रदूषण चरम पर था। राज्य सरकार के पास भविष्य के लिए कोई योजना नहीं है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ‘आप’ ने कर्ज में डूबे किसानों के समाधान का वायदा किया था। कर्ज माफी से राज्य सरकार के इंकार करने के खिलाफ पिछले वर्ष हमने कई प्रदर्शन देखे थे। 

केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ देने से ‘आप’ हठधर्मी से इंकार करती है। कई प्रमुख योजनाओं पर राज्य का खराब प्रदर्शन है। सांख्यिकी और कार्यक्रम मंत्रालय द्वारा संकलित एक हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पी.एम.ए.वाई.- जी.) के तहत वर्ष 2022-23 की पहली दो तिमाहियों के दौरान एक भी घर नहीं बनाया है। 

इसी अवधि के लिए सार्वजनिक आबंटित प्रणाली के तहत पंजाब ने मात्र 37 प्रतिशत खाद्यान्न आबंटित किया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत केवल 54 प्रतिशत स्वीकृत ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया। पी.एम. किसान योजना के तहत राज्य के मात्र 9 प्रतिशत किसानों ने भुगतान की 12वीं किस्त हासिल की है जोकि देश में सबसे निम्न है। इससे भी ज्यादा दुर्भाग्य की बात यह है कि ‘आप’ सरकार मोहल्ला क्लीनिकों के तौर पर आयुष्मान भारत हैल्थ सैंटरों की रिब्रांडिड कर रही है। शहरी विकास की विभिन्न स्कीमों को लेकर भी पंजाब सरकार खरी नहीं उतरी। 76 प्रतिशत की राष्ट्रीय औसत की तुलना में पंजाब ने मात्र 23 प्रतिशत सॉल्डि वेस्ट को प्रोसैस किया है। पूरे भारत में पंजाब का एक भी ऐसा शहर नहीं है जोकि 14 अर्बन लोकल बॉडीज की सूची में शामिल हो। 

उत्तर भारत का प्रथम बायोगैस प्लांट संगरूर में स्थापित किया जा रहा है। उड़ान स्कीम के तहत पंजाब के बठिंडा, लुधियाना, पठानकोट और आदमपुर के एयरपोर्ट जोड़े जा चुके हैं। वहीं चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला तथा लुधियाना में मैट्रो रेल आ रही है। पंजाब में ‘हर घर नल से जल’ स्कीम के तहत करीब 18 लाख घरों को नल का पानी उपलब्ध करवाया गया है। पंजाब को फिर से उज्ज्वल बनाने के लिए प्रधानमंत्री की ऐसी स्कीमें तो मात्र शुरूआत हैं। अब समय आ गया है कि हमें आगे बढ़ कर एक अच्छा प्रशासन देना होगा।-हरदीप सिंह पुरी(केंद्रीय पैट्रोलियम, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News