कर्मचारियों के लिए उम्मीदों की ध्वजवाहक बनी कांग्रेस

Monday, Jul 25, 2022 - 05:49 AM (IST)

एक तरफ कमर तोड़ महंगाई और दूसरी तरफ कर्मचारी हितों के प्रति भाजपा सरकार की उदासीनता ने कर्मचारी वर्ग को आहत और व्यथित कर रखा है। चाहे मुद्दा ओल्ड पैंशन स्कीम की बहाली का हो या आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई ठोस नीति बनाए जाने का, सरकार इस बारे दरियादिली दिखाने की बजाय आश्वासनों के मायाजाल में मामले को लटकाने की नीति अपनाए हुए है। इससे कर्मचारियों में असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है। 

लोकतांत्रिक व्यवस्था में कर्मचारी वर्ग किसी भी सरकार की रीढ़ होता है और सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाने में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। कर्मचारी अगर विपरीत परिस्थितियों में भी पूरी निष्ठा से अपने दायित्व का निर्वहन करता है तो किसी भी कल्याणकारी सरकार का यही फर्ज बनता है कि वह कर्मचारियों के हितों की भी पूरी रक्षा करे और उनकी न्यायोचित मांगों की अनदेखी न करे। लेकिन हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी वर्ग सरकार से हताश और निराश है। 

ओल्ड पैंशन स्कीम की बहाली को लेकर कर्मचारी बार-बार सड़कों पर उतर रहे हैं। आऊटसोर्स कर्मचारी भी संघर्ष का बिगुल फूंक चुके हैं। लेकिन सरकार ने इन वर्गों की मांग को पूरा करने के लिए न तो कोई ठोस पहल की है और न ही कर्मचारियों का विश्वास जीतने की कोई ईमानदार कोशिश। प्रदेश के रैगुलर कर्मचारियों और पैंशन भोगियों को अभी तक नए वेतन आयोग के एरियर का भुगतान तक नहीं हो पाया। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि करुणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे 5,000 से अधिक परिवार महीनों से धरना-प्रदर्शन पर बैठे हैं और सरकार मौन धारण किए हुए है। 

प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस लगातार कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाए हुए है। अतीत में भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकारें हमेशा कर्मचारियों के हित को सर्वोपरि रखती आई हैं और उनको कभी भी उनके हकों से वंचित नहीं रखा। प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भी इस बात को भली-भांति जानता है कि 2003 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने ही उनकी पैंशन स्कीम बंद की थी। 

खुद को हर वर्ग का हितैषी कहने वाली केंद्र की मोदी सरकार ने भी पैंशन बहाली के लिए कोई कदम नहीं उठाए। लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकारों ने ओल्ड पैंशन स्कीम को लागू करके पूरे देश में यह संदेश दिया है कि कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के हितों की सच्ची पहरेदार है। हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस ने यह संकल्प लिया है कि सत्ता में आने के पहले दिन ही ओल्ड पैंशन स्कीम लागू कर दी जाएगी व आऊटसोर्स कर्मचारियों को भी न्याय प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के लाखों कर्मचारी और पैंशनर अब उम्मीद से कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं। 

देश के 2 कांग्रेस शासित राज्यों में ओल्ड पैंशन स्कीम लागू होने के बाद हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों की उम्मीदों की ध्वजवाहक बन गई है। प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भी अब खुले रूप से इस बात को स्वीकार कर रहा है कि उनके हितों की सही मायनों में रक्षा कांग्रेस सरकार ही कर सकती है। प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और कर्मचारियों द्वारा लगातार ओल्ड पैंशन स्कीम की बहाली को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है, जिस वजह से सरकार द्वारा इस विषय पर आंखें मूंदे रखना अब आसान नहीं रह गया।-राजेन्द्र राणा(विधायक हिमाचल प्रदेश)
 

Advertising