1000 ‘लापता’ लोगों को ढूंढ चुका कांस्टेबल पांडे

punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2019 - 02:57 AM (IST)

मुम्बई पुलिस के पास गोल्डन स्पर्श वाला एक कांस्टेबल है, जिसने अनेकों लापता व्यक्तियों को ढूंढ निकाला है। इसका नाम कांस्टेबल राजेश पांडे है। 2011 से लेकर अभी तक वह लापता लोगों के 1000 मामलों को सुलझा चुका है। पांडे की योग्यता से प्रभावित होकर पूर्व पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय पडसलिगकर ने अपहरण के मामलों को सुलझाने के लिए पांडे के नाम पर 2018 में ‘पांडे माड्यूल’ बनाया। 31 दिसम्बर को पांडे का जन्मदिन है मगर उसने अपने घर पर 1993 से लेकर कभी भी जन्मदिन नहीं मनाया। 

अपने करियर के दौरान पांडे ने कई पुलिस स्टेशनों पर अपनी ड्यूटी निभाई। लोकल आम्र्स यूनिट के साथ वह 12 वर्षों तक जुड़ा रहा। 2011 में पांडे का तबादला सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में हो गया। वहां पर उसे एक लापता बच्चे को ढूंढने का केस मिला, जिसको उसने उत्तर प्रदेश से ढूंढ निकाला। पांडे ने कहा कि एक रात में बच्चे को ढूंढ कर उसने अपनी ड्यूटी को निभाया। अपनी ड्यूटी को वह अपने शब्दों में बयां नहीं कर पाया। अपनी नौकरी से ही पांडे का पेट भरता है। 

लोकल आम्र्स यूनिट से पांडे का तबादला मलाड, सांताक्रूज, अंधेरी स्टेशन के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण पुलिस थानों में हुआ। पांडे ने इन पुलिस स्टेशनों पर रहते हुए सभी लापता मामलों को हल किया तथा अपने रिकार्ड में लापता लोगों की शून्य विरासत छोड़ी। अभी तक इस कांस्टेबल ने 400 नाबालिगों तथा 600 वयस्कों को ढूंढ निकाला है। वह एस.एस.सी. फेल है तथा अपनी शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाया है। न ही कोई विशेष ट्रेनिंग पाई है। नौकरी में रहते ही पांडे ने सब कुछ सीखा। इस विलक्षण कार्य का श्रेय पांडे अपने पिता को देता है, जो खुद पुलिसमैन थे।    


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