दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता चंद कर्मी बन रहे बदनामी का कारण
punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2024 - 05:39 AM (IST)
देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली की पुलिस से अधिक अनुशासित होने की उम्मीद की जाती है परंतु स्थिति इसके विपरीत ही प्रतीत होती है। दिल्ली पुलिस के अनेक सदस्य भ्रष्टाचार व अन्य आरोपों में लगातार पकड़े जा रहे हैं, जो इसी वर्ष की निम्न घटनाओं से स्पष्ट है :
* 6 जनवरी, 2024 को दिल्ली में सी.बी.आई. ने सागरपुर पुलिस थाने के सब-इंस्पैक्टर को शिकायतकत्र्ता से 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। आरोप है कि उक्त सब-इंस्पैक्टर शिकायतकत्र्ता तथा उसके रिश्तेदारों को गिरफ्तार न करने के बदले में 1 लाख रुपए रिश्वत मांग रहा था।
* 11 जनवरी को दिल्ली में सी.बी.आई. ने सैंट्रल रेंज, दिल्ली के हैड कांस्टेबल को शिकायतकर्ता से 4000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
* 8 फरवरी को जामिया नगर थाने के सब-इंस्पैक्टर को सी.बी.आई. ने एक आपराधिक मामले को कमजोर करने और नौकरानी तथा गार्ड को गिरफ्तार न करने के बदले में 45,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
* 25 फरवरी को दिल्ली में नंद नगरी पुलिस थाने के सब-इंस्पैक्टर पंकज को सी.बी.आई. ने 40,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
* 23 अप्रैल को सी.बी.आई. ने एक शिकायत के आधार पर शिकायतकत्र्ता के घर पर बिना किसी परेशानी के कंस्ट्रक्शन की अनुमति देने के बदले में 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए शाहदरा थाने के हैड कांस्टेबल को गिरफ्तार किया, जबकि 2 पुलिस कर्मी फरार हो गए।
* 27 मई को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिले के वसंत कुंज साऊथ इलाके में एंटी नार्कोटिक्स सैल के 5 पुलिस कर्मचारियों ने दिल्ली पुलिस तथा हरियाणा पुलिस में तैनात कांस्टेबलों को अपने कुछ दोस्तों के साथ एक गाड़ी में शराब पीते हुए पकड़ा था।
पहले तो इन्होंने शराब पीने वालों को जम कर पीटा और फिर उन्हें छोडऩे के एवज में 10 लाख रुपए की रिश्वत ले ली परंतु यह रकम लेने के बाद भी उन्हें छोड़ा नहीं गया। इस मामले में शराब पीने वालों की शिकायत पर अधिकारियों ने एंटी नार्कोटिक्स सैल के पांचों आरोपी पुलिस कर्मियों को 31 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजने के साथ-साथ बर्खास्त भी कर दिया है।
* 29 जून को हरियाणा के चरखी दादरी जिले में दिल्ली पुलिस के एक जवान ने किसी बात पर अपने बहनोई से नाराज होकर गांव ‘घसोला’ में सरकारी मशीनगन से अंधाधुंध 40 राऊंड फायरिंग कर दी, जिससे एक व्यक्ति की मौत और 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
* 12 जुलाई को दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल ने जफराबाद मैट्रो स्टेशन पर दिल्ली पुलिस के एक ए.एस.आई. मनीष तथा उसके साथी रवि को एक करोड़ रुपए मूल्य के नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया।
* 19 जुलाई को सी.बी.आई. ने दिल्ली के तीन थानों में छापेमारी करके 5 पुलिस कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया।
* 20 जुलाई को सी.बी.आई. ने हौज खास थाने में तैनात सब इंस्पैक्टर युद्धवीर सिंह यादव को 2.5 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए तथा पटपडग़ंज औद्योगिक क्षेत्र में तैनात हैड कांस्टेबलों सुधाकर तथा राजकुमार को 50,000 रुपए की राशि में से आंशिक भुगतान के रूप में 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
* 23 जुलाई को सुबह 6 बजे सी.बी.आई. ने सरिता विहार थाने में छापा मार कर एस.आई. राजकुमार तथा ए.एस.आई. रघुराज को दहेज प्रताडऩा के मामले में मुकद्दमा रद्द करने के एवज में 35000 रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों का ऐसा आचरण आपत्तिजनक एवं दंडनीय होने के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी खतरा सिद्ध हो सकता है। अत: ऐसा करने वाले पुलिस कर्मियों को कठोर और शिक्षाप्रद दंड देने के साथ-साथ ऐसे कदम उठाने की तुरंत आवश्यकता है, जिससे पुलिस जैसे महत्वपूर्ण विभाग में इस तरह के कृत्यों पर रोक लगे और विभाग की भी बदनामी न हो। —विजय कुमार