उत्तराखंड में वैश्विक निवेशक सम्मेलन से उम्मीदें
punjabkesari.in Thursday, Dec 07, 2023 - 04:52 AM (IST)

हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड और इसके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर इन दिनों देश और दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को 17 दिन बाद सुरक्षित निकाल लेने के बाद यहां एक बड़ा आर्थिक यज्ञ होने जा रहा है। उत्तराखंड को 2025 तक भारत के सर्वाधिक तेजी से विकसित होने वाले राज्य की श्रेणी में स्थापित करने की योजना है। इसके लिए एक ग्लोबल इन्वैस्टर समिट दुनिया भर में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाले फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट, देहरादून में 8 और 9 दिसंबर 2023 को होगा। इस निवेशक सम्मेलन के माध्यम से अढ़ाई लाख करोड़ रुपयों के निवेश का लक्ष्य राज्य सरकार ने रखा है। वाइब्रैंट गुजरात की तर्ज पर डैस्टिनेशन उत्तराखंड शुरू किया गया है। युवाओं को घर के पास ही रोजगार उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है।
लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व जून 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ की आध्यात्मिक यात्रा पर थे। तब उन्होंने कहा था, ‘‘21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा।’’ मोदी बोले थे, ‘‘बीते 100 वर्षों में जितने लोग यहां दर्शन को आए हैं आने वाले एक दशक में उससे अधिक लोग आएंगे। मेरे शब्दों को लिख कर रख लें।’’ मोदी ने पुष्कर सिंह धामी को 2025 तक उत्तराखंड को देश का सबसे उन्नत राज्य बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी। तभी से देवभूमि को नए सिरे से विकसित करने और रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा करने का अभियान जोर पकडऩे लगा। प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन के लिए सहमति जताई है। 8 दिसंबर को वे देहरादून में होंगे।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले सरकार ने 30 से अधिक उन नीतियों को बदला है , जो निवेश के इच्छुक कारोबारियों और उद्यमियों के मार्ग में बाधक बनती थीं। देश और दुनिया से निवेशकों को उत्तराखंड में लाने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, मंत्रियों और अधिकारियों के समूह ने विदेश में लंदन, बॄमघम, दुबई और अबूधाबी में रोड शो किए। उत्तराखंड में निवेश के लिए विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों के साथ एम ओ यू पर भी हस्ताक्षर किए। इन देशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी लोगों से भी मिले। देश में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, अहमदाबाद और चेन्नई में और राज्य में भी रुद्रपुर, देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में भी रोड शो और निवेशकों से मिलने और एम.ओ. यू पर हस्ताक्षर के समय पर सी.एम. ने अपनी उपस्थिति बनाए रखी।
राज्य के अन्य सभी जिलों में यह जिम्मेदारी सहयोगी मंत्रियों और अधिकारियों की टीम को सौंपी गई। राज्य में आप्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की स्थापना भी की गई। इसके सदस्य वर्तमान डी.जी.पी. अभिनव कुमार, सचिव नियोजन मीनाक्षी सुंदरम, उद्योग विभाग के पूर्व निदेशक सुधीर नौटियाल और मुख्यमंत्री के सचिव विनय शंकर पांडेय हैं। वरिष्ठ आई.ए.एस. शैलेश बगोली इस सेल के कोऑर्डिनेटर हैं। उत्तराखंड मूल के उन एन.आर.आई. की सूची भी बनाई गई है, जो भविष्य में निवेशक बन सकते हैं। उनसे सरकार लगातार संपर्क बनाए रखेगी। राज्य में उद्यम स्थापित करने में जमीन बाधा न बने इसलिए 6 हजार एकड़ भूमि का लैंड बैंक बनाया गया है।
परिणाम सामने है। मुख्यमंत्री धामी के मुताबिक राज्य सरकार ने अढ़ाई लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया था। इतने एम.ओ.यू. हो चुके हैं। 9 दिसंबर तक और अधिक बढऩे की संभावना से सम्मेलन की तैयारियों में जुटी टीम उत्साहित है। सी.एम. का कहना है कि राज्य सरकार ऐसे निवेश प्रस्तावों को सबसे अधिक तरजीह दे रही है जिनसे रोजगार पैदा होने की संभावनाएं अधिक हैं। उद्योग, शिक्षा, सिविल एविएशन, हैल्थ केयर, रियल एस्टेट, पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर, न्यू स्टार्ट अप, फूड प्रोसैसिंग, ऊर्जा और बिजली और ग्रीन एनर्जी सहित तमाम विषयों पर विमर्श भी होगा और समझौते भी।
सरकार को लगता है कि देश-विदेश से 5000 से अधिक डैलीगेट आने वाले हैं। 3 हजार को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। 200 ऐसे निवेशक भी हैं,जिनको मुख्यमंत्री कार्यालय से आमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। कुछ को तो राज्य अतिथि का दर्जा देकर उनके लिए हैलीकॉप्टर सेवा की तैयारी भी की गई है । तमाम आई.ए.एस. अफसरों को भी ड्यूटी पर तैनात किया गया है। सी.एम. व्यक्तिगत स्तर पर सारी तैयारियों की मॉनिटरिंग और दिशा निर्देश दे रहे हैं। सी.एम. का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में उत्तराखंड भी अपनी भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा है।
वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए समझौतों को हकीकत में जमीन पर उतारने के लिए भी ग्राऊंडिंग पर सरकार का पूरा फोकस है। 2018 के निवेशक सम्मेलन में सरकार का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए हर क्षेत्र के निवेश करार को मूर्त रूप देने के लिए बड़े अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त कर उत्तरदायी बनाया है। सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शिरकत कर सकते हैं। समापन समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से आग्रह किया गया है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उनकी सरकार और राज्य के अधिकारियों के लिए इस वैश्विक निवेशक सम्मेलन की सफलता उत्तराखंड को देश का सबसे तेजी से विकसित होते राज्य के रूप में स्थापित करने की ऐसी परीक्षा है, जिसमें आगे जाने की असीम संभावनाएं बनी हुई हैं।-निशीथ जोशी