सामूहिक नेतृत्व का कांग्रेसी फॉर्मूला

Saturday, May 05, 2018 - 03:33 PM (IST)

कांग्रेस आलाकमान की संगठन में फेरबदल की कवायद को खेमों में बंटे कांग्रेसी क्षत्रपों को एकजुट करने के रूप में देखा जा रहा है। संतुलन साधने की कोशिश के तहत किसी चेहरे को मुख्यमंत्री के रूप में पेश नहीं किया गया है। क्या अंतिम समय में किए गए बदलाव से पार्टी को भाजपा के सामने चुनौती पेश करने की ताकत मिल पाएगी या एक बार लेट-लतीफी का खमियाजा भुगतना पड़ेगा? 

लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस में सांगठनिक फेरबदल की चर्चा गर्म थीं और इसके लिए कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। मामला लगभग बराबरी का था लेकिन दिग्विजय सिंह द्वारा कमलनाथ को खुले समर्थन के बाद से स्थिति बदल गई। कई और फैक्टर भी मददगार साबित हुए, जैसे उनका अपना कोई गुट न होना, पार्टी के लिए संसाधन जुटाने की उनकी क्षमता और सभी गुटों के साथ उनके संबंध।- जावेद अनीस

jyoti choudhary

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