दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की दादागिरी

Saturday, Nov 27, 2021 - 04:34 AM (IST)

दक्षिण चीन सागर में चीन यानी कि ड्रैगन की आक्रामकता कम होने का नाम नहीं ले रही है। अभी हाल ही में चीनी कोस्टगार्ड जहाजों ने दो फिलीपीनी सप्लाई नौकाओं को शॉल द्वीप पर जाने से रोका और उन पर पानी की बौछार की। चीनी जहाजों ने फिलीपीनी नौकाओं को वापस जाने को बाध्य कर दिया, इसके बाद फिलीपींस की नौकाएं जो शॉल द्वीप पर अपने सैनिकों के लिए रसद लेकर जा रही थीं वह नहीं जा सकीं, उन्हें चीनी जहाजों ने रोक दिया। फिलीपींस के विदेश मंत्री थ्योडोर लॉकसिन जूनियर ने यह जानकारी मीडिया को दी। 

लॉकसिन ने कहा कि हालांकि इस घटना में कोई भी फिलीपीनी घायल नहीं हुआ लेकिन उन्हें अपना अभियान रद्द करना पड़ा जो पश्चिमी पालावान क्षेत्र में शॉल द्वीप पर खाना और रसद पहुंचाने जा रहे थे। इस रसद की प्रतीक्षा शॉल द्वीप पर तैनात फिलीपीनी सैनिक बेसब्री से कर रहे थे। पश्चिमी पालावान क्षेत्र में स्थित शॉल द्वीप फिलीपींस का विशेष आर्थिक इलाका है जिस पर चीन जबरन कब्जा करना चाहता है। थ्योडोर लॉकसिन जूनियर ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि तीन चीनी कोस्टगार्ड जहाजों ने अवैध तरीके से अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त विशेष आर्थिक क्षेत्र की अनदेखी कर फिलीपीनी नौकाओं को आगे नहीं जाने दिया। 

चीन अब भी अपनी दादागिरी पूरे दक्षिण चीन सागर में दिखा रहा है और वह न सिर्फ फिलीपींस बल्कि वियतनाम, ब्रूनेई, इंडोनेशिया, ताईवान और मलेशिया के द्वीपों को भी हड़प चुका है और उन पर सैन्य अड्डे बना रहा है। चीन की इन हरकतों को देख कर साफ हो जाता है कि आने वाले दिनों में चीन अपनी मजबूत सेना और आर्थिक स्थिति का लाभ उठाकर क्षेत्र के छोटे देशों को दबा रहा है और पूरे दक्षिण-पूर्वी एशिया पर अपना प्रभुत्व कायम करना चाहता है। 

चीन समय-समय पर फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान जैसे देशों के समुद्री इलाकों पर अपना अवैध दावा करता आया है और इनके विशेष क्षेत्रों में अवैध तरीके से घुस कर कभी मछलियां पकड़ता है तो कभी तेल की खोज के लिए अपने जहाजों को तैनात करता है। जब इन देशों की नौकाएं और जहाज अपने द्वीपों पर जाने लगते हैं तो उन्हें जोर-जबरदस्ती से भगा देता है। चीन यह दावा करता है कि 7 शॉल द्वीप चीन के इलाके हैं और इन इलाकों में चीन ने मिसाइलें तैनात कर रखी हैं। जिससे न सिर्फ दक्षिणी-पूर्वी दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ रहा है बल्कि पश्चिम देशों की सरकारों और अमरीका की ङ्क्षचता भी बढ़ गई है। 

फिलीपींस की सरकार ने चीन की इस हरकत की निंदा की है और अपना आक्रोश मीडिया के जरिए निकाला। चीन ने चोरी और सीना जोरी करते हुए अपने चिर-परिचित अंदाज में दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा, पेइचिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता त्साओ लीचियान ने कहा कि चीनी क्षेत्र में दो फिलीपीनी नौकाएं अवैध तरीके से घुस रही थीं तो चीनी कोस्टगार्ड जहाजों ने चीन की प्रभुसत्ता को बनाए रखते हुए उन्हें चीनी इलाकों से खदेड़ दिया। 

इस घटना के कारण इस समय फिलीपींस में बवाल मचा हुआ है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हरमोजन्स एस्परोन ने मीडिया को बताया कि 2 चीनी कोस्टगार्ड जहाजों ने फिलीपींस की लकड़ी वाली तीन नौकाओं को अपने ही क्षेत्र में आगे जाने से रोका और एक चीनी जहाज ने करीब एक घंटे तक फिलीपींस की 2 नौकाओं पर पानी की बौछार की। इसकी वजह से एक फिलीपीनी नौका को नुक्सान भी पहुंचा जिसका आऊटरिगर पानी की तेज बौछार से टूट गया। 

चीन की कारस्तानियों को दुनिया के सामने रखने के लिए फिलीपींस ने 2014 में कुछेक दर्जन विदेशी पत्रकारों को बुलाया। जब उन्हें शॉल द्वीप पर अपनी नौसेना के जहाजों में ले जा रहा था तो उस समय दो चीनी कोस्टगार्ड के जहाजों ने फिलीपीनी जहाजों का रास्ता दो बार रोकने की कोशिश की। चीनी कोस्टगार्ड की बदमाशी यहीं नहीं रुकी, उन्होंने अपने रेडियो संदेश से फिलीपीनी जहाजों को तुरन्त वो इलाका छोडऩे को कहा और चेतावनी दी कि इस समय वह चीनी जल क्षेत्र में है जबकि फिलीपीनी जहाज अपने देश की समुद्री सीमा में थे। 

इस क्षेत्र में अमरीकी नौसेना लड़ाकू विमानों से गश्त लगाती है जिससे इस क्षेत्र के देशों को चीन से कोई खतरा न रहे। चीन इस समय दादागिरी करते हुए अमरीका को भी चेतावनी देता है कि वह दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में न आए और यह क्षेत्रीय मामला है जिससे अमरीका को दूर रहना चाहिए लेकिन अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फिलीपींस और क्षेत्र के दूसरे देशों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। आपसी  रक्षा संधि के चलते वह फिलीपींस की पूरी तरह रक्षा करेगा।

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