अमरीकी राजनीति में उम्र पर छिड़ी बहस

punjabkesari.in Sunday, Jul 21, 2024 - 05:15 AM (IST)

जब नवंबर में अमरीकी मतदान के लिए जाएंगे तो उन्हें जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच एक परिचित विकल्प का सामना करना पड़ेगा जो 2020 के चुनाव के वही दावेदार थे। यह निर्णय मुश्किलों से भरा है क्योंकि मतदाता 2 खराब विकल्पों में से बेहतर को चुनने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

मौजूदा राष्ट्रपति बाइडेन को अपनी उम्र और बहस के प्रदर्शन को लेकर जांच का सामना करना पड़ा है, जबकि ट्रम्प कानूनी परेशानियों के बावजूद समर्थन का एक मजबूत आधार बनाए हुए हैं। ट्रम्प को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी की घटना जैसी हालिया घटनाओं ने राजनीतिक परिदृश्य को और अधिक ध्रुवीकृत कर दिया है, जिससे अमरीका के नेताओं की उम्र और फिटनैस पर बहस तेज हो गई है। जो बाइडेन को डैमोक्रेटिक प्राइमरी में कोई खास विरोध का सामना नहीं करना पड़ा, हालांकि जून में खराब बहस के प्रदर्शन ने उनकी फिटनैस को लेकर चिंताएं पैदा कीं। 

ट्रम्प ने 2020 के चुनाव को पलटने के अपने कथित प्रयासों से संबंधित कानूनी मुद्दों का सामना करने के बावजूद आसानी से रिपब्लिकन नामांकन हासिल कर लिया। उनका अभियान सीमा सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है, साथ ही उनके सामने आने वाली कानूनी चुनौतियों से संबंधित शिकायतों को भी संबोधित करता है। 13 जुलाई को पेनसिल्वेनिया में एक रैली में हुई गोलीबारी की घटना, जिसमें 20 वर्षीय युवक ने ट्रम्प पर गोली चलाई, जिससे वे मामूली रूप से घायल हो गए और एक राहगीर की मौत हो गई। यह घटना अमरीकी लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौतियों को उजागर करती है। इस घटना ने ट्रम्प के समर्थकों को उत्साहित कर दिया है, जो मानते हैं कि इससे नवंबर में उनके जीतने की संभावना बढ़ सकती है। 

राष्ट्रपति बाइडेन अपनी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं के बावजूद फिर से चुनाव चाहते हैं। उनके लंबे राजनीतिक करियर में 3 दशक से अधिक समय तक सीनेट में रहना और बराक ओबामा के अधीन उप-राष्ट्रपति के रूप में काम करना शामिल है। उनके राष्ट्रपति पद की अवधि में अमरीका को उच्च मुद्रास्फीति और अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बाइडेन को सी.एन.एन. प्रैजीडैंशियल डिबेट के दौरान अपने कथित कमजोर और अनिश्चित प्रदर्शन के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिससे कई मतदाता यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या वे राष्ट्रपति बनने के लिए बहुत बूढ़े हैं। नेताओं की उम्र को लेकर बहस तेज हो गई है, खास तौर पर राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच। अगर वे चुने जाते हैं, तो उद्घाटन दिवस पर बाइडेन 82 वर्ष के होंगे, जबकि ट्रम्प 78 वर्ष के होंगे। 

अप्रैल 2024 की प्यू रिसर्च सैंटर की रिपोर्ट ने संकेत दिया कि केवल 15 प्रतिशत मतदाता राष्ट्रपति पद के लिए बाइडेन की शारीरिक फिटनैस के बारे में ‘बहुत आश्वस्त’ थे, जबकि 21 प्रतिशत मतदाता उनकी मानसिक फिटनैस के बारे में भी ऐसा ही महसूस करते हैं। शारीरिक फिटनैस के लिए ट्रम्प का आत्मविश्वास स्तर 36 प्रतिशत और मानसिक क्षमता के लिए 38 प्रतिशत अधिक था। संयुक्त राज्य अमरीका में औसत आयु लगभग 39 वर्ष है, फिर भी इसके कई शीर्ष नेता काफी अधिक उम्र के हैं। 81 वर्षीय राष्ट्रपति जो बाइडेन और 78 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमरीकी राजनीति में सबसे बुजुर्ग व्यक्तियों में से हैं। औसत अमरीकी सीनेटर 64 वर्ष का है। 

2022 के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि आधे से अधिक अमरीकियों का मानना है कि निर्वाचित अधिकारियों के लिए एक आयु सीमा होनी चाहिए, जिसमें 39 प्रतिशत ने सुझाव दिया कि यह सीमा 70 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि उम्र बढऩे से याददाश्त जैसे संज्ञानात्मक कार्य प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन यह निर्धारित करने के लिए कोई सार्वभौमिक सीमा नहीं है कि कोई व्यक्ति नेतृत्व के लिए कितना बूढ़ा है। आयुवाद, जो अक्सर वृद्ध लोगों की क्षमताओं को कमजोर करता है, एक व्यापक रूप से बहस का मुद्दा बना हुआ है। हालांकि, नेल्सन मंडेला और वॉरेन बफेट जैसे व्यक्ति यह प्रदर्शित करते हैं कि केवल उम्र ही किसी व्यक्ति की प्रभावशीलता को निर्धारित नहीं करती है और लोग अपने बुढ़ापे में भी सार्थक योगदान दे सकते हैं। अमरीकी संविधान के अनुसार राष्ट्रपति की आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए, लेकिन कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है। सर्वेक्षण किए गए लगभग 80 प्रतिशत अमरीकी वयस्क संघीय निर्वाचित अधिकारियों के लिए ऊपरी आयु सीमा का समर्थन करते हैं। 

भारत के अलावा, ब्राजील (लूला, 77), बंगलादेश (शेख हसीना, 76) और इंडोनेशिया (प्रबोवो सुबियांटो, 72) जैसे देशों का नेतृत्व भी 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोग कर रहे हैं। इस प्रवृत्ति ने एक बहस को जन्म दिया है। कुछ लोग तर्क देते हैं कि वृद्ध नेता अनुभव और स्थिरता लाते हैं, जबकि अन्य चिंता करते हैं, वे युवा पीढ़ी की जरूरतों से दूर हो सकते हैं। जैसा कि हम नेतृत्व में उम्र की बहस को आगे बढ़ाते हैं, नेताओं की उम्र के बजाय उनके प्रदर्शन और प्रभावशीलता पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। जबकि उम्र बढऩे से संज्ञानात्मक कार्य प्रभावित हो सकते हैं, प्रभावी नेतृत्व क्षमता और अनुकूलनशीलता पर निर्भर करता है। प्रभावी नेताओं को यह भी पहचानना चाहिए कि कब पद छोडऩे और अगली पीढ़ी के लिए रास्ता बनाने का समय है।-हरि जयसिंह
 


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