पंजाब में बढ़ता ‘नशा’ चिंता का विषय

Saturday, Aug 24, 2019 - 01:39 AM (IST)

पंजाब गुरुओं की धरती है। यहां शहीद भगत सिंह जैसे देशभक्त भी पैदा हुए और देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद करवाने में सबसे ज्यादा कुर्बानियां भी पंजाबियों ने ही दीं। देश के अनाज भंडार में सबसे बड़ा योगदान डालने वाला पंजाब आज ‘नशे’ की बहुत बड़ी गिरफ्त में है और पंजाब की युवा पीढ़ी का एक बड़ा हिस्सा चिट्टे, हैरोइन, स्मैक व नशीली दवाइयों की पकड़ में आ चुका है। 

नशे में डूब चुके इन लोगों को बचाने के लिए जब तक पंजाब सरकार एक अच्छी योजना और नीति के साथ ईमानदारी से काम नहीं करती, तब तक नशे में डूब चुके लाखों युवाओं की जिंदगियां बचा पाना संभव नहीं है। अगर  पंजाब के इन लाखों युवाओं की जिंदगियां बचानी हैं तो पंजाब के सभी सामाजिक, धार्मिक व शिक्षण आदि संगठनों, एन.जी.ओ. को आम जनता को साथ लेकर चलना होगा। 

पंजाब में नशा आतंकवाद से भी भयानक रूप धारण करता चला जा रहा है और अगर पंजाब सरकार व पुलिस के साथ-साथ आम जनता नशे का खात्मा करने और नशे में डूब चुके लोगों को बचाने के लिए गंभीर नहीं हुई तो आने वाले कुछ ही समय में हमारे श्मशानघाटों में संस्कार करने के लिए जगह कम पडऩे लगेगी। पंजाब को अगर पूरी तरह से नशा मुक्त करना है तो दिखावे और मीडिया में दावे व प्रचार करना छोड़ कर पुलिस, सरकार व संगठनों को अपनी जी-जान लगा कर ‘नशा विरोधी अभियान’ सफल करना होगा। नशे की इस आग में हमारे परिवार भी जल सकते हैं, इसलिए हमें दूसरों के व अपने परिवारों के बच्चों को नशे की दलदल से बचाना होगा। नशे की सप्लाई बंद करने से पहले ‘नशे की डिमांड’ को बंद करना होगा और ऐसा तभी हो सकता है जब नशा करने वालों की बाकायदा काऊंसङ्क्षलग की जाए और उन्हें नशा छोडऩे के लिए दलीलें देकर प्रेरित किया जाए। 

लड़कियां भी गिरफ्त में आने लगीं : पहले पुरुष व युवा वर्ग नशे की चपेट में था और अब कई लड़कियां भी इस जानलेवा नशे की गिरफ्त में आने लगी हैं। एक जानकारी के अनुसार पंजाब के कई कस्बों, गांवों व परिवारों में नशीले पदार्थ बेचने में महिलाएं भी शामिल हो गई हैं और नशे की डिलीवरी का काम आसान हो गया है। 

एड्स व पीलिया आदि बीमारियां भी बढऩे लगीं : बढ़ते नशे के कारण पंजाब में पीलिया व एड्स के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जब किसी नशेड़ी का नशा टूटता है तो वह नशे के टीके लगाने तक आ जाता है और तब 8-10 नशेड़ी इक_े होकर एक ही सुई से नशे के टीके लगाने लगते हैं, जिससे वे एक-दूसरे से एड्स व अन्य जानलेवा बीमारियां ले लेते हैं। आज पंजाब की सड़कों पर नशे में डूबी हजारों जिंदा लाशें चल रही हैं और उन्हें इस बात का पता होने के बावजूद कि उनका सफर श्मशानघाट की ओर बढ़ रहा है, वे लगातार नशे करते रहते हैं। 

नशे की गिरफ्त में आज अच्छे-अच्छे परिवारों के बच्चे आ चुके हैं। कई नशेडिय़ों ने अपने घरों के जेवरात व कीमती सामान तक को नशे के लिए बेच दिया है। पंजाब में आज लाखों ऐसे परिवार हैं जो अंदर ही अंदर ङ्क्षचताओं के शिकार हो चुके हैं और उनका मानना है कि नशे ने उनके घरों का सुख-चैन व मान-सम्मान छीन लिया है। पहले पंजाब में अफीम और पोस्त का नशा किया जाता था और जब पुलिस ने उसे खत्म करने के लिए सख्ती की तब पंजाब में चिट्टा आ गया और हैरोइन तथा स्मैक आदि नशाले पदार्थ बिकने लगे। पंजाब में आए दिन नशे की ओवरडोज से मौतें हो रही हैं। 

बहुत से युवा नशा छोडऩा चाहते हैं : पंजाब में नशे में डूबे ऐसे बहुत से नौजवान हैं जो आज नशा छोडऩा चाहते हैं और नशे से तंग आ चुके हैं। उनका कहना है कि वे बेबस हैं और उनके कारण उनके परिवारों को बदनामी झेलनी पड़ रही है। वे चाहते हैं कि या तो उन्हें मौत आ जाए या उनका नशा छुड़ा दिया जाए। ऐसे बेबस, रास्ते से भटके नौजवानों को सहारा चाहिए। नशे के कारण ही चोरियां-लूटपाट आदि आपराधिक घटनाएं हो रही हैं और जब ऐसे नशेड़ी अपराधी पकड़े जाते हैं तब उन्हें थानों व जेलों में रखना पुलिस के लिए मुसीबत बन जाता है क्योंकि थानों में पुलिस इनसे सख्ती के साथ पूछताछ नहीं कर सकती और नशे के बगैर इनका थानों में रात काटना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए पुलिस की भी कोशिश होती है कि किसी तरीके से उनका ऐसे चोरों से छुटकारा हो जाए। 

पंजाब में अगर सरकार सचमुच नशों का खात्मा करके नशेड़ी लोगों की जान बचाना चाहती है तो उसके लिए राज्य भर में आधुनिक सुविधाओं से लैस नशा छुड़ाओ केन्द्र बनाए जाएं, जहां आवश्यकता के अनुसार विशेषज्ञ डाक्टर, स्टाफ, तरह-तरह की खेलों का प्रबंध हो और केन्द्रों के इर्द-गिर्द पुलिस की सुरक्षा हो। इन केन्द्रों में नशेडिय़ों को दाखिल करके उनका इलाज शुरू करने के साथ-साथ धार्मिक लोगों का सहयोग लेकर उनकी काऊंसङ्क्षलग की जाए। सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों के लिए कोई नौकरी का प्रबंध करे, जहां ऐसे युवक दिनभर मेहनत करें और उन्हें नशा करने बारे सोचने का समय ही न मिले। जब समाज में नशे की डिमांड खत्म हो जाएगी तो सप्लाई अपने आप ही बंद हो जाएगी।-जे.एस. कुमार
 

Advertising