गांव व वंचित की अनदेखी न हो

punjabkesari.in Wednesday, Aug 17, 2022 - 06:27 AM (IST)

लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य के परिदृश्य के बारे में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की, ‘भारत में अब टेक-ऐड है’। उद्योग, अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर विचार करना हमेशा बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे सीधे आम लोगों के जीवन से संबंधित हैं। 

अब अगर कोई आम जीवन से वैश्विक स्तर पर देखे तो प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शासन का एक महत्वपूर्ण आयाम है। यह भी कहा जाता है कि इसे उत्पादन के अतिरिक्त कारक के रूप में भी शामिल किया जाना चाहिए। इस बात में दोराय नहीं कि प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था की प्रकृति को बदलने के लिए भी जिम्मेदार है। पहले यह भूमि, श्रम, पूंजी, उद्यम था जो महत्वपूर्ण थे लेकिन आज गति बदल रही है। प्रौद्योगिकी के प्रति सही अभिविन्यास के साथ, यह उद्यमिता का अग्रदूत हो सकता है। 

अब हर देश की अर्थव्यवस्था प्राकृतिक संसाधनों या भौतिक योगदान के बजाय बौद्धिक क्षमताओं पर बहुत अधिक निर्भर है। यही कारण है कि ज्ञान अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति अब किसी भी देश की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। वैश्वीकरण 4.0, उद्योग 4.0, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन अब किसी भी विषय के लिए महत्वपूर्ण विषय है। यह एक-दूसरे से संबंधित होने के साथ-साथ एक-दूसरे के पूरक भी हैं। यह  केवल अकादमिक पुस्तकों या वाद-विवाद तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि आम लोग भी उनके परिणामों से जूझ रहे हैं। सरल शब्दों में समझा जाए तो टेक ऐड का कलाम स्पष्ट संदेश दे रहा है कि प्रौद्योगिकी के प्रभाव से संचालित दशक के लिए अब कमर कसनी होगी। ऐसा नहीं है कि पहले हम वहां नहीं थे, लेकिन अब नई दिशा समन्वय की जरूरत है। 

अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति पर प्रकाश डालें तो लगभग 15 वर्षों में दक्षिण कोरिया एक ज्ञान अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हुआ। कई तेल पर निर्भर देश भी खुद को ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस संदर्भ में भारत को 5जी (5जी) के साथ वैब 3.0 (वैब 3.0) के लिए नेतृत्व करने के सभी प्रयासों को चैनलाइज करना चाहिए। मजबूत स्थानीय बाजार होना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। इस घरेलू ताकत को फिर वैश्विक नेतृत्व की ओर मोडऩा चाहिए। स्थानीय और वैश्विक का यह सही समन्वय सॉफ्टवेयर उत्पाद, निर्माण उद्योग में एक महत्वपूर्ण ब्रांड स्थापित करने में सहायक हो सकता है। 

उदाहरण के लिए भारत में ऑटोमोटिव उद्योग दुनिया में सबसे बड़े में से एक है। हम इलैक्ट्रिक वाहनों की ओर एक परिवर्तन भी देख रहे हैं। लेकिन आज भी बुनियादी ढांचे, अच्छी सड़कों, इंटरनैट कनैक्टिविटी, जमीनी, ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा के मुद्दे को संबोधित करने की जरूरत है। प्रौद्योगिकी के उदय ने घर के विचार को फिर से परिभाषित किया है। हर समय स्मार्ट फोन से लेकर निरंतर हैशटैग में जीवन बदल रहा है। महामारी ने भी दिखाया कि घर कैसे कार्य स्थलों, स्कूलों, कार्यालयों, कॉलेजों के रूप में कार्य करते हैं। टेक ऐड में कार्य-जीवन संतुलन को अब गंभीरता से लेना होगा। 

प्रौद्योगिकी अब हमारे जीवन, आजीविका की निर्णायक शक्ति है। यह आवश्यक है कि हम सुनिश्चित करें कि आने वाला दशक समावेशिता पर आधारित हो। ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतें,अतीत की गलतियों में सुधार, वंचित समाज जैसे वृद्ध व्यक्तियों, महिला विकलांग के नजरिए को समझते हुए, इन्हें संबोधित किया जाना चाहिए। ‘टेक-ऐड’ अब मात्र किताबी शब्द नहीं है, इसने जीवन, अर्थव्यवस्था, समाज, उद्योग, संस्कृति में विभिन्न तरीकों से अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी है। यह समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से जन कल्याण के लिए महत्वपूर्ण होगा।-डा. आमना मिर्जा
 


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