गुरुद्वारा कमेटी में आर्थिक संकट : ‘तालीम’ पर लग सकता है ताला

punjabkesari.in Friday, May 27, 2022 - 04:19 AM (IST)

19 जुलाई, 1965 में जत्थेदार संतोख सिंह की पहल पर दिल्ली के सिख बच्चों को अच्छी शिक्षा, गुरबाणी, गुरमुखी और अंग्रेजी की तालीम एक छत के नीचे मिले, के मकसद से स्थापित किए गए श्री गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूलोंं पर बड़ा संकट आ गया है। स्कूलों को संचालित करने वाली संस्थाओं के गैर-जिम्मेदाराना रवैये के चलते कभी भी तालाबंदी की नौबत आ सकती है। कहते हैं कि जत्थेदार संतोख सिंह को दर्द था कि सिखों के बच्चे क्रिश्चियन कान्वैंट स्कूलों में जाकर अपने धर्म और विरासत से दूर चले जाएंगे। इससे बचने के लिए दिल्ली में इंडिया गेट पर पहला गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल खोला गया। स्कूल से अफसर, जज, फौजी जरनैल, उद्योगपति सहित बड़े बुद्धिजीवी निकले। लेकिन बदलते समय के अनुसार कमेटी प्रबंधकों ने ध्यान नहीं दिया और आज स्कूलों में आर्थिक संकट पैदा हो गया है। 

बाद में दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में 12 स्कूल खुले। करीब 4000 कर्मचारी हैं। स्कूलों में नर्सरी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई हो रही है। इस समय करीब 14,000 बच्चे पढ़ रहे हैं। इन स्कूलों का नुक्सान राजनीतिक दखलअंदाजी ने ज्यादा किया है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा संचालित इन स्कूलों में जब से रेवड़ी की तरह मैनेजरी बंटने लगी, तभी से इनका स्तर नीचे गिरता गया। अधिकारियों ने अपने परिवार और रिश्तेदारों की पहले पक्की भर्ती करवाई, फिर नियमों के विपरीत जाकर मनमानी प्रोमोशन और भत्ते बढ़वाए। इन्हीं सबके चलते आज स्कूलों पर 150 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज खड़ा हो गया है। 

हालांकि, इस आर्थिक बदहाली के लिए सभी कमेटियां बराबर की भागीदार रही हैं। कर्मचारी 7वें वेतन आयोग के हिसाब से सैलरी और भत्ते मांग रहे हैं। इसे लेकर वे अदालत गए हुए हैं। अब तक कुल 41 याचिकाएं दिल्ली की अदालतों में डाली जा चुकी हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जून को है। उम्मीद जताई जा रही है कि सारा प्रबंधकीय ढांचा कोर्ट के सामने आने के बाद जिम्मेदार प्रबंधकों को अदालत की अवमानना की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

अदालत का डंडा : नवम्बर 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा स्कूलों में 7वें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन देने का आदेश देने के बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी मुश्किल में आ गई। अदालत ने दिल्ली कमेटी को छठे वेतन आयोग का बकाया, 7वां वेतन आयोग लागू करना, रिटायर हो चुके कर्मचारियों के भत्ते तुरंत देने के लिए आदेश पारित किया था। कमेटी प्रबंधकों ने इसकी भरपाई करने की कोशिश भी की, लेकिन रकम ज्यादा होने के कारण पूरी दे पाना संभव नहीं था। इस बीच स्कूल कर्मचारियों ने अदालत में अवमानना याचिकाएं दाखिल कर दीं। हाल ही में अदालत ने फिर चेतावनी दी कि स्टाफ को उनका बनता हक तुरंत दिया जाना चाहिए। ऐसा न करने पर प्रबंधकों को प्रति याचिका 6 महीने की सजा सुनाई जा सकती है। 

स्कूल सोसायटी का दावा, कर्ज उतारने की जिम्मेदारी उनकी नहीं : गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल सोसायटी की सचिव व इंडिया गेट स्कूल की पिं्रसीपल ने अपने बचाव में हाईकोर्ट की डबल बैंच में चुनौती दी है। सोसायटी की तरफ से दावा किया गया है कि स्कूलों के सिर चढ़े कर्जे की जिम्मेदारी दिल्ली कमेटी और स्कूल सोसायटी की नहीं है। इसकी जिम्मेदार स्कूलों की प्रबंधक कमेटियां हैं। सोसायटी तो अपनी मर्जी से स्कूलों की मदद करती है। याचिका दाखिल होने के बाद सियासत और गर्मा गई है। विरोधी दल भी चुटकी ले रहे हैं। उनका कहना है कि गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल की अभिभावक संस्था दिल्ली कमेटी है और दिल्ली कमेटी के द्वारा ही इन स्कूलों की स्थापना की गई है। स्कूलों में ज्यादातर स्टाफ की भर्ती कमेटी के द्वारा की गई है। 

बंदी सिखों की रिहाई को लेकर सिख जत्थेबंदियों में टकराव : अपनी सजाएं पूरी कर चुके जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई के लिए सिख जत्थेबंदियों का आपस में ही टकराव हो गया है। एस.जी.पी.सी. की ओर से 11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें पंथ की प्रतिनिधि संस्थाओं के नेताओं को शामिल किया गया है। एस.जी.पी.सी. की तरफ से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, कर्नाटक के मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा गया है। एस.जी.पी.सी. की इस कवायद का विरोध भी शुरू हो गया है। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और तख्त श्री पटना साहिब कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह हित को कमेटी से बाहर करने की मांग हो रही है। इसके लिए बाकायदा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल और दिल्ली कमेटी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने मुहिम छेड़ दी है। इस संबंधी एक पत्र भी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को भेजा गया है।

चर्चा यह भी है कि दिल्ली वाले अपनी नई समानांतर कमेटी बनाने वाले हैं। देखना होगा कि उक्त सरकारें किस कमेटी को मिलने का समय देती हैं। बता दें कि करीब 20 कैदी ऐसे हैं जो 20 साल से ज्यादा की सजा काट चुके हैं। गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा 8 सिख कैदियों को छोडऩे का नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिनमें से 2 दविंदर पाल सिंह भुल्लर और गुरदीप सिंह खैहरा अभी तक नहीं छूट पाए हैं।-दिल्ली की सिख सियासत सुनील पांडेय 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News