‘हर्ष फायरिंग’ का लगातार बढ़ता रुझान बदल रहा - ‘खुशी को मातम में’
punjabkesari.in Saturday, Feb 18, 2023 - 03:37 AM (IST)
विवाह-शादियों, नव वर्ष, त्यौहारों और खुशी के अन्य अवसरों पर भला किसका मन नहीं मचल उठता! ऐसे में कई बार व्यक्ति ज्यादा ही जोश में आकर कुछ ऐसा कर बैठता है जिससे उसे जीवन भर पछताना पड़ता है। परिणाम सोचे बिना जोश में गोली चलाकर खुशी व्यक्त करने का रिवाज भारत सहित विश्व के अनेक देशों में प्रचलित है। इससे कई बार लोगों के प्राण भी चले जाते हैं जिससे खुशी के मौके दर्दनाक हादसों में बदल जाते हैं। ऐसी ही मात्र डेढ़ महीने के दौरान सामने आई चंद दर्दनाक घटनाएं निम्र में दर्ज हैं :
* 31 दिसम्बर और 1 जनवरी की दरम्यानी रात को शिमोगा में नव वर्ष-2023 के स्वागत के लिए आयोजित पार्टी में एक व्यक्ति ने अपनी बंदूक से गोली चला दी जिससे एक युवक की मौत हो गई।
* 3 जनवरी को नई दिल्ली में उपचाराधीन युवक की मौत हो गई जो कुछ दिन पूर्व बरेली में अपने मित्र की बहन की शादी के समारोह में ‘हर्ष फायरिंग’ के परिणामस्वरूप घायल हो गया था।
* 14 जनवरी को नई दिल्ली के ‘जोनापुर’ गांव में जन्मदिन की पार्टी में शामिल एक युवक ने अंधाधुंध गोलियां चला दीं जिससे पार्टी में शामिल एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
* 25 जनवरी को जबलपुर (मध्य प्रदेश) में एक विवाह के लगन समारोह में अपने दोस्तों के साथ नाच रहे युवक ने गोली चला दी जो वहीं नाच रहे एक अन्य युवक को लगने से उसकी मृत्यु हो गई।
* 28 जनवरी को पटना (बिहार) में एक धार्मिक शोभायात्रा के दौरान ‘हर्ष फायरिंग’ से शोभायात्रा में शामिल एक युवक की जान चली गई।
* 5 फरवरी को बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) के ‘बीबीनगर’ में एक सगाई समारोह में एक युवक ने गोली चला दी जिससे एक युवक की मौत हो गई।
* 6 फरवरी को अलवर (राजस्थान) के ‘खेड़ली’ गांव में शादी की रस्मों के दौरान अचानक किसी मेहमान ने ताबड़तोड़ कई फायर कर दिए। इससे अचानक तमंचा गर्म होकर फट जाने से उसके टुकड़े निकट ही खड़े दूल्हे के भतीजे व एक महिला को जा लगे जिससे दोनों की मृत्यु हो गई।
* 7 फरवरी को नालंदा (बिहार) के गांव ‘परमानंद बीघा’ में एक बच्ची के जन्मदिन की पार्टी के दौरान केक काटने के तुरंत बाद पार्टी में शामिल कुछ युवाओं ने पिस्तौल लहराते हुए नाचना शुरू कर दिया। इस दौरान गोली चल जाने से मोहित कुमार नामक एक वर्ष के बच्चे की जान चली गई।
* 7 फरवरी को कानपुर (उत्तर प्रदेश) के ‘सरसौल’ में एक विवाह समारोह में जयमाला के दौरान ‘हर्ष फायरिंग’ में किसी व्यक्ति की चलाई गोली लगने से दूल्हे की भाभी की मौत हो गई।
* 7 फरवरी को ही मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में अपने मकान की छत से घुड़चढ़ी की रस्म देख रही एक महिला ‘हर्ष फायरिंग’ के दौरान अवैध तमंचे से चलाई गोली लगने से गंभीर घायल हो गई।
* 10 फरवरी को जांजगीर चापा (छत्तीसगढ़) में जिला कांग्रेस के उपप्रधान राघवेंद्र प्रताप सिंह के बेटे शांतनू तथा परिवार के अन्य सदस्यों ने एक विवाह समारोह में पिस्तौल लहराते हुए हवा में गोलियां चला दीं जिससे इलाके में दहशत फैल गई। इस संबंध में पुलिस ने राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा उनके बेटे से 4 दर्जन के लगभग जिंदा कारतूस बरामद किए।
* 15 फरवरी को थाना सदर पट्टी (पंजाब) के गांव ‘झुग्गियां कालका’ में शादी समारोह में दूल्हे के मौसेरे भाई ने नाचते समय राइफल से फायर करने शुरू कर दिए व एक गोली दूल्हे के जीजा को लगने से उसकी मृत्यु हो गई।
सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद विवाह तथा अन्य समारोहों में ‘हर्ष फायरिंग’ रुकने का नाम नहीं ले रही। अत: इससे होने वाली दुखद घटनाओं को देखते हुए विभिन्न समारोहों में शराब और शस्त्रास्त्र के इस्तेमाल पर प्रतिबंध कठोरतापूर्वक लागू करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही ऐसे समारोहों में ‘हर्ष फायरिंग’ करने वालों पर भारी जुर्माने और गिरफ्तारी का प्रावधान होने के साथ-साथ दोषी व्यक्ति के हथियार का लाइसैंस भी जब्त होना चाहिए ताकि खुशी के मौके मातम में न बदलें और परिवार न उजड़ें।—विजय कुमार
