डायबिटीज और वैल-बीइंग : अपनी जिंदगी की कमान खुद थामें!

punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 05:07 AM (IST)

आज विश्व मधुमेह दिवस है। मधुमेह वह बीमारी नहीं है जो जीवन की रफ्तार रोक दे। यह वह मोड़ है जहां आप खुद को बेहतर बनाने का फैसला लेते हैं। भारत में लाखों लोग डायबिटीज के साथ जी रहे हैं। ये अपना काम पूरा कर रहे हैं और अपने ख्वाब भी पूरे कर रहे हैं। 
फर्क बस इतना है कि उन्होंने अपने स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी और सकारात्मकता को चुना है। सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि डायबिटीज जीवन को कमजोर नहीं, बल्कि लापरवाह करती है। सबसे बड़ी ताकत यह है कि डायबिटीज सही आदतों और सही नजरिए के साथ नियंत्रण में आ सकती है। अपने शरीर को बदलने की क्षमता आपके भीतर ही है। रोज 3 से 45 मिनट चलना, योग करना, स्ट्रैंथ टैनिंग जोडऩा,ये छोटे कदम आपके शरीर को नई ऊर्जा देते हैं। आज उठाया गया एक कदम कल की दवा की जरूरत कम कर सकता है। हर दिन आपकी जीत है। दरअसल हमें हमारे खान-पान पर ध्यान देने की आवश्यकता है। 

प्लेट में हरी सब्जियां, दालें, सलाद और संतुलित भोजन आपके शरीर को सहारा देते हैं। संयम आपकी सबसे बड़ी शक्ति है। सवाल यह नहीं कि आप क्या नहीं खा सकते, सवाल यह है कि आप क्या सही खा सकते हैं। तनाव शूगर से तेज नहीं भागता लेकिन सकारात्मकता भागती है। 10 मिनट ध्यान, थोड़ा-सा समय अपने लिए परिवार का सहयोग, छोटी चीजें मानसिक शक्ति को दवा से भी ज्यादा मजबूती देती हैं। आंखें, किडनी और ब्लड प्रैशर की जांच यह बताती है कि आप अपने स्वास्थ्य को महत्व देते हैं। यह आपकी जागरूकता है, कमजोरी नहीं। यह समझना भी जरूरी है कि डायबिटीज आपकी पहचान नहीं है।

आपकी पहचान है आपका अनुशासन, आपकी आदतें, आपकी सकारात्मकता और बेहतर जीवन जीने का आपका निर्णय। जो लोग डायबिटीज के साथ भी सक्रिय, संतुलित और खुशहाल जीवन जी रहे हैं, उन्होंने कोई जादू नहीं किया। उन्होंने बस शुरूआत की है। आज ही वह शुरूआत आपकी भी हो सकती है। भारत में मधुमेह के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। लगभग 212 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। भारत में टाइप 2 डायबिटीज सबसे आम है जो 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत मामलों में पाई जाती है। इनमें से 136 मिलियन लोगों को प्री-डायबिटीज है, एक ऐसी स्थिति जिसमें मधुमेह होने का खतरा बहुत अधिक होता। ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास के इलाकों में डायबिटीज का प्रसार अधिक है जबकि प्री-डायबिटीज का प्रसार गैर-ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है। 

औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण जीवनशैली में बदलाव  जैसे कि शारीरिक गतिविधि में कमी और खाद्य पदार्थों का अत्याधिक सेवन, मधुमेह के बढ़ते मामलों का एक प्रमुख कारण है। अत्यधिक प्रोसैस्ड और वसायुक्त भोजन, जैसे चिप्स और कुकीज भी डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं। अनुवांशिक और पर्यावरण के कारक भी भारत में मधुमेह के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। एक डिजिटल हैल्थकेयर प्लेटफॉर्म की रिपोर्ट के अनुसार भारत में टैस्ट किए गए हर दो में से एक व्यक्ति में ब्लड शूगर का स्तर बढ़ा हुआ आता है या फिर अनियमित पाया गया है। यह रिपोर्ट संकेत देती है कि देशभर में डायबिटीज और प्री-डायबिटीज के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। मधुमेह का प्राथमिक लक्षण है ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, आंखों की रोशनी कम होना, चोट या जख्म भरने में देर लगना, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन रहना, बार-बार फोड़े-फुसिंयां निकलना, हाथ, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म होना आदि।-डा. श्वेता बंसल (एंडोक्राइनोलॉजिस्ट)


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