डंकी रूट : सपनों का सफर या मौत का मायाजाल
punjabkesari.in Sunday, Dec 31, 2023 - 06:09 AM (IST)

डंकी रूट आज बेहद ही ट्रैंड में है, मानो हर युवा इसे सपनों का सफर मानने लगा हो। लेकिन क्या यह तरीका वास्तव में उतना आसान है? क्या वह मंजिल जिसे पाने के लिए आज लाखों लोग अपनी जिंदगी का सब कुछ दांव पर लगा रहे हैं वह उन्हें मिल पाती है?
पहले तो यह समझना जरूरी है कि इस शब्द का अर्थ क्या है, ‘डंकी’ शब्द पंजाबी कहावत पर आधारित है जिसका अर्थ होता है एक जगह से दूसरी जगह कूदना। यह शब्द 2014 में विश्व स्तर पर प्रचलन में आया जब इसे इमिग्रेशन पालिसी आर्गेनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट में प्रकाशित किया। डंकी फ्लाइट के जरिए अपने विदेश में रहने के सपने को पूरा करने के लिए लोग ऐसे रास्ते को चुनते हैं जो न केवल गैर-कानूनी बल्कि बेहद खतरनाक भी है।
अमरीका की बात करें तो जिन लोगों को अमरीका का वर्क वीजा नहीं मिलता वे किसी दक्षिण अमरीकी देश का टूरिस्ट वीजा प्राप्त कर मैक्सिको-अमरीका के बॉर्डर को पार कर अमरीका में शरणार्थी बनकर घुसने की कोशिश करते हैं। वहीं कुछ लोग कनाडा के जरिए इसी तरह अमरीका में घुसने का प्रयास करते हैं। अमरीका में घुसने के बाद भी संभावना है कि ऐसे लोगों को, जिन्हे वहां गैर-दस्तावेजी आप्रवासी की श्रेणी में गिना जाता है, वापस उनके देश निर्वासित कर दिया जाए। मैक्सिको के रास्ते अमरीका में घुसने का प्रयास करने वाले आप्रवासियों को सैंट्रल अमरीका के घने जंगलों से और कहीं-कहीं तो समुद्र के रास्ते भी पार करने होते हैं। रास्ते में न केवल जंगली जानवर बल्कि मानव तस्करी, मादक पदार्थ तस्करी गिरोह और न जाने कितने खतरों से जूझना पड़ जाता है। सैंकड़ों की तादाद में लोग अपनी जान गंवा देते हैं, जिनका आधिकारिक आंकड़ों में अंकित होना भी लगभग असंभव है।
भारत के संदर्भ में देखा जाए तो हमारा देश अमरीका में अवैध आप्रवासियों के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है, जबकि यूनाइटेड किंगडम में भारत दूसरा बड़ा देश है। युवा पीढ़ी पाश्चात्य सभ्यता को अपनाने, बेहतर आय, बेहतर जीवन स्तर के अवसरों की तलाश में पश्चिमी देशों में बसने का सपना संजोती है। हरियाणा-पंजाब के सन्दर्भ में देखा जाए तो सॢवस सैक्टर का संभावित से कम दर से विकास भी कम रोजगार के अवसरों में कमी और अंतत: बेहतर अवसरों हेतु बाहरी विकल्पों की तलाश का कारण बनता है।
इसमें हमारा मनोरंजन उद्योग यानी फिल्म, टी.वी., म्यूजिक वीडियो का भी योगदान है, जिनमे मुख्य किरदारों के अनगिनत ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाएंगे जिनमे वे या तो विदेश में पढ़कर लौटे हैं या बेहतर अवसरों की तलाश में वहां जा रहे हैं। ऐसे चलचित्रों में दर्शाया जाता है कि कैसे इन किरदारों की जिंदगी बेहतरीन है, इससे यह धारणा विकसित होती है कि विदेश में अनगिनत अवसरों की भरमार है। जबकि जमीनी हकीकत इसके विपरीत है, अमरीका की बात करें तो सैंट्रल अमरीका से आने वाले आप्रवासियों को रोकने के लिए लगातार प्रयास करने को सरकार मजबूर है। न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, कैलिफोॢनया समेत लगभग सभी काम ढूंढने और रहने के लिए आदर्श माने जाने वाले राज्यों में निराश्रय लोगों की संख्या लाखों पार कर चुकी है।
न्यूयार्क की सरकार ने तो बेघर लोगों के लिए दुनिया में कहीं भी जाने के लिए एकतरफा टिकट का विकल्प भी जारी किया है। नौकरी की छंटनी लगातार जारी है जिसके चलते और लोग बेरोजगार होंगे और सड़कों पर रहने को मजबूर होंगे। जिसको रोकने के लिए अमरीकी सरकार घरेलू उत्पाद को बढ़ाने और उसमें घरेलू जनसंख्या को नियुक्त करने पर जोर दे रही है। ताजा आंकड़ों की मानें तो केवल मैक्सिको बॉर्डर से अमरीका में घुसते हुए 67000 से ज्यादा भारतीयों को गिरफ्तार किया गया। मंगलवार की ही बात है जब फ्रांस में रोके गए निकारागुआ जाने वाले एक यात्री विमान को वापस भारत भेजा गया, जिसमें 300 से अधिक यात्री थे जिनमें से 25 यात्रियों ने फ्रांस में ही शरण ली।
ऐसे मामलों की गिनती हजारों में है, जिन पर सरकार नजरें गढ़ाए देख रही है। आमजन का ध्यान भी अब डंकी फ्लाइट के इस मायाजाल की ओर केंद्रित हो रहा है। प्रसिद्ध अभिनेता शाहरुख खान की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म डंकी, 2021 में आई शिद्दत जैसी फिल्मों के बाद यह मामला और भी तेजी से लोगों की नजरों में आ रहा है। सभी उदाहरणों से यह तो जाहिर है कि आज हमारे देश का युवा एक ऐसे सपने के पीछे अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को दाव पर लगा रहा है जो शायद वास्तव में कहीं अस्तित्व ही नहीं रखता। इससे बचने के लिए हमें सबसे पहले अपनी सोच को बदलना होगा। अवसर ढूंढने की बजाय अवसर बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। बदलते रोजगार बाजार हेतु तैयारी तेज करनी होगी। सरकार की सांझेदारी पंजाब, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों में सेवा क्षेत्र यानी सॢवस सैक्टर के विकास में निर्णायक साबित हो सकती है।-अखिल नाथ