डा. सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप पत्र और मेरे जवाब

Monday, Aug 06, 2018 - 04:36 AM (IST)

राज्यसभा सांसद ने मेरे ऊपर हमला करते हुए डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाए कि मैं 21वीं सदी का सबसे बड़ा ‘नटवरलाल’ हूं और मेरे विरुद्ध उन्होंने 8 पेज की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजकर, सी.बी.आई. जांच करवाने की मांग की। उनका आरोप पत्र लेकर उनके 2 सहयोगी वकील हवाई जहाज से पिछले हफ्ते लखनऊ गए और मुख्यमंत्री योगी जी को शिकायत का हर बिन्दू समझाया। इसके साथ ही डा. स्वामी ने अपने शिकायत पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। 

इस शिकायत पत्र में लगाए गए आरोपों को पढ़कर किसी को भी डा. स्वामी के लगाए आरोपों पर यकीन नहीं हुआ। हमने भी बिना देरी किए सभी आरोपों के जवाब, मय प्रमाणों के प्रस्तुत कर दिए। जबकि डा. स्वामी से हमने दो महीने पहले पूछा था कि आज तक उन्होंने भ्रष्टाचार के कितने मुद्दे उठाए और उनमें से कितनों में सजा दिलवाई। जैट एयरवेज-एतिहाद डील के खिलाफ  उन्होंने खूब शोर मचाया और सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की और फिर धीरे-धीरे अपनी याचिका को कई बार बदलकर ठंडा कर दिया। हमने पूछा था कि अय्याश और बैंकों के हजारों-करोड़ों रुपए लूटकर विदेश भागने वाले, शराब निर्माता विजय माल्या से बेहतर चरित्र का क्या कोई व्यक्ति डा. स्वामी को जीवन में अपनी जनता पार्टी के लिए नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि डा. स्वामी ने 2003 से 2010 के बीच विजय माल्या को अपनी जनता पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। 

हमने पूछा कि क्या डा. स्वामी भाजपा के प्राथमिक सदस्य हैं। अगर नहीं तो उन्हें भाजपा का वरिष्ठ नेता क्यों कहा जाता है? हमने पूछा कि अगर वह इतने ही पाक-साफ  हैं, तो अंतर्राष्ट्रीय दलाल, हथियारों के सौदागरों के एजैंट, कुख्यात तांत्रिक चंद्रा स्वामी और अदनान खशोगी  से डा. सुब्रमण्यन स्वामी के इतने घनिष्ठ संबंध क्यों थे? डा. स्वामी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निकटस्थ लोगों पर हमले करते रहते हैं। हमने पूछा कि क्या उन्हें मोदी जी की योग्यता पर शक है और वे स्वयं को मोदी से बेहतर प्रशासक मानते हैं? पिछले दिनों डा. स्वामी ने खुलेआम कहा था कि भारत की  अर्थव्यवस्था को सुधारने की क्षमता केवल उनमें है इसलिए उन्हें भारत का वित मंत्री बनाना चाहिए। हमने पूछा कि कहीं यह विश्वनाथ प्रताप सिंह की तरह इतिहास तो नहीं दोहराएंगे? पहले वित मंत्री बनाओ, फिर प्रधानमंत्री और अमित शाह के खिलाफ  मोर्चा खोलेंगे और फिर खुद प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पेश करेंगे। 

हमने पूछा कि वे भ्रष्टाचार के सब मुद्दे ट्विटर और मीडिया पर ही क्यों उछालते हैं  जबकि उनके पास राज्यसभा में बोलने का सशक्त माध्यम है। कारण स्पष्ट है कि राज्यसभा में उठाए मुद्दों के प्रति उनकी जवाबदेही बन  जाएगी। तब उन्हें डील करके ठंडा करना आसानी से संभव नहीं होगा। इधर मुझ पर डा. स्वामी का पहला आरोप है कि मैंने ब्रज वृंदावन में सैंकड़ों-करोड़ों की सार्वजनिक भूमि पर कब्जा कर लिया। मेरा उन्हें जवाब है कि वृंदावन में मेरे पैतृक निवास के अतिरिक्त मेरे नाम या मेरी संस्था ब्रज फाऊंडेशन के नाम मथुरा के राजस्व रिकार्ड में वे एक इंच जमीन भी सिद्ध करके दिखा दें तो मैं कड़ी से कड़ी सजा भुगतने को तैयार हूं।

उनका दूसरा आरोप यह है कि मेरे सहयोगी आई.आई.टी. के मेधावी छात्र राघव मित्तल ने मथुरा की युवा सी.डी.ओ. से बदतमीजी की। हमारा उत्तर यह है कि हमने योगी सरकार को  दो बड़े घोटालों में फंसने से बचाया, जिसके प्रमाण मौजूद हैं, जिससे मथुरा के कुछ भ्रष्ट नेता बेचैन हो गए, जो इन घोटालों में मोटा कमीशन खाते। इसलिए पिछले वर्ष से ब्रज फाऊंडेशन पर तरह-तरह के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं ताकि हम उनकी भविष्य की योजना पर पलीता न लगा सकें। हम पर उनका तीसरा आरोप यह था कि ब्रज का पर्यटन मास्टर प्लान बनाने के लिए हमने उत्तर प्रदेश शासन से 57 लाख रुपए फीस ली, काम बिगाड़ दिया और झगड़ा कर लिया। हमारा उत्तर है कि पैसा ब्रज फाऊंडेशन को नहीं ‘आई.एल.एफ.एस.’ को मिला, जो हमारा लीड पार्टनर था। 

फीस 2 करोड़ 17 लाख मिलनी थी। पर पर्यटन विभाग और एम.वी.डी.ए. एक-दूसरे पर टालते रहे और 1.5 करोड़ रुपया फीस उन पर आज भी बकाया है जबकि ब्रज फाऊंडेशन के बनाए मास्टर प्लान के तत्कालीन पर्यटन सचिव सुशील कुमार और भारत के योजना आयोग के सचिव डा. सुभाष पाणि ने लिखकर भारी प्रशंसा की और इसे बेमिसाल बताया था।-विनीत नारायण

Pardeep

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