कोविड-19 ‘दुष्प्रचार’ के पीछे चीन

Friday, Jun 12, 2020 - 11:01 AM (IST)

यूरोपियन यूनियन ने चीन और रूस पर कोरोना वायरस महामारी को लेकर दुष्प्रचार चलाने का आरोप लगाया। यूरोपियन यूनियन के बीच दुष्प्रचार अभियान चलाने को लेकर ब्रसल्स द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं। यूरोपियन यूनियन ब्लाक ने कोरोना वायरस महामारी के बारे में झूठे तथ्यों की एक विशाल लहर से निपटने के लिए योजना बनाई। यूरोपियन कमिशन ने कहा कि रूस और चीन यूरोपीय संघ उसके पड़ोस तथा वैश्विक स्तर पर एक दुष्प्रचार अभियान चला रहे हैं। हालांकि रूस के खिलाफ आरोप कई अवसरों पर लगाए गए हैं। यह पहली बार है कि जब यूरोपीय संघ (ई.यू.) के कार्यकारी ने सार्वजनिक रूप से चीन तथा रूस का नाम लिया है। 

फ्रांसीसी राजनेता उस समय उग्र हो गए थे जब चीनी दूतावास की वैबसाइट ने अप्रैल के मध्य यह दावा किया था कि देखभाल करने वाले श्रमिकों ने लोगों को मरने के लिए छोड़ कर अपनी नौकरियां त्याग दी थीं। एक अज्ञात चीनी कूटनीतिज्ञ ने भी ऐसा ही झूठा दावा किया था कि 80 फ्रैंच सांसदों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख कैटरोस आदानम घेबरेआसिस  के खिलाफ एक नस्लवादी टिप्पणी की थी। यूरोपियन आयोग के उपाध्यक्ष ने रिपोर्टों को बताया कि उनका मानना है कि अगर उनके पास सबूत हैं तो उन्हें इसका नाम उजागर करना चाहिए।यूरोपियन देश के सदस्य देश अर्थव्यवस्था से लेकर विदेशी और सुरक्षा तक कई मोर्चों पर चीन के साथ कैसे जूझ रहे हैं। 2019 की रिपोर्ट के अनुसार यूरोपियन आयोग ने चीन को  एक प्रणालीगत प्रतिद्वंद्वी के रूप में वॢणत किया है जिसके कई सदस्य देशों ने देखा कि पेइचिंग में आक्रामक सरकार के साथ यूरोपीय संघ कैसा व्यवहार कर रहा है। यूरोपीय संघ के आयोग ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक फटकार भी लगाई क्योंकि उन्होंने एक विचित्र सुझाव दिया था कि कोरोना वायरस के उपचार के लिए ब्लीच का इस्तेमाल करें। 


अमरीकी राष्ट्रपति का नाम लिए बिना आयोग के एक दस्तावेज में कहा गया है कि इस तरह के झूठे दावे बहुत हानिकारक हो सकते हैं। बैल्जियम के जहर नियंत्रण केंद्र ने  ब्लीच से संबंधित घटनाओं की संख्या में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। यूरोपीय संघ के उपाध्यक्ष वेरा जरोवा ने कहा कि जब हम जैसे राजनेता फिर वो चाहे राष्ट्रपति हो या नौकरशाह, कुछ कहते हैं तो हमें जवाबदेह होना पड़ता है। हमें इस बात में सक्षम होना चाहिए कि कोई व्यक्ति तथ्यों को जाने और जांचे। आयोग ने सोशल मीडिया कम्पनियों को दुष्प्रचार पर एक स्वैच्छिक संहिता पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रोत्साहित किया है और उनके असफल रहने पर धमकी भी दी है। शोधकत्र्ताओं के साथ डाटा सांझा करने के लिए अधिक पारदर्शी होने की मांग की गई है। चीनी स्वामित्व वाली वीडियो शेयरिंग एप टिकटॉक अभ्यास संहिता पर हस्ताक्षर करने वाली नवीनतम कम्पनी बन गई है तथा फेसबुक, गूगल, ट्विटर और मोजिला की पसंद के साथ शामिल हो गई।    (द गार्जियन)

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